करोड़ों लोगों की वंशावली बंद है बहियों में

तीर्थ यात्रा की दृष्टि से पुष्कर का विशेष महत्व है। चारों धामों की यात्रा के बाद भी तीर्थ यात्रा तभी पूरी मानी जाती है, जब पुष्कर सरोवर में डुबकी लगाई जाए। हरिद्वार की भांति यहां भी श्रद्धालु अपने परिजन की मुक्ति की कामना के लिए अस्थि विसर्जन करते हैं। पीढ़ी दर पीढ़ी आने तीर्थ यात्रियों … Read more

यायावर पत्रकार श्री महावीर सिंह चौहान नहीं रहे

वरिष्ठ पत्रकार श्री महावीर सिंह चौहान। एक विलक्षण व्यक्तित्व। यायावरी मिजाज। पत्रकारिता में भिन्न पहचान बनाई उन्होंने। हाल ही उनका देहावसान हो गया। बतौर पत्रकार तकरीबन चालीस साल के काल खंड में शीर्ष पर रहे इस शख्स की विदाई के साथ एक ऐसा सितारा अस्त हो गया, जिसे वर्षों तक याद किया जाएगा। वे लंबे … Read more

जब तीर्थराज पुष्कर सरोवर का पानी बन गया घी

बताते हैं कि जब मुद्रा चलन में नहीं आई थी, तब वस्तु विनिमय किया जाता था। लोग एक दूसरे की जरूरत की वस्तुओं का आदान-प्रदान किया करते थे। प्रकृति भी इसी व्यवस्था पर काम करती है। वस्तु के बदले वस्तु मिलती है। कहते हैं न कि जो बोओगे, वही काटोगे। यानि कि प्रकृति में इस … Read more

अजमेर हिंदी बोलने वाला इकलौता शहर

यह बहुत दिलचस्प तथ्य है कि राजस्थान में इकलौता शहर अजमेर ऐसा है, जहां की आम बोली हिंदी है। अन्य सभी शहरों, यथा जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, कोटा, बीकानेर इत्यादि में हालांकि हिंदी भी चलन में है, मगर आम बोलचाल की भाषा थोड़ा-थोड़ा अंतर लिए हुए राजस्थानी ही बोली जाती है। आम आदमी की बोली हिंदी … Read more

कहां चली गई अजमेर की भूत बावड़ी !

1960 के दशक तक अजमेर में अनेक बावड़ियां चर्चित थीं – भांग बावड़ी, चांद बावड़ी, कुम्हार बावड़ी, कातन बाय, भाटा बाय, आम्बा बाय, आम वाला तालाब, कमला बावड़ी और भूत बावड़ी। अंग्रेजों के शासनकाल में कर्नल डिक्सन ने अजमेर में बीस से भी अधिक बावड़ियां खुदवाई थीं। जल स्रोतों के रूप में यहां चांदी का … Read more

कभी फिल्मी पोस्टर लगा करते थे यहां

अजमेर के वरिष्ठ पत्रकार जनाब मुजफ्फर अली ने फिल्मी पोस्टर्स पर एक बहुत दिलचस्प स्टोरी लिखी है। इसे सुन कर आपको बहुत अच्छा लगेगा। पेश है वह स्टोरी कभी कभी बचपन में देखी- सुनी जगह या बातें हमेशा के लिए ज़ेहन में बैठ जाती हैं और फिर वक्त बदलने पर भी उस जगह का पुराना … Read more

लोकगीत व मुहावरों में अजमेर

यह सामग्री अजमेर एट ए ग्लांस पुस्तक से ली गई है, जिसमें अजमेर के इतिहास, वर्तमान व भविष्य का विस्तार से वर्णन मौजूद है। राजस्थान के लोकगीत व मुहावरों में अजमेर का उल्लेख कई जगह आता है। यथा प्रसिद्ध लोक कथा ढोला-मरवण की पंक्तियां देखिए, जिनमें आनासागर, पुष्कर व बीसला तालाब की जिक्र हुआ है- … Read more

राजनीति इंसानियत भी छीन लेती है?

राजनीति में न दोस्ती और न ही दुश्मनी स्थाई होती है। ऐसा कहा जाता है। है भी। यानि कि राजनीतिक संबंध अस्थाई होते हैं। असल में वह नफे-नुकसान का मामला है। उनमें सामान्य मानवीय व्यवहार व सदाशयता का कोई मूल्य नहीं होता। चलो जैसा भी है, ठीक है। मगर क्या राजनीतिक व्यक्ति निरपेक्ष रूप से … Read more

सादगी की मिसाल थे पूर्व पार्षद श्री भागचंद दौलतानी

पूर्व निर्दलीय पार्षद श्री भागचंद दौलतानी का हाल ही देहावसान हो गया। वे सादगी की मिसाल थे। सदैव हंसमुख व मिलनसारिता के कारण लोकप्रिय थे। जनसेवा का जज्बा उनमें युवा अवस्था से था। खासकर गरीबों की सेवा करने में उनको आनंद आता था। हालांकि उनकी राजनीति में कोई गहरी दिलचस्पी नहीं थी, मगर जनता की … Read more

अद्भुत सपने सा वेन्यू चार सितारा होटल सरोवर पोर्टिको

रुपए 599 मात्र में इनॉग्रल हेल्दी एंड डिलिशस डिनर बूफे फूड ऑफर वाला बर्थडे, किटी बिजनेस पार्टी और कॉर्पोरेट कॉन्फ्रेंस का मन चाहे से भी अच्छा स्थान स्वीमिंग पूल साइड पार्टी स्पेस, टेरिस गार्डन, रेस्टोरेंट व बार का अकल्पनीय नजारा शहर के 360 डिग्री व्यू को दर्शाते सुपर लग्जीरियस 88 कमरे और तीन बैंक्वेट हॉल … Read more

कौतुहल पैदा करती है कोस मीनार

आपने अजमेर जयपुर मार्ग सडक के किनारे मीनारें देखी होंगी। उन्हें कोस मीनार कहा जाता है। कोस मीनार ईंट या पत्थर से बनी बेलनाकार संरचनाएं होती हैं। यह मुगलकालीन भारत की एक ऐतिहासिक संरचना है, जिसे मुख्य रूप से सड़कों के किनारे दूरी मापने के लिए बनाया गया था। ये मीनारें अकबर के शासनकाल 1556-1605 … Read more

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