यहां जलाया नहीं जाता रावण और होती है तेरहवीं

दिनेश शाक्य, इटावा से / पूरे उत्तर भारत में यूँ तो दशहरा पर्व पर रावण के पुतले का दहन होता है और लोग इसको सच्चाई की जीत का प्रतीक मानते हैं लेकिन उत्तर प्रदेश के इटावा जिले की जसवंतनगर में पूरी रामलीला बहुत ही अनूठे अंदाज़ में होती है। दशहरे वाले दिन रावण की पूरे शहर में … Read more

मां दुर्गा का नौवां स्वरूप सिद्धिदात्री

मां दुर्गा अपने नौवें स्वरूप में सिद्धिदात्रीके नाम से जानी जाती है। आदि शक्ति भगवती का नवम् रूप सिद्धिदात्रीहै, जिनकी चार भुजाएं हैं। उनका आसन कमल है। दाहिने और नीचे वाले हाथ में चक्र, ऊपर वाले हाथ में गदा, बाई ओर से नीचे वाले हाथ में शंख और ऊपर वाले हाथ में कमल पुष्प है, … Read more

जन जन की आस्था का केंद्र मरमी माता शक्तिपीठ

-सतीश शर्मा– उदयपुर।  संभाग के चित्तौडग़ढ़ जिले के राशमी उपखण्ड मुख्यालय से १० किलोमीटर दुर उत्तर दिशा में राशमी – भीलवाड़ा वाया हमीरगढ़ मार्ग पर बनास नदी तट के निकट वट वृक्षों की सघनता के बीच स्थित मेवाड़ के प्रमुख शक्तिपीठों में शुमार मरमी माता शक्तिपीठ जन जन की आस्था एवं अटूट विश्वास का केन्द्र … Read more

मां दुर्गा का आठवां स्वरूप महागौरी

मां दुर्गा अपने आठवें स्वरूप में महागौरीके नाम से जानी जाती है। ॐनमोभगवती महागौरीवृषारूढेश्रींहीं क्लींहूं फट् स्वाहा। भगवती महागौरीवृषभ के पीठ पर विराजमान हैं, जिनके मस्तक पर चन्द्र का मुकुट है। मणिकान्तिमणि के समान कान्ति वाली अपनी चार भुजाओं में शंख, चक्र, धनुष और बाण धारण किए हुए हैं, जिनके कानों में रत्नजडितकुण्डल झिलमिलाते हैं, … Read more

मां दुर्गा का सातवां स्वरूप कालरात्रि

मां दुर्गा अपने सातवें स्वरूप में कालरात्रि के नाम से जानी जाती है। एकवेणीजपाकर्णपुरानाना खरास्थिता। लम्बोष्ठीकíणकाकर्णीतैलाभ्यशरीरिणी॥ वामपदोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा। वर्धनर्मूध्वजाकृष्णांकालरात्रिभर्यगरी॥ मां दुर्गा की सातवीं शक्ति कालरात्रि के नाम से जानी जाती हे। इनके शरीर का रंग घने अंधकार की तरह एकदम काला है, सिर के बाल बिखरे हुए हैं। गले में विद्युत की तरह चमकने वाली माला … Read more

मां दुर्गा का छठा स्वरूप कात्यायनी

मां दुर्गा अपने छठे स्वरूप में कात्यायनी के नाम से जानी जाती है। चन्द्रहासोज्वलकराशार्दूलवरवाहना। कात्यायनी शुभ दधादेवी दानवघातिनी॥ भगवती दुर्गा के छठेंरूप का नाम कात्यायनी है। महíष कात्यायन के यहां पुत्री के रूप में उत्पन्न हुई आश्विन कृष्ण चतुर्दशी को जन्म लेकर शुक्ल सप्तमी, अष्टमी तथा नवमी तक तीन दिन उन्होंने कात्यायन ऋषि की पूजा … Read more

मां दुर्गा का पांचवां स्वरूप स्कन्दमाता

मां दुर्गा अपने पांचवें स्वरूपमें स्कन्दमाता के नाम से जानी जाती है। सिंहासनगतानित्यंपद्माश्रितकरद्वया। शुभदास्तुसदा देवी स्कन्दमातायशस्विनीम्॥ भगवती दुर्गा के पांचवें स्वरूप को स्कन्दमाताके रूप में जाना जाता है। स्कन्द कुमार अर्थात् काíतकेय की माता होने के कारण इन्हें स्कन्दमाताकहते हैं। इनका वाहन मयूर है। मंगलवार के दिन साधक का मन विशुद्ध चक्र में अवस्थितहोता है। … Read more

मां दुर्गा का चतुर्थ स्वरूप कूष्माण्डा

मां दुर्गा अपने चतुर्थ स्वरूप में कूष्माण्डाके नाम से जानी जाती है। सुरासम्पूर्णकलशंरुधिप्लूतमेव च। दधाना हस्तपदमाभयां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥ भगवती दुर्गा के चतुर्थ स्वरूप का नाम कूष्माण्डा है। अपनी मंद हंसी द्वारा अण्ड अर्थात् ब्रह्माण्ड को उत्पन्न करने के कारण इन्हें कूष्माण्डा देवी के नाम से अभिहित किया गया है। जब सृष्टि का अस्तित्व नहीं … Read more

जानिए कितने प्रकार के होते हैं मतदाता?

-प्रदीप शुक्‍ल-  ‘स्‍वतंत्र’ मतदान लोकतंत्र का सबसे बड़ा अधिकार और हथियार है। लोग 62 साल से इस लोकतंत्र के हथियार का प्रयोग करते आ रहे हैं, लेकिन इस हथियार की ताकत कुछ ही मतदाता पहचान पाए हैं। शायद यही कारण है कि विधानसभाओं से लेकर लोकसभा तक की सत्‍ता तक सुशासन दूर-दूर तक नजर नहीं … Read more

मां दुर्गा का तृतीय स्वरूप चन्द्रघंटा

मां दुर्गा अपने तृतीय स्वरूप में चन्द्रघंटाके नाम से जानी जाती हैं। पिण्डजप्रवरारूढाचण्डकोपास्यकैर्युता। प्रसादं तनुते महं चन्द्रघण्टेति विश्रुता॥ भगवती दुर्गा अपनी तीसरे स्वरूप में चन्द्रघंटानाम से जानी जाती हैं। नवरात्र के तीसरे दिन इन्हीं के विग्रह का पूजन किया जाता है। इनका रूप परम शांतिदायकऔर कल्याणकारी है, इनके मस्तक में घंटे के आकार का अर्धचन्द्र … Read more

मां दुर्गा का द्वितीय स्वरूप ब्रह्मचारिणी

मां दुर्गा अपने द्वितीय स्वरूप में ब्रह्मचारिणी के रूप में जानी जाती हैं। दधानाकरपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डलम् देवी प्रसीदतुमयिब्रह्म ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥ भगवती दुर्गा की नौ शक्तियों का दूसरा स्वरूप ब्रह्मचारिणी का है। ब्रह्म का अर्थ है, तपस्या, तप का आचरण करने वाली भगवती, जिस कारण उन्हें ब्रह्मचारिणी कहा गया, वेदस्तत्वंतपो ब्रह्म, वेद, तत्व और ताप [ब्रह्म] अर्थ है ब्रह्मचारिणी … Read more

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