पुष्कर में रविवार को मिडियाकर्मियो के साथ हुई मारपीट व छीनाझपटी घटना के बाद खडे हुये कुछ सवाल…….1 आखिर कब तक चलती रहेगी समानान्तर न्याय व्यवस्था…..2 क्या कुमावत समाज से ऐसी किसी मिटिंग की प्रशासन से इजाजत ली जिसमे वे किसी के भी खिलाफ कोई भी फरमान जारी कर सके…..3..कुमावत समाज अगर कोई सही फैसला कर रहा है तो फिर मिडिया से परहेज कैसा…..4..आम तौर पर अखबारो में नाम छपवाने के लिये पत्रकारो के आगे पीछे घूमने वाले आखिर कैसे बने पत्रकारो के दुश्मन….5…क्या वहज थी की कुमावत समाज इस जातीय पंचायत के फैसले को मिडिया की नजरो से बचाने की कोशिश कर रहा था….6…क्या वजह थी कि घटना के बाद पुलिस कोई त्वरित कार्रवाई नही की…..7…क्या उन लोगों पर कोई कार्रवाई नही होगी जो इस देश की न्याय व्यवस्था को ठेंगा दिखने में जुटे है….ढूंढो पुलिस वालो ढूंढो….इन सब सवालो के जवाब ढूंढो….दूध का दूध पानी का पानी हो जायेगा….पत्रकार समाज का आईना है….जनता के सामने समाज में छिपी बुराईया भी उजागर होनी चाहिये…..और मुझे गर्व है कि कहते हुये कि ये जज्बा एक पत्रकार के सिवाय और किसी में हो ही नही सकता…
-अनिल पाराशर