अजमेर ने खो दिया प्रतिभा संपन्न पत्रकार

राजेन्द्र हाड़ा
राजेन्द्र हाड़ा
वरिष्ठ पत्रकार और एडवोकेट राजेंद्र हाड़ा के असामयिक निधन के साथ अजमेर ने एक प्रतिभा संपन्न पत्रकार खो दिया। उन्होंने लंबे समय तक विभिन्न दैनिक समाचार-पत्रों में विधि संवाददाता के रूप में काम किया। मेरे साथ दैनिक भास्कर में भी रहे। भास्कर के महानगर प्लस पेज को उन्होंने काफी दिन तक संभाला और उसके माध्यम से उन्होंने अजमेर से जुडे मसलों को बारिकी से छुआ। पत्रकारिता में नवाचार के साथ उन्होंने कदम से कदम मिला कर नए प्रयोग किए। मैं स्वयं उनकी भाशा षैली का कायल था। उनके समाचार संपादित करने का मौका मुझे मिला, मगर सच ये है कि उनके लिखे न्यूज आइटम में एक भी षब्द का हेरफेर करने की गुंजाइष नहीं रहती थी। उनकी देखरेख में कई नए पत्रकार भी तैयार हुए। वे पत्रकार भलीभांति बता सकते हैं कि उनकी पत्रकारिता सिखाने की षैली कितनी कारगर थी। यूं भले ही अपने अधीनस्थ साथियों के साथ मित्रता पूर्ण व्यवहार रखते थे, मगर काम और अनुषासन के मामले में पूरी सख्ती बरतते थे। जहां तक मेरी समझ और जानकारी का सवाल है, वे एक परफेक्ट एडीटर थे। सोषल मीडिया में भी वे सक्रिय रहे। भडास डॉट कॉम पर उन्होंने कई ऐसे समाचार दिए, जो कि अन्यत्र कहीं प्रकाषित नहीं हुए थे।
उनके मूल पेषे वकालत की बात करें तो उनसे ताल्लुक रखने वाले जानते हैं कि वे किसी को भुलावे में नहीं रखते थे। साफ सुथरी बात करने की वजह से उनकी खासी प्रतिश्ठा थी।
विषेश बात ये कि अन्याय को बर्दाष्त नहीं कर पाते थे, इस कारण कई बार ऐसे भी मौके आए जब उन्होंने संबंधों की तुलना में सत्य को अहमियत दी। कदाचित इस वजह से उनसे कुछ लोग नाराज भी रहे होंगे। जहां तक व्यक्तित्व का प्रष्न है, वे अपनी गरिमा के साथ सामने वाले का भी पूरा सम्मान करते थे। कुल मिला कर वे संयमित और कायदे के व्यक्ति थे। उनके निधन से विषेश रूप से पत्रकार जगत स्तब्ध है। उनका निधन पत्रकार जगत के लिए अपूरणीय क्षति है, जिसकी भरपाई कभी नहीं हो पाएगी।
-तेजवानी गिरधर

error: Content is protected !!