EPFO कर सकेगा पांच साल के लिए एफडी

भविष्य निधि खाते में जमा रकम पर अगले वर्ष बेहतर रिटर्न मुहैया कराने की तैयारी में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) अभी से जुट गया है। मंगलवार को ईपीएफओ की इस तैयारी पर सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी (सीबीटी) ने अपनी मुहर भी लगा दी। इसके मुताबिक अब ईपीएफ की रकम को बैंकों के मियादी जमा खाते में पांच वर्ष की अवधि के लिए जमा किया जा सकेगा। अल्पावधि निवेश और सरकारी बैंक के जमा सर्टिफिकेट (सीओडी) में निवेश के लिए भी बोर्ड से मंजूरी मिल गई है। हालांकि निजी कंपनियों में निवेश की सीमा बढ़ाने पर बोर्ड सदस्यों ने अपनी सहमति नहीं दी।

सेंट्रल प्रॉविडेंट फंड कमिश्नर आरसी मिश्रा ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि ब्याज दर में इजाफे के लिए बाजार से बेहतर रिटर्न मिलना जरूरी है। सीबीटी की मंजूरी मिलने से ईपीएफओ को निवेश से अधिक उगाही करने में मदद मिलेगी। लेकिन निजी कंपनियों में निवेश की सीमा बढ़ाने और निवेश के लिए कंपनियों के चुनाव के नियमों में लचीलापन लाने पर फिलहाल सीबीटी के सदस्य सहमत नहीं हैं। इस बाबत उन्होंने फिर से विस्तृत ब्यौरा तैयार करने को कहा है, जिस पर अगली बैठक में चर्चा की जाएगी।

इसके अलावा कम समय के लिए उधार की व्यवस्था कोलैट्रल बॉरोइंग लेडिंग ऑबलिगेशन (सीबीएलओ) के जरिए करने की अनुमति भी संगठन को मिल गई है। इससे पहले रिजर्व बैंक भी इस प्रस्ताव पर अपनी मंजूरी दे चुका है। उल्लेखनीय है कि पहले ईपीएफओ मियादी जमा में एक वर्ष के लिए ही निवेश कर पाता था। जिससे परिपक्वता अवधि पर संगठन को मनमाफिक रिटर्न नहीं मिलता था। लेकिन अब अधिकतम पांच वर्ष के लिए निवेश किया जा सकेगा। मालूम हो कि फिलहाल संगठन के पास 3.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा राशि जमा है, जिसका अलग-अलग क्षेत्रों में सुरक्षित निवेश किया जाता है।

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