देश की चुनिंदा 3 स्मार्ट सिटीज में जब अजमेर का नाम आया तो लगा कि अब जल्द ही अजमेर का बेडा पार होगा। लेकिन ऐसा बिलकुल नही है। स्मार्ट सिटी की घोषणा तो शहर को मिल गई लेकिन स्मार्ट सिटी को मूर्तरूप ना जाने कब मिलेगा। आज हम आपको अजमेर की कलेक्ट्रेट परिसर का फव्वारा उद्यान की दुर्दशा से अवगत करा रहे है। यह पार्क कलेक्टर साहिबा के चेंबर के सामने है। पार्क की हालात ऐसी है जैसे एक जर्जर ईमारत की होती है। सूखे पत्तो के साथ गंदगी से पूर्ण। फव्वारा जो उद्यान की शान है उसमे भी कई दिनों से नजर नहीं आया पानी। फव्वारा भी चलने की स्थति में नजर नही आता। जब कलेक्टर महोदया अपने परिसर के उद्यान को ही स्वच्छ नही रख पाती है तो फिर भला मैडम शहर को कैसे स्मार्ट बनाएगी यह एक चर्चा का विषय है। यह फव्वारा वहां लगा तो है…… मगर देखने के लिए…. चलने के लिए नहीं ! वेसे इस पार्क को अमूमन 26 जनवरी या फिर 15 अगस्त को ही साफ़ देखा जा सकता है। क्योंकि तब कलेक्टर साहिबा द्वारा झंडा रोहण किया जाता है। बड़ा सवाल यह भी उठता है कि जो अधिकारी शहर को स्मार्ट सिटी बनाने में आमजन को भाषण और ज्ञान बाटते है। उनका ज्ञान स्वं के उद्यान पर कब पड़ेगा? खेर शहर यह जानना चाहता है कि स्मार्ट सिटी की परिकल्पना कब पूरी होगी? ख्वाजा की नगरी अजमेर को स्मार्ट बनाने का सपना पूरा भी होगा या फिर सपना ही रहेगा !
-किशोर सिंह सोलंकी