जम्मू में जलाल के आँसू

ब्रिटिश शासन काल के दौरान नई दिल्ली के त्रि-मूर्ति भवन में भारत के ब्रिटिश सेनापति रहा करते थे। यही त्रि-मूर्ति भवन आजादी के बाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री प. जवाहर लाल नेहरू का निवास स्थान बना। प. नेहरू की 1964 में मृत्यु हो जाने के बाद से इस भवन को उनके स्मारक के रूप में … Read more

जब शर्मा साहब जोनल मजिस्ट्रेट बने

शर्माजी सरकारी नौकरी में इंजीनियर थे. ठहरिये, मैं आपको उनका पूरा नाम बताता हूं, आगे काम आएगा. वह कभी अपने आपको डीसी शर्मा तो कभी दिनेष चंद शर्मा लिखते थे. एक बार चुनाव में सरकार ने उनकी सेवाएं लेनी चाही अत: एक रोज चुनाव आयोग से एक साथ दो-दो ऑर्डर उन्हें मिले. पहला आदेश डीसी … Read more

Life after Death

The soft velvety melody That rings in  ears Enables one to hear with deaf ears To see the dazzling light with blind eyes To feel the silky touch of the breaths Which follow one another in connectivity To be able to experience life awaiting On the other side of death. -Devi Nangrani ज़िंदगी मौत के … Read more

कलयुग के महाभारत में काशी कैसे कुरुक्षेत्र बन गयी

-पुण्य प्रसून बाजपेयी- गंगा और बुनकर। एक काशी के आस्तित्व की पहचान तो दूसरा प्रतीक और रोजी रोटी। नरेन्द्र मोदी ने बनारस में पर्चा भरते वक्त इन्ही दो मुद्दों को उठाया। लेकिन इन दोनों मुद्दों के साय में अगर बनारस का जिक्र होगा और वह भी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर तो फिर आने वाले … Read more

सचमुच निराली है महिमा चुनाव की …!!

-तारकेश कुमार ओझा- वाकई हमारे देश में होने वाले तरह – तरह के चुनाव की बात ही कुछ औऱ है। इन दिनों समूचे देश में सबसे बड़ा यानी लोकसभा का चुनाव हो रहा है। इस दौरान तरह – तरह के विरोधाभास देखने को मिल रहे हैं। पता नहीं दूसरे देशों में होने वाले चुनावों में एेसी … Read more

आजाद भारत की पत्रकारिता का गिरता स्तर, कौन संभालेगा?

-संतोष गंगेले- आजादी के बाद भारतीय पत्रकारिता ने जिस प्रकार की उड़ान भरी उसकी कल्पना नही की जा सकती थी, बैसे अंग्रेजी ष्षासन के दौरान जिन्होने पत्रकारिता की ष्षुरूआत की थी, देष के सबसे बड़े स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वह भी लेकिन अंग्रेजो के बाद आजाद भारत में ऐसे पत्रकारों को संविधान में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी … Read more

धमकाया जा रहा है मतदाता को और चुनाव आयोग खामोश

जब बात सत्ता पाने की राजनीति को लेकर हो तो उसमें अच्छी नीति की संभावना न के बराबर ही होती है। राजनीति और झूठ का रिश्ता इतना गहरा हो गया है कि सत्ता सुख के लिए जनता को ललचाना, बहकाना, खरीदना, झूठे वादे करना ये सब राजनीति की प्रवृत्ति बन चुकी है, और एसे में … Read more

राजस्थान: जाति, धर्म और लोकसभा चुनाव, 2014

राजस्थान में पहली बार महिला सांसद 1962 में तीसरी लोक सभा में पहुँची थी। 1962 के इस चुनाव में 6 महिला प्रत्याशी चुनाव मैदान में थी। इसी तरह 2009 के चुनाव में 31 महिला प्रत्याशियों में से मात्र 3 निर्वाचित हुई थी। इनमें से दो केन्द्रीय मंत्री बनी। महिलाओं की संख्या प्रत्याशियों के रूप में … Read more

खाली पेट

  तुमने इन्सानों को खाली पेट दिया अच्छा किया ! पर एक सवाल है ऐ क़िस्मत! खाली पेट वालों को तूने आँसू क्यों दिये? उन तक पहुँचने वाले हाथ क्यों दिये? साभार: हिन्दी की प्रतिनिधि श्रेष्ठ कवितायें लेखक :अभिमन्यु अनंत, संपादक: बच्चन   सिन्धी अनुवाद: तो मांणहुन खे खाली पेटु डिनो सुठो कयुइ ! पर हिकु … Read more

तुम मेरे साथ चलो…

तुम फिर से चले आये सोई हुई श्वेताम्बरा को जगाने जबकि कब का बंद कर लिया है द्वार उसने अपने अंतर्मन का रंग- मौसम, ओस, खूश्बू सब सूख कर परत दर परत अंकित हो गये हैं चेहरे पर क्या अब भी तुम कविता की उगाना चाहते हो फसलें क्या अब भी तुम मौसम को निचोड़ना … Read more

आप सब के पास एक मौका है

1 . थोपे हुए प्रतियाक्षी को बहार का रास्ता दिखने का ! 2 . भ्रस्टाचार ,बलात्कारी , गुंडों को राजनीती से बहार करने का ! 3 . जो भ्रस्टाचार दूर कर महंगाई को कम करे सरकारी अफसरों को रिश्वत न लेने दे ! 4 . कानून व्यवस्था व् सरकारी नीतियों को आम लोगों के लिए … Read more

error: Content is protected !!