अजमेर नगर निगम के मेयर के चुनाव को लेकर भ्रांतियां साफ नजर आ रही है। एक ओर जहां सोषल मीडिया पर पोस्ट डालने वाले मीडिया कर्मी व अन्य बता रहे थे कि पहले भाजपा के बागी निर्दलीय सुरेन्द्र सिंह षेखावत उर्फ लाला बन्ना बराबर तीस तीस वोट मिलने पर लॉटरी से जीते और बाद में भाजपा की आपत्ति पर वोटों की फिर से गिनती की गई, जिसमें एक वोट पर पेन का निषान पाया गया, इस आधार पर वह वोट खारिज किया गया। यानि कि षेखावत को कुल 29 वोट ही मिले और 30 वोट प्राप्त भाजपा के प्रत्याषी धर्मेन्द्र गहलोत विजयी घोषित किए गए।
इस पर सवाल ये उठ रहा था कि जब मतगणना हो रही थी तब किसी वोट पर पेन का निशान नहीं था, पुनः मतगणना में दुर्भावनावश बाद में निशान लगाया है। सवाल ये भी कि जब प्रथम मतगणना हो रही थी तब कोई आपत्ति क्यों नही लगाई।
दूसरी भाजपा के एक सूत्र का कहना है कि दोनों को 30 – 30 वोट मिले थे। लाला बन्ना के 1 वोट पर सील नहीं थी, मात्र स्याही लगी हुई थी, जिस पर धर्मेन्द्र गेहलोत ने आपत्ति की। प्रशासन ने आपत्ति खारिज कर दी। दुबारा आपत्ति को भी खारिज किया गया। इसके बाद लॉटरी निकाली गई, जिसमें गहलोत विजयी हो गए।
रिर्टनिंग ऑफिसर की ओर से जारी परिणाम में भी यही बताया गया है कि दोनों को बराबर तीस तीस वोट मिले थे, लॉटरी में गहलोत विजयी रहे।
बहरहाल, सच क्या है, कुछ नहीं पता, मगर हुआ ये कि घोषणा से पहले ही मीडिया ने बाकायदा घोषित कर दिया कि लाला बन्ना विजयी हो गए हैं, बाद में उसमें सुधार कर गहलोत को मेयर बताया गया।
मेयर चुनाव के दौरान के कुछ वीडियो फुटेज देखिए इस लिंक पर
https://youtu.be/N68k57Fchnc