ब्रम्हा मंदिर ट्रस्ट पर लगाए जा रहे आरोपो को महंत सोमपूरी ने किया सिरे से ख़ारिज

◆ ढाई साल के कार्यकाल में सवा करोड़ रुपयो का आया चढ़ावा , ट्रस्ट के पास है एक एक रुपये का हिसाब •••

◆ मंदिर ट्रस्ट ने दी चुनोती , कहा कोई भी जनप्रतिनिधि , अधिकारी आकर कर सकता है जांच , हर कसौटी पर खरा उतरने के लिए है तैयार •••

bramha mandir 7स्थानीय जनप्रतिनिधियो एवम् पुरोहित संघ के संयोजक द्वारा पिछले कुछ समय से जगतपिता ब्रम्हा मंदिर के महंत और ट्रस्ट पर अनियमितताएं करने के आरोप लगाने के बाद आज मंदिर महंत सोमपूरी ने मीडिया को बुलाकर सभी आरोपो को सिरे से ख़ारिज कर दिया । अक्टूबर 2013 में मंदिर महंत की गद्दी पर आसीन होने से लेकर आज दिन तक ( ढाई साल के दौरान ) जितना भी चढ़ावा श्रद्धालुओं द्वारा चढ़ाया गया और उस पैसो को कहा कहाँ खर्च किया गया । यह जानकारी भी आज महंत ने मीडिया के सामने सार्वजनिक की ।

सोमपूरी ने बताया कि ब्रम्हा मंदिर ट्रस्ट एक मात्र ऐसा ट्रस्ट है जिसकी ऑडिट हर महीने देवस्थान विभाग के अधिकारियो द्वारा की जाती है । अधिकारियो की मौजूदगी में ना सिर्फ चढ़ावे में आने वाले एक एक रुपये की गिनती होती है बल्कि मंदिर को मिलने वाली खर्चे की राशि के बाद बची हुई धनराशि बाकायदा बैंक अकाउंट में जमा भी होती है । पिछले 30 महीनो से लगातार मंदिर में आने वाले चढ़ावे की गिनती इसी प्रक्रिया के तहत की जा रही है ।

महंत की गद्दी पर आसीन होने के बाद देवस्थान विभाग द्वारा 8 महीनो तक व्यवस्थाओ के लिए हर महीने 1 लाख रुपये दिए गए । लेकिन खर्चा ज्यादा होने के कारण उनके आग्रह पर इस राशि को बढ़ाकर 2 लाख रुपये की गई । जो 14 महीनो तक लगातार मिलते रहे । परन्तु मंदिर सुरक्षा के लिए तैनात किये गए गार्डो की संख्या बढ़ाने और अन्य स्टाफ में बढ़ोतरी होने से यह राशि भी अपर्याप्त होने लगी जिसे बाद में बढ़ाकर 3 लाख रुपये महीने कर दिया गया । अभी वर्तमान में बीते 8 महीनो से ट्रस्ट को 3 लाख रुपयो के हिसाब से खर्चा मिल रहा है ।

जानकारी के अनुसार बीते ढाई साल के दौरान मंदिर प्रशासन को चढ़ावे के तौर पर लगभग सवा करोड़ रुपयो की प्राप्ति हुई है । जिसमे से मंदिर खर्च के नाम पर 60 लाख रुपये दिए गए थे । जिनका एक एक रुपये का हिसाब मंदिर के अकाउंटेंट के पास मौजूद है । बाकी बचे लगभग 65 लाख रुपयो को पुष्कर स्थित पंजाब नॅशनल बैंक में स्थित मंदिर ट्रस्ट के अकाउंट में जमा करवाया जा चुका है ।

वर्तमान में मंदिर की व्यापक व्यवस्थाओ को अंजाम देने के लिए ट्रस्ट द्वारा 8 सुरक्षा गार्ड , 5 सफाई कर्मचारी , 3 गौशाला कर्मचारी , 5 कर्मचारी मंदिर ट्रस्ट की विभिन्न जमीनों में तैनात चौकीदार , 2 रसोइये , 2 सफाई कर्मी , 1 पुजारी अम्बे माता मंदिर , 1 पुजारी नारद जी पशुपति नाथ मंदिर , 2 पुजारी शिव मंदिर गुफा में कार्यरत है । जिन्हें हर महीने ट्रस्ट द्वारा वेतन दिया जा रहा है ।

इतना ही नहीं मंदिर में मौजूद गऊ शाला में अभी 45 गाये , 2 नंदी मौजूद है । जिनकी देखरेख में लगभग 5 हजार रुपयो का रोजाना खर्चा हो रहा है । यज्ञ के लिए 1 घोड़ा भी है । मंदिर दर्शन करने आने वाले श्रद्धालु तीर्थ यात्रियों के लिए ट्रस्ट द्वारा पीने के पानी के 5 वाटर कूलर मंदिर परिसर में और 1 प्याऊ मंदिर के पिछवाड़े सावित्री माता मार्ग में लगाईं हुई है । साथ ही श्रद्धालु यात्रियों को गर्मी से बचाने के लिए मंदिर में कारपेट और तिरपाल लगाए गए है । नगर पालिका द्वारा लगाये जा रहे भूमिगत कचरा पात्र में भी 2 लाख रुपयो का भुगतान किया गया है ।

मंदिर प्रवक्ता अरुण पाराशर ने बताया की वर्तमान में ब्रम्हा मंदिर की दुकानों और परिसर में स्थित 13 किरायेदारों से ट्रस्ट को सालाना केवल 65 हजार रुपये किराये के रूप में प्राप्त होता है । कम बजट मिलने के बावजूद विश्व का एकमात्र मंदिर होने के नाते जिस तरह की सुविधाओ और व्यवस्थाओ को ट्रस्ट द्वारा अंजाम दिया जा रहा है वह अपने आप में मिसाल है । सुरक्षा के तहत मंदिर में 16 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए है । साथ ही श्रद्धालु यात्रियों के कीमती सामान के लिए नीचे एक लॉकर सुविधा भी शुरू की गई है । लेकिन दुःख की बात है की उसे भी अतिक्रमियों ने अपने चंगुल में ले रखा है । जिसके चलते श्रद्धालुओं को उसका लाभ नहीं मिल पा रहा है ।

मंदिर महंत सोमपूरी ने अनियमितताओं के आरोप लगाने वालो को खुला निमंत्रण देते हुए कहा की कोई भी जनप्रतिनिधि या अधिकारी कभी भी मंदिर आकर पाई पाई का हिसाब ले सकता है । उनके गद्दी पर आसीन होने के बाद से लेकर आज दिन तक का सारा हिसाब देवस्थान विभाग में दर्ज है । उन पर लगाये जा रहे आरोप निराधार है और केवल उन पर दबाव बनाये जाने के लिए लगाये जा रहे है ।

राकेश भट्ट
प्रधान संपादक
पॉवर ऑफ़ नेशन
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