थैंक गॉड राखी सही टेम पर आई

whats app 1कहते है की अजमेर भूकंप पट्टी से बहार है। जैसलमेर से जयपुर होते हुए दिल्ली-हरिद्वार और टिहरी तक एक ही भूकंप पट्टी में ये है। यही कारण है की लोगो ने भूकंप के खतरों से बचते हुए भवन निर्माण के लिए अजमेर में निवेश सुरक्षित समझा और यहां के नगर निगम के चुनिंदा दाई-माई को सेट करके ताबड़तोड़ भवनो का निर्माण कर लिया।
वैसे 1000 से ज़्यादा से अवैध भवन है परंतु माननीय उच्च न्यायालय के डबल बेंच के फैसले से अभी 490 भवन ही इस फैसले से प्रभावित हुए है और आनासागर की सीमा से 250 मीटर के रेडियस (दायरे) में आए निर्माण भी प्रभावित हुए है। रसूख़दारो की बैंड बजी हुई है, ऊपर से उनकी छाती पर साइकिल और चला दी। अब ये तो खेल है, भाई।
पर आम जनता क्या करे जो पैसा बाँट-बांटकर भी बड़ी परेशान है। चींटी को आटा-शक्कर, लाल गाय को गुड़,लंगूर को मोतीचूर के लड्डू, बहते पानी में ताँबे का सिक्का,कबूतरो को बजरंगगढ़ पर दाना, (दाना तब ही डालना है जब कोई देख रहा हो) सारे लाल किताब के उपाय हो गए फ़ैल।
तो मैने सुझाव दिया की भाई राखी का त्यौहार है। आप सभी अवैध भवन निर्माण करने वाले सपरिवार ‘ नरचल साहब ‘ के घर
राखी, नारियल लेकर जाये और रक्षा सूत्र बांधकर आए वरना समय निकलता जा रहा है और समय निकल गया तो हाथ में नहीँ आएगा। और समय आवारा हो गया तो सैकड़ो अवमानना का केस लगा देंगे फिर तेरा क्या होगा कालिया…..
तो साहब सभी कल सुबह राखी के त्यौहार पर ‘ नरचल साहब’ के निवास स्थान चंद्रवरदाई पहुंच गया। ‘ नरचल साहब ‘ ने खिड़की का पर्दा सरका कर देखा और सभी को मना कर दिया। ये बेचारे-बिना सहारे । मुझे फ़ोन किया की हे स्वामी राजीवानंद 1000008 महाराज, हम सभी एकत्र होकर ‘ नरचल साहब ‘ के ‘ दौलतखाने ‘ पर खडे है पर वो जयपुर पधारे हुए है, अब क्या करे।
हमने भी कह दिया बहार गेट पर सभी जने राखी बांध दो और नारियल गेट के अंदर फेंक दो और ‘नरचल साहब’ से भगवान बचाये ऐसी प्रार्थना करके , भाग लो। पीछे मुड़कर मत देखना। घर पहुंचकर स्नान करके वस्त्र भी बदल लेना। और एक कप चाय में पारले-जी बिस्कूट डूबो-डुबोकर खाए। नरचल साहब की कृपा होगी।
पर हो गई बड़ी गड़बड़। जब बुरे दिन आते है तो ऊँट पर बैठे आदमी को कुत्ता काट लेता है। वही इन सभी के साथ हुआ।
भद्राकाल में ही राखी बांध कर आ गए हो। हो गयी गड़बड़। क्योंकि इससे तो रावण भी नही बच पाया तो तुम क्या चीज हो। रावण ने भद्राकाल में सुपर्णनखा से राखी बंधवा ली थी और रिजल्ट आपको पता ही है। रावण के कुल का नाश हो गया था।
अब मैने यानि स्वामी राजीवानन्द 1000008 महाराजा ने ये पॉइंट पकड़ लिया और सारा रायता इन्ही पीडितो पर ढोल दिया और मै और मेरी इज्जत बची रह गयी क्योंकि मैने ‘ भद्राकाल’ में किसी के राखी नही बांधी थी।
मै तो ‘बॉस’ के ‘ हेडफोन’ पर गाने सुन रहा हूं….
‘ जाने वो कैसे लोग थे जिनके प्यार को प्यार मिला,
हमने तो जब कालिया मांगी, कांटो का हार मिला।

राजीव शर्मा, शास्त्री नगर, अजमेर
9414002571
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