आदमी स्त्रैण तो किन्नर, औरत में पौरुष तो झांसी की रानी?

यह कैसी उलटबांसी है कि आदमी अगर तनिक स्त्रियोचित व्यवहार करे तो उसे किन्नर करार दे कर हेय दृष्टि से देखा जाता है, उपहास किया जाता है, खिल्ली उडाई जाती है, जबकि कोई स्त्री यदि पुरुषोचित व्यवहार या काम करे तो उस पर गर्व करते हैं, उसे झांसी की रानी की उपाधि दे दी जाती … Read more

स्मार्ट सिटी के कार्यों की सीबीआई से जांच की जाए-धर्मेश जैन

अजमेर में बाढ़ के जो हालात उत्पन्न हुए हैं, उस पर गहरा रोष व्यक्त करते हुए वरिष्ठ भाजपा नेता और नगर सुधार न्यास के पूर्व धर्मेश जैन ने मांग की है कि स्मार्ट सिटी के कार्यों की सीबीआई जांच कराई जाए। उन्होंने अफसोस जाहिर किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाने की … Read more

सुकून संन्यास में भी नहीं है?

कुछ विद्वानों को आपने यह कहते सुना होगा कि वानप्रस्थ व संन्यास आश्रम में जितनी तपस्या है, उससे कहीं अधिक तपस्या गृहस्थ में है। असल तपस्या गृहस्थ में ही है। वह इसलिए कि संसार में बहुत संघर्श है, समस्याएं हैं, अहम का टकराव है, वर्चस्व की होडा होडी है। तलवार की धार पर चलने के … Read more

श्रीकृष्ण भी तो अपने क्लोन बनाते थे

आजकल ह्यूमन क्लोनिंग अर्थात मानव प्रतिरूपण की बहुत चर्चा है। यानि किसी भी मानव का प्रतिरूप बनाया जा सकता है। इसकी उपयोगिता और दुरूपयोग पर बहस छिडी हुई है। नैतिकता-अनैतिकता पर सवाल उठ रहे हैं। ऐसा नहीं है कि वर्तमान विज्ञान ने ही इसका अविश्कार किया है। हमारी सनातन संस्कृति में भी इसका स्पश्ट उल्लेख … Read more

*लानत है खाकी वर्दी की ऐसी मर्दानगी पर!*

*▶️जयपुर में शिप्रा थाने की पुलिस ने सेना के कमांडो को निर्वस्त्र कर पीटा* *▶️राजस्थान के सैनिक कल्याण मंत्री ने थाने पहुंच कर लगाई पुलिस अफसरों को जमकर फटकार* *▶️जयपुर के पुलिस आयुक्त ने एक एएसआई सहित चार पुलिस कर्मियों को किया लाइन हाजिर* *✍️प्रेम आनन्दकर, अजमेर।* 📱8302612247 *👉शाबाश राजस्थान की पुलिस। वाह क्या मर्दानगी … Read more

भाजपा कांग्रेस से आगे क्यों?

यह सर्वविदित है कि सांगठिनक रूप से भाजपा कांग्रेस से कहीं अधिक मजबूत है। इसके अतिरिक्त भाजपा का मातृ संगठन आरएसएस, आरएसएस के तकरीबन चालीस प्रकल्प और छाया संगठन विहिप व बजरंग दल लगातार बारह महिने सक्रिय रहते हैं। संस्कति से जुड कर तीज त्यौहार व धार्मिक मेलों के भागीदारी निभाते हैं, जबकि कांग्रेस मात्र … Read more

हिंदी के प्रति हम गंभीर क्यों नहीं?

कहने को तो हम हिंदी को अपनी मातृभाशा मानते हैं। इसके प्रति बहुत सम्मान प्रदर्षित करते हैं। मगर सच ये है कि हिंदी में बोलने में षर्म महसूस करते है। खुद को पढा लिखा जताने के लिए हिंदी में बीच बीच में अंग्रेजी षब्दों का प्रयोग जानबूझ कर करते हैं। अफसोसनाक बात ये है कि … Read more

फर्जी पत्रकारिता की पराकाष्ठा

पत्रकारिता कई किस्म की होती है। मुख्य है ईमानदार व पीत पत्रकारिता। इनके अतिरिक्त फर्जी व छद्म पत्रकारिता होती है। ईमानदार पत्रकारिता में पत्रकार अपने कर्म को पूजा की तरह संपादित करता है। बिना किसी लोभ या भय के सच्ची खबर लिखता है। पीत पत्रकारिता में पत्रकार निहित उद्देष्य की पूर्ति के लिए या तो … Read more

दल बदलने पर नेता के साथ पूरे कार्यकर्ता भी जाते हैं?

क्या किसी नेता के पार्टी बदलने पर पार्टी के कार्यकर्ता पूरे के पूरे दूसरी पार्टी में शिफ्ट हो जाते हैं? यह सवाल हाल ही दलबदल या एक गठबंधन से दूसरे गठबंधन में चले जाने से उठ खडा हुआ है। राजनीति की बारीक जानकारी रखने वाले मानते हैं कि हर नेता के साथ पार्टी के कार्यकर्ता … Read more

क्या राज्यपाल के अभिभाषण की परंपरा पर पुनर्विचार होना चाहिए?

राजस्थान की सोलहवीं विधानसभा में पहले सत्र में राज्यपाल का अभिभाशण संपन्न हो गया, इतिहास में दर्ज भी हो गया, चंद दिन बाद उसे लोग भूल भी जाएंगे, हद से हद वर्तमान सत्र तक चर्चा में रहेगा। मगर चंद सवाल पीछे छूट गए हैं। वो यह कि क्या अभिभाशण की परंपरा पर फिर से विचार … Read more

राम मंदिर: विधि विधान से महत्वपूर्ण है आस्था

हिंदू उदार है, कट्टर नहीं, इस कारण उसे फर्क नहीं पडता कि राम मंदिर की प्राण प्रतिश्ठा में पूरे विधि विधान का पालन किया जा रहा है या नहीं, उसकी आस्था तो भगवान राम में है। एक ओर जहां प्राण प्रतिश्ठा की तैयारियां जोर षोर से चल रही है, जिसको लेकर आम आदमी में भारी … Read more

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