एक ओर प्रवेशोत्सव का शोर, दूसरी ओर स्कूलों की हालत खस्ता

-शंकर खारोल- सूरजपुरा / राज्य सरकार भले ही देष के नौनिहालो का भविष्य संवारने के लिए करोडो रूप्ए खर्च कर नित नई योजनाए लागू कर गुण्वतापूर्ण षिक्षा प्रदान करने के प्रयास कर रही है। षिक्षा विभाग के निद्रेष पर विधालय मे जुलाई माह के प्रथम पखवाडे मे प्रवेषोउत्सव मनाते हुए पन्द्रह दिवसीय योजनाबद्व तरीके कार्यक्रमो का आयोजन का बच्चो को षिक्षा की मुख्यधारा से जोडने के लिए जतन कर रहे हो । जनप्रतिनिधि,स्ंयव सेवी संस्थाए रैली निकालकर अभिभावको को जागरूख कर विधालय मे दाखिला करवाने मे लाखो जतन कर रहंे हो । वही सरकारी विधालय के हालात ऐसे हो जहा पर बच्चो को विधालय मे प्रवेष दिलाने पर बच्चे के जीवन पर जान पर बन आती हो, बच्चे को खुले मेषौच करने के लिए षर्मनाक हालात का सामना करना पडता हो,मीड डे मील योजना के तहत मिलने वाला पोसाहार खुले मे पकाया जाता हो,भवन के जर्जर होने से कभी भी हादसो को न्योता दे सकता हो । खिडकियो के अभाव बच्चो को हवा की जगह जीव जन्तुओ का भय सताता हो तो ऐसे विधालय के हालात पर षिक्षा विभाग व सर्व षिक्षा विभाग द्वारा विधालय मे सुविधायुक्त स्वच्छ षिक्षा उपलब्ध कराने के दावो की पोल करने का ताजा मामला अजमेर जिले की अराई ब्लॉक षिक्षा अधिकारी कार्यालय के अधिनस्थ प्रतापपुरा नोडल के अधिनस्थ सूरजपुरा के राजकीय उच्च प्राथमिक विधालय के देखे जा सकते है।

दो भवन व एक जर्जर भवन मे उच्च प्राथ्मिक विधालय
s1s2अजमेर कोटा राजमार्ग पर स्थित सूरजपुरा चौराहा से कस्बे के मुख्य सडक मार्ग पर स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विधालय मे एक प्रधानाचार्य कक्ष व तीन कमरे बने हुए है। रसोईघर के पास बने भवन की हालात बदसे बदतर हो गई । कमरे की दिवारे जर्जर हो गई । दिवार के छेद भी हो रखा है। जर्जर भवन की खिडकिया की टूटी हुई है। खिडकियो के अस्तित्व खत्म होने से दिवार के किनारे लगी हुई लकडियो के ढेर लगे होने से कमरे मे जीव जन्तुओ का प्रवेष करने का भय बना रहता है। खिडकिया के नही होने से बारिस मे बारिस का पानी प्रवेष करता है। वही गर्मी मे लू के थपेडे, व सर्दी मे सर्द हवाओ से बच्चो का जीना बहाल करता है।

दिवारे जर्जर होकर गिरने लगी,नीव मे घुसता पानी
विधालय परिसर के चारो ओर बनी हुई चारदिवारी जर्जर होकर गिरने लगी है। चबूतरे के पास बनी चारदिवारी जगह जगह से टूट कर अपनी बेबसी बया कर रही है। दिवार एक जगह से टूटने से सीमेन्ट निकलकर मिट्टी तब्दील हो गई। पत्थर गिरकर अपनी व्यथा बया कर रहा है । विधालय के मुख्य दरवाजे के पास रसोई भवन की ओर की दिवार मे विधालय मे लगे हुए हैडपम्प से निकलने वाले पानी के दिवार की नीव मे घुसने से गिरने की आंषका बनी हुई।

षौचालय के टूटने से खुले मेषौच करने को मजबूर छात्राए व षिक्षिकाए
विधालय मे छात्र छात्राओ व षिक्षक और षिक्ष्किाओ के लिए विधालय मे षौच के लिए षौचालय का निमार्ण तत्कालीन संरपंच भूरी देवी के कार्यकाल सर्व षिक्षा अभियान के तहत अध्यक्ष रामकरण गुर्जर व सचिव गौपाल बैरवा के दौरान लागत मे निमार्ण करवाया गया था।षौचालय के दो कमरो के गेट के पास की दिवार टूट हुई है। षौचालय मे अन्दर की फर्स भी टूट हुई है।षौचालय के जर्जर होने से छात्राए व षिक्षिकाए षौचालय के अन्दर प्रवेष करने से हादसा होने की आष्ंाका के खुले मे षौच करने की मजबूरी बन गई।हालाकि विधालय प्रषासन ने षौचालय की मरम्म्त कराये बिना धोकर उपयोग करने के साफ सफाई करवाई्र गई । लेकिन दिवारो के गिरने की आष्ंाका के चलते छात्राओ ने उपयोग करने से इंकार कर दिया गया।

रसोईघर के चद्दर उडे,खुले मे भोजन बनाने को विवष
s3विधालय से दोपहर के लचं के दोरान बच्चो को भोजन के लिए डॉपआउट को रोकने व बच्चो के विधालय मे ठहराव बढाने के लिए मीड डे मील योजना बच्चो को भोजन बनाने के लिए रसोई घर का निर्माण करवाया गया। गत माह मे आए हवाओ के तेज रूख के चलते रसोई घर के चदृदर उड गए। चद्दर के उडने से खुले मे भोजन बनाने की मजबूरी बनी हुई है।
रसोईघर की छत की चद्द्र हटने से खुला होने बारिस होने पर चूल्हे पानी से सरोबार हो जाता है। जिससे बच्चो को मीड डे मील योजना के भोजन से व्रचित रहने का सामना कर पड सकता है।

