कुछ नियम बना कर चलिए

१. घर में सुबह सुबह कुछ देर के लिए भजन अवशय लगाएं । २. घर में कभी भी झाड़ू को खड़ा करकेनहीं रखें, उसे पैर नहीं लगाएं, नही उसके ऊपर से गुजरे अन्यथा घर में बरकतकी कमी हो जाती है।झाड़ूहमेशा छुपा कर रखें | ३. बिस्तर पर बैठ कर कभी खाना न खाएं,ऐसा करने से … Read more

दिल की गहराइयों में उतरने वाला चराग़े-दिल…

सम्माननीय देवी नागरानी जी की सशक्त लेखनी से निकली रचनाओं को आदतन रिव्यू के नज़रिये से पढ़ने की हिम्मत ही नहीं हुई। जैसा कि आप जानते हैं अखबारी दुनिया से संबद्ध होने के कारण दीर्घावधि से रिव्यू के लिए कृतियां पढ़ने की आदत-सी हो गई…! किंतु इस कृति की रचनाओं-गज़लों ने दो वजहों से दिल-दिमाग़ … Read more

राजनेताओं को क्यों भाती है चकाचौंध….!!

-तारकेश कुमार ओझा- पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनजी की पहचान शुरू से ही सादगी पसंद के रूप में रही है। वे सूती साड़ी और हवाई चप्पल पहनती हैं। राजनीति में उन्होंने लंबा संघर्ष भी किया है। लेकिन अजीब विरोधाभास कि 2011 में हुए विधानसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही … Read more

आर.एस.एस. भ्रष्टाचार पर पहल करें

10 अगस्त का मैं प्रातःकाल 07ः30 से 08ः30 बजे तक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आर.एस.एस.) के छह महत्वपूर्ण पर्व में से एक रक्षा बन्धन पर्व पर सम्मिलित हुआ। संघ के स्थानीय प्रचारक हरिसिंह जी का बौद्धिक व्याख्यान सुना। उन्होंने संक्षिप्त और सारगर्भित संबोधन दिया। अपने संबोधन में उन्होंने देश की आन्तरिक स्थिति, हिन्दू समाज की … Read more

आया राखी का त्योहार

आया राखी का त्योहार, भाई-बहनों का प्यार. कैसे आज ये मिलने लगे । बहना राखी बांधे आज, भाई देता आशिर्वाद, खुशी आखों से तो झरने लगे ॥   बहनें खिलाती पकवान, दुआ मांगती भगवान, मेरी ऊमर भी भइया को लगे । चाहे रहें कहीं दूर, उनको भइया पे गुरुर, वो तो लाखों मे एक लगे … Read more

एक सवाल!!!

-अश्वनी कुमार- मध्य प्रदेश का एक छोटा सा गाँव……सोहना…..!!! गाँव के मुख्य चबूतरे पर बैठे चार लोग आपसे में कुछ बात कर रहे हैं…..मुद्दा है. राजनीति और हमारी जिंदगियों से जुड़ा………चारों में से सबसे बुजुर्ग व्यक्ति…..बहुत अधिक तजुर्बेकार, श्याम सिंह शहर में भी काफी समय बिताकर आया था. गाँव के छोटे बड़े लोग उसे श्यामू काका … Read more

अपने बच्चों की सुरक्षा का नायाब तरीका अपनाइये

सब जानते हैं कि माता-पिता को अपने छोटे-छोटे बच्चों की सुरक्षा की बहुत चिंता होती है। उन्हें फिक्र लगी ही रहती है कि उनका बच्चा स्कूल या स्कूल के बाहर कैसा है। स्कूल से लौटने का समय होते ही हर माता की नजर दरवाजे पर होती है कि उसका बच्चा अब आया अब आया। यदि … Read more

तेरी ओर आना चाहूँ

तेरी ओर आना चाहूँ, पर तूफ़ान हैं बहुत. मिलन के बीच में यहाँ, शैतान हैं बहुत. चलो दिलकशी का दौर है, हम भी ज़रा चख लें. बूढ़े हैं कम यहाँ, यहाँ जवान हैं बहुत. चलो फैला लो पंख पंछी, कब से निराश हो. हिम्मत तो करो फिर से के मैदान हैं बहुत. वबा रही है … Read more

राजनेताओं से सीख लें गिरगिट…!!

– तारकेश कुमार ओझा- राजनीति में रंग या पाला बदलने के खेल को आप नया नहीं कह सकते। छात्र जीवन में ही कुछ एेसे राजनेताओं के बारे में सुना था जिनकी ख्याति ’ सदामंत्री ‘के तौर पर थी। यानी सरकार चाहे जिसकी हो उनका मंत्री पद पक्का। कल तक जिसे गरियाया , मौका पड़ा तो उसी के साथ हो … Read more

मर हम गए!

जब दर्द हद से बढ़ गया, तब मर हम गए. मरहम कहीं जब न मिला, तब मर हम गए. भोर शब होने लगी बसमें नहीं कुछ भी. जब हर कोई गुम हो चला, तब मर हम गए. कोई बचा न हम कदम, कोई भी मुहब्बत. ये दिल बहुत सहता रहा, तब मर हम गए. होते … Read more

मज़बूरी में बोलना ही पड़ेगा अच्छे दिन आ गए

एक गाँव में एक काना था सब लोग उसे एक आँख होनेकी वजह से काणा कह कर चिढाते थे। उसनेसोचा की इन गाँव वालो को सबक सिखाता हूँ। उसनेरात को 12 बजे अपनी दूसरी आँख भी फोड़ ली औरपुरे गाँव में चिल्लाता हुआ दोड़ने लगा “मुझे भगवानदिखाओ दे रहें है अच्छे दिन दिखाई दे रहे … Read more

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