खास आदमी… आम बनकर जाए अस्पताल, पता चल जाएगा

arvind apoorva
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अजमेर के टीबी हॉस्पिटल में गुरुवार सुबह हुई घटना दुखद है। कारण क्या रहे, जांच के बाद ही स्पष्ट होगा, लेकिन अस्पतालों में व्याप्त अव्यवस्थाओं को नहीं नकारा जा सकता। खास आदमी अगर आम मरीज बनकर जाए तो खुद ब खुद स्थिति का पता चल सकता है। मैं तो कई बार इन हालातों का शिकार हो चुका हूं। आपातकालीन विभाग में बैडशीट तो क्या, बैड के हालात ऐसे हैं, कि उनमें से रूई निकल रही होती है, तो गंध से भरे रहते हैं। रात को अगर गलती से कोई बीमार होकर ओपीडी में पहुंच गया तो वहां मरीज और रिश्तेदार को जलील भी होना पड़ सकता है। ऐसी अव्यवस्थाओं का विरोध करने और आवाज उठाने वाले मीडियाकर्मी भी ऐसे डॉक्टर्स का शिकार हो चुके हैं। जब हादसा हुआ तो कलेक्टर, संभागीय आयुक्त सभी अस्पताल पहुंचे। जांच में कई खामियां मिली। ऐसी खामियां… तो यहां वर्षों से है। बस जांच निरीक्षण के दौरान ही सामने आती है और दुरुस्त की जाती है। पर्ची लेनी है तो कम से कम आधा घंटा लाइन में खड़ा रहना ही होगा। उसके बाद डॉक्टर को दिखाने, पर्ची पर नंबर डलवाने और मुफ्त की दवा लेने के लिए कम से कम दो घंटे और चाहिए। इन तीन घंटे में मरीज की क्या हालत हो जाती होगी, यह वह मरीज ही महसूस कर सकता है। कहते हैं… डॉक्टर अपनी वाणी से मरीज को आधा ठीक कर देता है। सही है… लेकिन यहां कुछ डॉक्टर्स ही आपको दवा से पहले ठीक कर पाएंगे। बाकि तो आपको लगेगा कि यहां आना भी गुनाह हो गया। मैं आम आदमी हूं… मुझे तो आदत हो गई है साहब… ऐसे हालातों से दो चार होने की…। कलेक्टर महोदय…संभागीय आयुक्त महोदय के साथ-साथ शहर में रहने वाले दो-दो मंत्री महोदय से भी निवेदन है कि आप भी कभी खास नहीं, आम बनकर हमारे संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल में जाएं… आपको सभी हालातों का पता चल जाएगा, कि आम आदमी को यहां कैसी और किन-किन परेशानियों से दो-चार होना पड़ता है।
By – Arvind Apoorva
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