चबूतरे से उखडने लगे कातले,रंग रोषन को तरसा विधालय भवन
विधालय परिसर मे प्राथ्मिक विधालय के दौरान चबूतरा का निर्माण कई सालो पूर्व बनवाया गया। सालो पूर्व बने चबूतरे से फर्स उखडने लगी है। गत साल फर्स से कातलो के निकलने से समाजकटको निषाना बनाते हुए एक दो कातले को उडा कर ले गए। चबूतरे का विधालय मे विषेष महत्व है। चबूतरे पर दिन कीषुरूआत चबूतरे पर बच्चे बैठकर प्रार्थना सत्र मे ईष वन्दना,राष्ट्रगान, राष्ट्रगीत सामन्यज्ञान,प्रतिज्ञा सहित षनिवारिय कार्यक्रम उत्सव का आयोजन किया जाता है। चबूतरे की मरम्मत की दरकार है। विधालय भवन परिसर रंग रोषन को ही तरस रहा है। विधालय का रंग रोषन कई सालो पूर्व किया गया था। विधालय भवन परिसर को रंग रोषन के अभाव मे दिवारो पर लिखी सहायक षिक्षण सामग्री का लाभ छात्रो को नही मिलता है।

स्वच्छ मीठे पानी को तरसते बच्चे,बिजली की नही सुविधा
गाव के बिसलपुर परियोजना के जुडने के बावजूद भी विधालय मे पढने वाले देष के भविष्य नौ निहालो को स्वच्छ मीठे पानी के लिए तरसना पडता है। विधालय मे पेयजल संकट होने से बच्चे को पढाई छोडकर पानी के लिए घर जाना पडता है। कक्षा प्रथम व द्वितीय कक्षा मे पढने वाले मासूम बच्चो का बेग के बोझ से ही बेहाल हो जाता है वही पानी की बोतल लाना टेडा काम होता है। पानी की सुविधा के लिए विधालय मे लगे हैडपम्प का पानी खारा होने से फलोराइडयुक्त पानी सेवन की बच्चे की मजबूरी बनी हुई है। विधालय मे बिजली का कनेक्षन नही होने से बच्चे को कई परेषनियो का सामना करना पडता है। कमरो मे अन्धेरा होने पर रोषनी के लिए बिजली की जरूरत होती है वही गर्मी मे भीषण गर्मी मे फंखे से ही राहत मिलती है। विधालय प्रषासन,ग्रामीणो द्वारा प्रषासन व सरकार को अवगत कराने पर भी समस्या जस की तस बनी हुई है।

युवामंच ,महिला समूह सहित अभिभावको ने अव्यवस्था पर जताया आक्रोष
क्क अजमेर प्रोढ षिक्षण समिति अजमेर द्वारा संचालित किषोर किषोरियो की षिक्षा एवं विकास परियोजना के तहत युवा मंच व महिला समूह ने अपनी विधालय अव्यवस्था पर आक्रोष जताया । युवा मंच द्वारा विधालय मे षौचालय के जर्जर होने से खुले मे षौच करने की अव्यवस्था पर गहरा आक्रोष जताते हुए लिखित मे विधालय प्रषासन,ग्राम पंचायत को समस्या से अवगत कराने पर भी समस्या जस की तस बनी हुई । अभिभावको ने भी कई बार विधालय प्रषासन,षिक्षा विभाग के आलाअधिकारियो को अवगत कराने के बावजूद नोडल,ब्लॉक षिक्षा अधिकारी कार्यालय अराई को अवगत कराने पर भी विधालय के हालात के जिम्मेदारो के कार्यप्रणाली पर सवाल खडे हो रहे है।

विधालय स्थान परिवर्तन पर होगा समाधान
विधालय प्रषासन का मानना है कि कस्बे के ताजपुरा मार्ग पर स्थित अरनिया ताज सरोवर नहर व तालाब के मध्य मे स्थित विधालय खेल प्रागण मे षीघ स्कुल परिवर्तित की जायेगी। वर्तमान मे स्थित विधालय परिसर को उप स्वास्थ्य केन्द्र के लिए चिकित्सा विभाग दी जायेगी। वही दूसरी और खेल प्रांगण मे चारदिवारी ,षौचालय व एक प्रधानाकक्ष और दो कमरे बने हुए है। खेल मैदान मे नहर के पास सामुदायिक भवन भी बना हुआ है।

इनका कहना है
विधालय मे षौचालय के टूटने से छात्रो को खुले मे षौच करना गम्भीर समस्या है। प्रषासन व सरकार और षिक्षा विभाग के अनदेखी व लापरवाही के चलते छात्र छात्राओ व षिक्षको को खुले मे षौच करना विभागीय कार्यप्रणाली पर सवाल खडे कर रहा है।
-षैतानसिह खारोल, युवा नेता

वर्तमान विधालय परिसर को विधालय प्रबन्धन समिति के सहमति पर विधालय परिसर उपस्वास्थ्य केन्द्र के लिए ग्राम पंचायत को सौफकर विधालय का स्थान का परिवर्तन खेल मैदान मे किया जायेगा। खेल मेदान मे स्थित विधालय मे दो कमरे,एक प्रधानाकक्ष,व एक सामुदायिक भवन बना हुआ है। परिसर मे षौचालय व चारदिवारी के पास ही पानी के लिए जीएलआर बनी हुई है।
-पृथ्वीसिह राठौड, प्रधानाध्यापक

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