देश में अमृतकाल, बजट से मालामाल या बुरे होंगे हाल

अगले वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले यह मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बजट है. केंद्रीय बजट से आम आदमी से लेकर उद्योग जगत को भी कई उम्मीदें हैं, कोरोना महामारी के बाद भारत की घरेलू अर्थव्यवस्था की हालत दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले बेहतर है, फिलहाल भारतीय अर्थव्यवस्था जी 20 … Read more

एक दिन के आर्थिक विशेषज्ञ

*ओम माथुर* मेरा दावा है कि संसद और विधानसभाओं में बैठकर केंद्रीय और राज्य काक्षबजट सुनने वाले आधे से ज्यादा सांसदों,विधायकों एवं बजट आने के बाद इस पर प्रतिक्रिया पेलने वाले अधिकांश नेता बजट के बारे में कुछ नहीं समझते। लेकिन टीवी कैमरों के सामने सभी आर्थिक विशेषज्ञ बन जाते हैं। प्रतिक्रिया देना आसान भी … Read more

रटे रटाये फर्जी जुमले

सत्तापक्ष के लिए सदैव अच्छा और विपक्ष की नज़र में सदैव बुरा *बजट* अखबारों में छापनी बन्द कर देनी चाहिए प्रतिक्रिया *-अमित टंडन-* मेरा मानना यह है कि अब अखबारों को बजट से अगले दिन छापने वाले बजट प्रतिक्रया वाले पेज को बंद कर देना चाहिए। अर्थात बजट प्रतिक्रिया नहीं छापी जानी चाहिए। औचित्य क्या … Read more

माइंड रीडर्स किस विधा का उपयोग कर रहे हैं?

जैसे ही बागेष्वर धाम सरकार और पंडोखर धाम सरकार चर्चा में आए तो दावे प्रतिदावे के बीच माइंड रीडर्स व जादूगर भी विमर्ष में षामिल हो गए। वे बाकायदा इलैक्टॉनिक मीडिया के सामने अपनी कला का प्रदर्षन कर रहे हैं। वे स्वयं कह रहे हैं कि वे कोई चमत्कार नहीं कर रहे, बल्कि वे अपनी … Read more

बाबाओं का झूठा बल, अंधविश्वास का दलदल

हमारा देश वैज्ञानिक दृष्टि से कितना पिछड़ा हुआ है, यह सब रोज-रोज के ऐसे कारनामे देखकर हम समझ सकते हैं, हमारे भारत की महिलाओं में कभी माताएं आती रहती है तो पुरुषों में कभी अमुक आते रहते हैं, आखिर यह अंधविश्वास और पाखंडवाद हमारे देश को किस दलदल में ले जाकर धकेलेगा। हम इसका अंदाजा … Read more

अजमेर में तेलंगाना हाउस व हॉस्टल बनाने की मंजूरी भाजपा शासनकाल में दी गई थी

-अजमेर विकास प्राधिकरण ने जब जमीन आवंटन का डिमांड नोट जारी किया था और राशि जमा कराई गई थी तब भाजपा का ही बोर्ड था -भाजपा राज में बोए गए कांटों की फसल को अब कांग्रेस सरकार सींच रही है -अजमेर विकास प्राधिकरण ने बोर्ड मीटिंग में नक्शा पास कर दिया -नतीजतन अजमेर की जनता … Read more

ग्रामीण चौपालों को लील गई राजनीति

गांव मैं अब न तो पहले जैसे त्योहारों की रौनक है और न ही शादी के वक्त महिलाओं द्वारा गाए जाने गीत। यहां तक की मौत पर हर घर में छा जाने वाला शोक का स्वरूप बदल गया है। पहले गांव में किसी जवान की मौत हो जाने पर उसके अंतिम संस्कार से पूर्व किसी … Read more

क्या भाजपा राजस्थान में गुजरात मॉडल लागू कर पाएगी?

इसी साल राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने हैं। गुजरात के हाल ही संपन्न विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली प्रचंड जीत के बाद राजनीतिक विष्लेशक कयास लगा रहे हैं कि राजस्थान में भी टिकट वितरण में गुजरात मॉडल लागू किया जाएगा। उनका अनुमान है कि तकरीबन चालीस विधायकों के टिकट काट दिए जाएंगे। किन्हीं अर्थों … Read more

खेलों के पीछे शर्मनाक खेल

देश के जो खिलाड़ी विदेशी सरजमीं पर तिरंगे का मान बढ़ाते आए हैं. उन्हें अपने अधिकारों के लिए जंतर मंतर पर धरना देना पड़ रहा है. क्या ऐसे देश खेलों में आगे बढ़ेगा जहां लगातार खेल दुनिया में यौन उत्पीड़न के विवाद बढ़ते जा रहे हैं. देश को मेडल दिलाने वाले इंसाफ की गुहार लगा … Read more

बढ़ती आर्थिक असमानता पर मंथन हो

वैश्विक संस्था ऑक्सफैम ने अपनी आर्थिक असमानता रिपोर्ट में समृद्धि के नाम पर पनप रहे नये नजरिया, विसंगतिपूर्ण आर्थिक संरचना एवं अमीरी गरीबी के बीच बढ़ते फासले की तथ्यपरक प्रभावी प्रस्तुति देते हुए इसे घातक बताया है। संभवतः यह एक बड़ी क्रांति एवं विद्रोह का कारण भी बन रहा है। आज देश एवं दुनिया की … Read more

केंद्र और राज्य सरकार के बीच पिसता आम आदमी

एक दशक से देश की सियासत में एक तरह की राजनीति कुछ अलग ही तरीके से चल पड़ी है, जिसके चलते छोटे-छोटे मामलों पर बड़े-बड़े पदों पर बैठे लोगों को अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। केंद्र से अलग पार्टी की सरकार वाले राज्यों के पास अक्सर इस बात का रोना रहता … Read more

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