अजमेर के पत्रकारों हेतु आवासीय भूखंड की समस्या का समाधान किया जाए

नरेन्द्र कुमार जैन सीए
नरेन्द्र कुमार जैन सीए

यह अत्यन्त खेद की बात है कि लोकतन्त्र के चौथे स्तम्भ पे्रस के साथ अजमेर विकास प्राधिकरण द्वारा न्याय नहीं किया जा रहा है। राज्य सरकार ने प्रेस के लिए जो आवासीय योजना बनाई है उसकी घोर अनदेखी की जा रही है। इस अनदेखी के प्रति पत्रकारों में भारी रोष व्याप्त है। आइए देखें कि पत्रकारों के साथ किस प्रकार अन्याय किया जा रहा है:
1. राज्य सरकार की घोषित नीति के अन्तर्गत मान्यता प्राप्त अर्थात एक्रीडेटेड जर्नलिस्ट को अपने आवास हेतु रियायती दर पर एक भूखण्ड प्राप्त करने की सुविधा प्रदान की गई है। अजमेर में यह योजना लगभग 13 वर्ष पूर्व लागू की गई और इसके अन्तर्गत कोटड़ा क्षेत्र में एक पत्रकार कॉलोनी बनाई गई जो आज काफी विकसित हो चुकी है और इसमें अनेक पत्रकारों ने अपने निवास भी बना लिए हैं। इस कॉलोनी में अब तक तीन बार प्लॉटों के अलॉटमेंट हो चुके हैं तथा अधिकांश स्थान भर चुका है।
2. इन तीन अलॉटमंट के बाद अब बाकी बचे पत्रकारों हेतु आवास के लिए प्राधिकरण द्वारा नए आवेदन मांगे गए जिसके एवज में 56 पत्रकारों ने अपने प्रार्थना पत्र दिनांक 29/9/2013 को भरे साथ में डिपोजिट राशि के 20,000/- रु. भी जमा कराई गई।।
3. पत्रकारों से ये प्रार्थना पत्र प्राधिकरण की डी डी पुरम योजना में आरक्षित पत्रकार कॉलानी जिसमें 60 प्लॉाट हैं के लिए मांगे गए। प्रार्थना पत्र प्राप्ति के 18 माह बीत जाने के बाद भी अभी तक प्राधिकरण की तरफ से कोई कार्यवाही नहीं की गई है। यहां तक कि इन आवेदकों को किसी प्रकार का कोई एकनोलिजमेंट भी जारी नहीं किया है जिसमें लिखा गया हो कि आपका प्रार्थना पत्र प्राप्त हो गया है और इसके साथ जो प्रपत्र लगाए गए हैं उनमें किसी प्रकार की कोई कमी-पेशी तो नहीं है।
4. हद तो ये है कि प्राधिकरण के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार अभी तक इस डीडी पुरम योजना में कहीं पर भी पत्रकार कॉलोनी हेतु काई स्थान ही चिन्हित नहीं किया गया है जिसमें 175 वर्ग मीटर वाले 60 प्लॉट काटे जाएगें।
5. यह तो सर्वविदित है कि जब नगर सुधार न्यास कार्य कर रहा था तब तो कार्य में काफी एतलाली/सुस्ती थी परन्तु अब लगता है कि विकास प्राधिकरण बन जाने के बाद भी कार्य करने के तरीके में सुधार नहीं हुआ है।
6. आए दिन की बढ़ती मंहगाई के कारण भवन बनाने की लागत भी बढ़ रही है तब समय पर प्लॉट अलॉट न करने का खामियाजा तो पत्रकार को ही भुगतना पड़ेगा।
7. अनेक बार पत्रकार बन्धु अधिकारियों से मिले हैं परन्तु अभी तक कोई निदान नहीं निकल सका है।

8. पत्रकार चाहते हैं:
1. पत्रकारों की सबसे महत्वपूर्ण मांग है कि उन्हें ये प्लॉट, कोटड़ा आवासीय क्षेत्र या आसपास के क्षेत्र में ही मिलें ताकि वे विकसित कॉलोनी में शीघ्र अपने निवास बना सकें। डी डी पुरम कॉलोनी के विकास में तो अभी बहुत समय लगना है। इससे पूर्व घोषित् कॉलोनी पृथ्वीराज नगर योजना में ही अभी विकास कार्य पूरे नहीं हुए हें जो अब से लगभग 8 वर्ष पूर्व बनाई गई थी।
2. पत्रकारों के आवास हेतु राज्य सरकार जो योजना बना रही है और जो अब तक बनी हैं उनका लाभ अजमेर के पत्रकारों को तभी मिल सकता है जब अजमेर विकास प्राधिकरण उन योजनाओं पर समय पर अमल करे।
3. अभी हाल ही में प्राधिकरण द्वारा अजयमेरु पे्रस क्लब, अजमेर को अपने भवन व अन्य गतिविधियों के लिए 1000 वर्ग गज भूमि का अलॉटमेंट कोटड़ा आवासीय योजना में ही किया गया है। प्राधिकरण का यह कदम स्वागत योग्य है कि उसने इस बात का ध्यान रखा कि सभी पत्रकारों की गतिविधियों हेतु कोटड़ा आवासीय योजना का क्षेत्र उपयुक्त है और प्रेस क्लब हेतु इसी क्षेत्र में भूमि अलॉट की है।
इन सब बातों के मद्देनजर पत्रकारों की यह मांग है कि डी डी पुरम योजना में पत्रकार कॉलोनी का प्रावधान करने के बजाय कोटड़ा क्षेत्र में ही प्रावधान किया जाय ताकि सभी पत्रकार एक ही अथवा आस-पास के स्थान पर रहकर सुविधाजनक रूप से अपनी अपनी गतिविधि जारी रख सकें।
-एन. के. जैन सीए, वरिष्ठ पत्रकार

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