सर का शौर्य, साहब का शोक….!!
-तारकेश कुमार ओझा- आज का अखबार पढ़ा तो दो परस्पर विरोधाभासी खबरें मानों एक दूसरे को मुंह चिढ़ा रही थी। पहली खबर में एक बड़ा राजनेता अपनी बिरादरी का दुख – दर्द बयां कर रहा था। उसे दुख था कि जनता के लिए रात – दिन खटने वाले राजनेताओं को लोग धूर्त और बेईमान समझते … Read more