अजमेर के नुमाइंदों, अफसरों, आम नागरिकों और मंत्रियों को घोर निराशा हो गई होती यदि सिर्फ 400 शहरों का ही सर्वे टाइम्स ऑफ़ इंडिया द्वारा करवाया गया होता। धार्मिक नगरी, शिक्षा की राजधानी, अंतर्राष्ट्रीय ख्याति आदि कई अलंकारों से सुसज्जित यह शहर गन्दगी और शर्मिंदगी की गर्त में किस गहराई में गिरा पड़ा है इसका अंदाजा शायद मोदी जी को नहीं था वरना ये स्मार्ट – स्मार्ट वाली अजमेर के मामले में घोषणा नहीं करते।
शायद 476 शहरों को ऐसी लियें सर्वे में लिया होगा क्योंकि 400 के बाद अजमेर का पहला नंबर है। याने हमें यह समझ कर आत्म संतुष्टि होगी कि आखरी 76 में (476 में से) हम टॉप पर हैं। ख़ास कर नगर निगम के इलेक्शन के मौसम में यह बात इस तरह से कहने सुनने में (की हम आखरी 76 में अव्वल हैं) मन को अच्छी भी लगेगी और वोटरों का दिल लुभाने में भी कामयाब रहेगी।
डॉ अशोक मित्तल, मेडिकल जर्नलिस्ट
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