ब्यावरवासियो की किस्मत में गिड़गिड़ाते रहने की ही विडम्बना हो गई दिखती हे…?

“देनिक भास्कर” समाचार पत्र की ब्यावर के हक के लिए एक सार्थक पहल

सिद्धार्थ जैन
सिद्धार्थ जैन
लो…!! अब ब्यावरवासियो को एक बार और जलील होना पड़ रहा हे। उससे दस गुना छोटा कस्बा… बावल। आबादी…मात्र तीस हजार। उससे भी दो कदम और आगे। गाँव…पटोदी। इसकी आबादी मात्र पन्द्रह हजार!! ये दोनों ही ब्यावर का मुँह चिढ़ा रहे हे। यह जताते हुए कि हम तुमसे कही ज्यादा छोटे हे। फिर भी एक अदना सा काम…ट्रेन रुकवाना। हमने कर दिखाया। वह भी मात्र पन्द्रह किमी की दूरी में ही दो बार रुकवा दी।यह हे हमारे नेताओं का दम। ब्यावर ‘वालो’ तुम भी तो जरा ऐसा दम दिखाने का हौंसला दिखाओ।

देनिक भास्कर ने अब ब्यावरवासियो की आवाज बनने का बीड़ा उठाया हे। ब्यावर ब्यूरो चीफ अक्षय सक्सेना व इनकी पत्रकार टीम को इसके लिए बहुत बहुत साधुवाद। आप जरा देखिये…। रानीखेत एक्सप्रेस। काठगोदाम से रवाना होकर ठेठ जेसलमेर तक चलती हे। यह बर्फीली वादियों से रेगिस्थान को आपस में जोड़ने का पुण्य का कार्य कर रही हे। ब्यावर इसके रुट पर आ रहा हे। वह ब्यावर जो चार जिलो की सीमाओं से जुड़ा हुआ हे। जिससे रेलवे की आमदनी में और भी अधिक ईजाफा होने की पक्की उम्मीद हे। इस प्रकार यह रेल के हित की ही तो बात हे। फिर भी ब्यावर गिड़गिड़ा रहा हे…! याचक की मुद्रा में सिर के बल खड़ा हे…? क्या विडम्बना हे!!!

फिर जरा इधर भी नजर डालियेगा…। एक कस्बा हे…बावल। हरियाणा का मात्र 30 हजार आबादी का कस्बा। फिर लो…और भी “कोढ़ में ख़ाज” का काम। बावल से मात्र 15 किमी की दूरी पर ही हे…पटोदी गाँव। आबादी कितनी? मात्र 15 हजार! रेलवे ने क्या मजाक बना डाला हे? मोदी के आम लोगो को राहत दिलाने के सपने को ही पलीता लगाने का काम यह रेल मन्त्री कर रहे हे। कारण! मात्र बस एक ही हे…। वह हे वहा का सक्षम नेतृत्व। जिससे ब्यावर लावारिस हो चला हे…! वहाँउसने डंडे के जोर से मात्र 15 किमी की दूरी में ही इस सुपर फास्ट ट्रेन को दो बार रुकने को बाध्य कर दिया हे। और वो ही रेलमंत्री बहाना करते नही थकते हे कि ब्यावर ट्रेन के ठहराव की श्रेणी में नही आता? यह कैसा दौगलापन हे…??

एक जन्मजात संघी वयोवृद्ध महाशय। 85 वर्षीय ब्राह्मण…! नाम रामसहाय शर्मा। विगत लम्बे अरसे से इसको रुकवाने का अभियान छेड़े हुए हे। पूर्व और वर्तमान सांसद इनकी देहरी पर भी पगलिया कर गये। मीठे लुभावने भरे वादे भी ठोक गये। रिजल्ट क्या निकला? वही “ढ़ाक के तीन पांत।” जीवन के उत्कृष्ट पड़ाव के मोड़ पर खड़ा यह वृद्ध हतप्रभ हे…। यह सोचकर कि उसके जेसो लाखो लाख समर्पित लोगो के पसीने से सींची यह पार्टी भी उनके साथ ही खिलवाड़ करने लग गई दिखती हे।

“देनिक भास्कर” ने ब्यावर की पीड़ा में अपनी भागीदारी निभाने का प्रण लिया हे। नेताओं से निराश हो चले लोग भी उधर जुड़ना शुरू हो गये हे। जन जागरण मंच के बेनर तले आम लोगो ने अब आर-पार रिजल्ट तक पहुंचने का संकल्प ले लिया हे। ब्यावरवासियो का यह हक हे। रेलवे से कोई खेरात नही मांग रहे हे।
सिद्धार्थ जैन पत्रकार, ब्यावर ।

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