सत्ता के साथ रहिये, खुश रहेंगे

बुद्धिजीवियों में कबीर व उनके पुत्र कमाल का एक प्रसंग खूब चर्चा में रहा है। पहले उस पर बात करते हैं कि वह क्या था और फिर उसके निहितार्थ पर गुफ्तगू करेंगे। एक बार कबीर व उनके पुत्र कमाल एक चक्की के पास बैठे थे। संसार पर बातचीत कर रहे थे। कबीर ने जो कहा, … Read more

कुत्ते की पूंछ सा है आदमी?

धरती पर अब तक न जाने कितने भगवान, ऋषि-मुनि, महापुरुष, युग पुरुष, चिंतक, दार्शनिक, ज्ञानी, संत-महात्मा आदि अवतरित हुए हैं। हम उत्तरोत्तर बुद्धिमान व सभ्य भी होते जा रहे हैं, मगर आदमी दिन ब दिन और बदमाश, कुटिल व स्वार्थी होता जा रहा है। तो सवाल ये उठता है कि उनके अवतरण का आखिर लाभ … Read more

क्यों जरूरी है इष्ट देवता?

यह सर्वविदित है कि इस्लाम एकेश्वरवाद के तहत केवल खुदा में ही यकीन रखता है। हिंदू दर्शन में भी एके साधे, सब सधे की मान्यता है, मगर बहुदेववाद चलन में है। हिंदू मान्यता के अनुसार देवी-देवता तैंतीस करोड़ हैं। कुछ मानते हैं कि देवी-देवता तैंतीस करोड नहीं बल्कि तैंतीस कोटि अर्थात प्रकार के हैं। उनमें … Read more

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