सेबी ने रिलायंस पर ठोका 11 करोड़ का जुर्माना

sebiमुंबई। भारतीय प्रतिभूति व विनिमय बोर्ड (सेबी) ने भेदिया कारोबार को लेकर कड़े तेवर अपना लिए हैं। बाजार नियामक सेबी ने मुकेश अंबानी की रिलायंस पेट्रोइन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड (आरपीआइएल) पर 11 करोड़ रुपये का जुर्माना ठोका है।

आरपीएल रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआइएल) की सहयोगी कंपनी है। नियामक ने इस कंपनी को इंडियन पेट्रोकेमिकल्स कॉर्प लिमिटेड (आइपीसीएल) के शेयरों में भेदिया कारोबार (इनसाइडर ट्रेडिंग) करने का दोषी पाया है।

आरपीआइएल ने 2007 में आइपीसीएल के शेयरों में सौदा करते हुए भेदिया कारोबार नियमों को ताक पर रख दिया था। गलत सौदों के जरिये अंबानी की कंपनी ने 3.82 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था। आइपीसीएल एक सरकारी कंपनी थी, जिसे रिलायंस इंडस्ट्रीज ने खरीद लिया था। कुछ समय तक यह शेयर बाजार में एक अलग लिस्टेड कंपनी बनी रही। प्रमोटर समूह की इकाई होने के नाते आरपीआइएल को आइपीसीएल के आरआइएल में विलय की जानकारी पहले से थी। इसके आधार पर ही कंपनी ने 22 फरवरी, 2007 से आठ मार्च, 2008 के बीच सौदे किए थे। सेबी की जांच के दौरान यह तथ्य सामने आया। उस वक्त मुकेश आइपीसीएल के भी चेयरमैन थे।

नियामक ने इसी मामले में अंबानी के करीबी मनोज मोदी व उसकी पत्नी को भेदिया कारोबार के आरोपों से बरी कर दिया। वैसे, आरपीआइएल ने नवंबर, 2011 में सेबी की सहमति से मामले के निपटारे की व्यवस्था के तहत आवेदन किया था। मगर नवंबर, 2012 में नियामक ने कंपनी की इस याचिका को खारिज कर दिया था।

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