बंद होंगे 17 क्षेत्रीय स्टॉक एक्सचेंज

देश के क्षेत्रीय स्टॉक एक्सचेंजों का भविष्य तय हो गया है। सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने ऐसे एक्सचेंजों के संचालन के लिए महीने भर पूर्व तय की गई शर्तों में संशोधन से इंकार कर दिया है। इससे अब देश में कोलकाता को छोड़ अन्य 17 क्षेत्रीय स्टॉक एक्सचेंजों का बंद होना तय है। इस खबर से कानपुर स्थित यूपी स्टॉक एक्सचेंज का स्टाफ मायूस है।

सेबी ने जून में क्षेत्रीय स्टॉक एक्सचेंजों के संचालन के लिए कई शर्तें तय की थीं। इसके तहत एक्सचेंज की नेटवर्थ सौ करोड़ होने के अलावा उसे अपना प्लेटफॉर्म तैयार करना जरूरी था। साथ ही सालाना कारोबार भी कम से कम एक हजार करोड़ होना आवश्यक किया गया था। सेबी ने स्पष्ट कर दिया था कि दो वर्ष के भीतर यदि ये शर्तें पूरी होती हैं, तभी एक्सचेंज चलाने की अनुमति मिलेगी, वरना उन्हें बंद कर दिया जाएगा। इन शर्तों के कारण एक-दो को छोड़कर देश के अन्य सभी क्षेत्रीय स्टॉक एक्सचेंजों का भविष्य अधर में नजर आने लगा था।

इन एक्सचेंज के पदाधिकारियों ने सेबी चेयरमैन से शर्तों पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया था। इस पर मंगलवार 7 अगस्त को यूपी, राजस्थान, दिल्ली, गुवाहाटी, भुवनेश्वर, मद्रास, बंगलूरू, कोचीन, इंदौर, लुधियाना के क्षेत्रीय एक्सचेंजों के प्रतिनिधि मुंबई पहुंचे। यूपी स्टॉक एक्सचेंज के चेयरमैन केडी गुप्ता ने बताया कि सभी ने सेबी चेयरमैन यूके सिन्हा से स्पष्ट कहा कि इन मुश्किल शर्तों के साथ काम करना संभव नहीं होगा। उनसे गुजारिश की गई कि इनमें संशोधन करके थोड़ी रियायत दी जाए।

केडी गुप्ता ने तर्क दिया कि सालाना ट्रेडिंग व्यवसाय और नेटवर्थ की शर्त क्षेत्र व कारोबार के लिहाज से रखी जाए। वहीं प्लेटफॉर्म तैयार करने में खर्च होने वाला 15-20 करोड़ रुपया भी जुटाना मुश्किल है। इन मांगों को सेबी ने मानने से इंकार कर दिया और कहा कि शर्तों में कोई संशोधन नहीं किया जाएगा। गुप्ता के मुताबिक सेबी के इस रुख से देश के 17 महत्वपूर्ण क्षेत्रीय स्टॉक एक्सचेंजों का बंद होना तय है। केवल कोलकाता एक्सचेंज इन शर्तों को पूरा करता है, इसलिए फिलहाल वह चलता रहेगा।

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