डॉ. अशोक मित्तल ने अपनी माताजी के निधन पर दिखाई समझदारी

डॉ. अशोक मित्तल
डॉ. अशोक मित्तल
अजमेर के सुप्रसिद्ध अस्थि रोग विशेष डॉ. अशोक मित्तल की माताजी श्रीमती कौशल्या देवी (83) का 1 मार्च को प्रात:4 बजे पुष्कर रोड स्थित मित्तल अस्पताल में निधन हो गया। डॉ. मित्तल ने अपनी माताजी की सेवा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। यही वजह रही कि 29 फरवरी को जब खांसी की शिकायत हुई तो डॉ. मित्तल ने तत्काल ही अपनी मां को मित्तल अस्पताल में भर्ती कराया। अस्पताल के चिकित्सकों ने मां को तत्काल वेंटीलेटर पर रखने का सुझाव दिया और साथ ही कहा कि यदि वेंटीलेटर पर नहीं रखा गया तो अस्पताल प्रशासन और चिकित्सकों की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी। ऐसे नाजुक मौके पर डॉ. मित्तल ने अपने बेटे डॉ. अंकुर मित्तल से विचार विमर्श किया और मां को वेंटीलेटर पर नहीं रखने का निर्णय लिया। रात दो बजे तक 83 वर्षीया कौशल्या देवी ने बड़े आराम से अपने दोनों बेटों, बेटियों और परिवार के सदस्यों से बात की तथा प्रात: 4 बजे अंतिम सांस ली। इस संंबंध में डॉ. मित्तल ने बताया कि माताजी पिछले कुछ दिनों से मुम्बई में छोटे भाई के पास रह रही थी और 25 फरवरी को ही कहा था कि अब मेरे जाने का समय आ गया है। इसलिए अजमेर ले चलो। मां की इच्छा पर ही 27 फरवरी को अजमेर लाया गया। पूरे परिवार को भी अहसास था कि अब मां के जाने का समय आ गया है। चूंकि वे पेशे से चिकित्सक हैं, इसलिए उनको अहसास था कि वेंटीलेटर पर रखने के बाद भी मां के बचने की कोई गारंटी नहीं है। पूरे परिवार ने मां के बारे में सही निर्णय लिया और हमें संतोष है कि बिना कष्ट पाए मां का स्वर्गवास हो गया। परिवार के सभी सदस्यों ने श्रद्धा के साथ एक मार्च को शाम 6 बजे मां का अंतिम संस्कार आतेड़ स्थित श्मशान स्थल पर कर दिया। अंतिम समय में मां को वेंटीलेटर पर नहीं रखने का निर्णय कर डॉ. मित्तल ने समझदारी का परिचय दिया है। असल में अनेक परिवार चिकित्सकों और अस्पताल प्रशासन के दबाव अथवा सुझाव की वजह से बुजुर्ग मरीज को भी वेंटीलेटर रखने का निर्णय लेते हैं। जबकि ऐसे वृद्ध नागरिक को कोई रोग नहीं होता है।

(एस.पी. मित्तल) (01-03-2016)
(spmittal.blogspot.in) M-09829071511

error: Content is protected !!