योग, शाहाकार व सत्संग

आधुनिक भाग -दोड़ भरी जिन्दगी मे जहां चारों ओेर प्रतिस्पर्धा और तनाव दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा है ऐसे में अनेक प्रकार के रोग हम सभी में विकसित हो रहे है। प्रकृति के नियमो को हम भूलनेे लगे है भारतीय जीवन शैली का अनुसरण नही करने से हमारा सारा जीवन चक्र प्रभावित हो … Read more

बिहार में महागठबंधन बनाम भाजपा का घमासान

बिहार में जातिगत राजनीति का इतिहास रहा है। चाहे अम्बेडकर हो या लोहिया का नारा ‘सौ में पिछड़ा पावे साठ’ चाहे श्रीकृष्ण सिंह पिछड़ा बहस हो। बिहार में सामंतवाद की जड़े पुरानी है और इनके खिलाफ उठते वामपंथ और सशस्त्र संघर्ष का एक अलग इतिहास है। चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव की तारिखों को … Read more

आखिर किधर जा रहा है गौमाता का भारत

वर्ष 1947 में जब भारत आजाद हुआ, तब करोड़ों लोगों ने सोचा होगा कि अब हम भारत में अपनी संस्कृति और रीति-रिवाज के साथ रह सकेंगे। इसमें हम गाय को अपनी माता मानेंगे और उसकी पूजा भी करेंगे। लेकिन आजादी के 68 साल बाद ऐसा प्रतीत होता है कि हमारी गौ माता का मांस साम्प्रदायिक … Read more

महापुरुष सड़क नहीं संस्थानों से याद किये जाते है

नए हिन्दुस्तान में एक तंगदिल जमात की हुकूमत के चलते जिन ऐतिहासिक घटनाओं ने बौद्धिक रूप से झिंझोड़ने का काम किया है उनमें से एक घटना दिल्ली स्थित औरंगज़ेब रोड का नाम बदलकर अब्दुल कलाम के नाम से मंसूब करने का एलान भी है ! इस एक वर्ष की हुकूमत के दौरान आर.एस.एस. मुखिया का … Read more

पेंशन

83 दिन तक। हड़ताल फिर धरना, अब भूख हड़ताल फिर भी फुरसत नहीं , क्योंकि बातो से ही छुटकारा नहीं है, कभी इनकी बात , उनकी बात , मन की बात, बिहारियों की बात , कांग्रेसियों की बात, मुलायम से बात, कठोर से बात, माया की बात, ममता की बात, जमीन की बात , किसानो … Read more

बुराइयों के लिए महिलाएं खुद जिम्मेदार

चार साल बाद हो नरेन्द्र मोदी के काम का आंकलन-राष्ट्रसंत संत पुलक सागर राष्ट्र संत पुलक सागर महाराज ने कहा कि महिलाओं के सामने आज जो अनेक समस्याएं उठ खड़ी हुई हैं उसके लिए स्वयं महिलाएं जिम्मेदार हैं। यदि महिलाएं बुराइयों से बच जाएं तो परिवार, समाज और देश खुशहाल हो जाए। पुलक सागर इन … Read more

न्यूयॉर्क- चकाचोंध में उजाले के अर्थ

न्यूयार्क , एक शहर जो सपनो का सबसे बड़ा टावर बन दुनियाँ को लुभाता भी है और चिढाता भी है। गगनचुम्भी इमारतों और चुधियाती रौशनी से श्रृंगारित आवारा पूंजी का नग्न नृत्य सम्भवतः कुदरत के हर करिश्मे को नकारने की हिमाकत कर रहा है। इसे संगोग ही कहेंगे कि अमेरिका की आजादी के प्रतीक “स्टेच्यू … Read more

क्या इतिहास अपने आप को दोहराता है ?

साधारणतय हम इतिहास को उतना ही जानते है जो हमें आठवीं और दसवीं क्लास तक पढ़ाया गया है और उससे आगे कोई इतिहास पढ़ना चाहे तो भी पढ़ सकता है और इतिहास का विशेषज्ञ बन सकता है परंतु जनसाधारण को अपने देश के इतिहास को जानने के लिए इतिहास के पन्नों को पलट कर देखना … Read more

ब्याज दरों के गिरने से मिलेगा सेक्टर को लाभ

देश के अचल संपत्ति क्षेत्र को बढ़ावा देने में एक अहम भूमिका निभाने वाले बैंकिंग क्षेत्र ने अपनी ब्याज दर कम करने की ठान ली है जो की एक अच्छी खबर मानी जा सकती है | कुछ बैंकों ने अपनी ब्याज दर कम करी हैं तो किसी ने अपनी जमा दर कम करी जो की … Read more

हिंदी की फुल स्पीड…!!

-तारकेश कुमार ओझा- जब मैने होश संभाला तो देश में हिंदी – विरोध और समर्थन दोनों का मिला – जुला माहौल था। बड़ी संख्या में लोग हिंदी प्रेमी थे, जो लोगों से हिंदी अपनाने की अपील किया करते थे। वहीं दक्षिण भारत के राज्यों खास कर तामिलनाडु में इसके हिंसक विरोध की खबरें भी जब … Read more

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