पंचायत चुनावों को लेकर सियासी जाजम जमने लगी

panchayat chunavब्यावर, (हेमन्त साहू)। पंचायती राज चुनाव की घोषणा के साथ ही जवाजा क्षैत्र के ग्रामीण क्षैत्रों में सियासी जाजमें जमना आरम्भ हो गयी है। क्षैत्र में जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य, सरपंच व वार्ड पंचों के लिए चुनावों को लेकर प्रतिनिधियों का चयन करने की शुरुआत हो गयी है। पूर्व सरपंचो की सीटें जो आरक्षण की भेंट चढ़ गयी है वहां अपने शार्गिदों को उतारने की कोशिशें की जा रही हैं। जवाजा पंचायत समिति की 36 ग्राम पंचायतों में जहां पहले चरण में मतदान होना हैं वहीं चुनाव लडऩे वाले प्रतिनिधियों ने अपना चुनाव प्रचार भी शुरु कर दिया है। दोनो ही राजनैतिक पार्टीयों के नेताओं ने भले ही अपने कार्यकत्र्ताओं को टिकिट नहीं दिया हो मगर अपनी सांठ-गांठ कर क्षैत्र में अपनी पहचान बनाने जुट गये हैं। भाजपा विधायक शंकरसिंह रावत की जहां एक और हाल ही में हुए निकाय चुनावों को लेकर छवि खराब हुई है उसको मध्य नजर रखते हुए पार्टी हाईकमान अब पार्टी की किरकिरी कराने वाली अपने नेताओं के इस प्रकारकृत्यों को लेकर किसी तरह का कोई रिस्क नहीं लेना चाहता है। जवाजा क्षैत्र में टिकिटों को लेकर जहां एक और जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य, सरपंच व प्रधान और उपप्रधान  हेतु जमीन से जुडे कार्यकत्र्ता टिकिट की दौड़ में है, तो वहीं क्षैत्रिय विधायक शंकरसिंह रावत उन्हें गच्चा देकर उनसे सांठ-गांठ करने वालों को टिकिट देने का मानस बना रहे हैं। ब्यावर नगर परिषद में हाल ही में संपन्न हुए निकाय चुनावों में भी यही देखने को मिला कि सभापति पद पर एक पढी-लिखी महिला शशीबाला को टिकिट देना तय था। मगर जब ऐन वक्त पर फार्म भरने का समय आया तो उन्होने उसे अपने काफिले में शामिल करने के बावजूद अन्तिम समय तक फार्म भरने तक नहीं जाने दिया। यहाँ तक कि पार्षद पति ने विधायक रावत पर उनकी पत्नी के अपहरण तक करने के आरोप भी लगाया। इतना सब होने के बावजूद विधायक रावत ने ब्यावर भाजपा मण्डल के महामंत्री रमेश बंसल के द्वारा बबीता चौहान का फार्म भरवाकर सभी भाजपा कार्यकत्र्ताओं के मंसूबों पर पानी फेर दिया।

हेमन्त साहू
हेमन्त साहू

बबीता चौहान का नाम आते  ही भाजपा कार्यकत्र्ताओं ने फिर एक बार क्षैत्रिय विधायक शंकरसिंह रावत की छवि पर ऊंगली उठाते हुए कहा कि आखिर उन्होने यह निर्णय किसके कहने पर लिया। लेकिन अन्तिम समय तक किसी को पता नहीं था। यद्यपि पार्टी के आलानेताओं ने भी दबी जुबान में इसे गलत बताया मगर वह भी कर कुछ नहीं सके।  ऐसा ही वाक्या यहां भी दौहराने की कवायद देखने को मिल सकती है।

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