किसी के लिए दुआ मांगने से खुद के संचित पुण्य का क्षय होता है?
हिंदू, इस्लाम, बौद्ध धर्म और कई अन्य परंपराओं में दुआ या प्रार्थना को सकारात्मक और पुण्यकारी कर्म माना गया है। किसी और के लिए दुआ करना या उनकी भलाई की कामना करना आमतौर पर निस्वार्थता और परोपकार का प्रतीक होता है। कर्म सिद्धांत के अनुसार, किसी के लिए शुभकामना या प्रार्थना करना एक सकारात्मक कर्म … Read more