यह कैसा विरोधाभास है

Rajesh Tandon 3यह कैसा विरोधाभास है यह कैसी विडम्बना है,कि जब कोटा में एक अबोध बालक का अपहरण कर उसकी हत्या की जाती है तो तुरन्त प्राभाव से ADG अजीत सिहं जी को सरकार कोटा भेजती है कि जब तक मुलजिम पकडे ना जाये तब तक वही केम्प करो,……..आप पार्टी की रैली में राजस्थान के किसान की आत्महत्या पर सभी राजनीतिक दल राजनीतिक फायदा उठाने की होड में तरह तरह के स्वागं भरते नजर आते है मुआवजा राशि ले कर रोज उसके घर जाते है स्वयं मुख्य मंत्री जी जाती है अमित शाह जाते है जिसका मुझे कोई ऐतराज नहीं है अच्छी बात है  पर अजमेर सम्भाग में नागौर के गावं डागांवास में चार दलितों की सरे आम नृशंस हत्या की जाती हैऔर १४ लोगों को घायल कर मरणसन्न अवस्था में डाला जाता है तो कोई सरकार का ना किसी भी राजनीतिक दल का ध्यान आकर्षित क्यो नहीं होता  बीट कांस्टेबल तक नहीं जाता क्या यही गुड गवर्नेस है यही दलित प्रेम है वहाँ दलितों के साथ जो अत्याचार व नरसंहार हुआ है उससे मानवता भी शर्मसार है ……
राजेश टंडन अजमेर।

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