मेरे योग्य सेवा कहने वाली पुलिस औऱ अपराधियों मैं भय औऱ आमजन मैं विश्वास का नारा देने वाली पुलिस आजकल बडी ऊपा पोह की स्थिति मैं है हुआ यूँ है कि जिन पुलिस कर्मीयों को 15 अगस्त को पुलिस पदको से नवाजा जायेगा वो आना सागर बारादरी पर शाम की चाय पर पदक लेने को तैयार नहीं है,वो इसको अपना अपमान मान रहे है,क्योंकी बाकी कर्मचारियों को तो पटेल स्टेडियम मैं दिये जायेंगे औऱ पुलिस वालों को शाम की चाय की गपशप , समोसे कचौरी औऱ गुलाब जामुन के बीच दिये जायेंगे, सब लोगों का ध्यान खाने पीने मैं होगा तो पुलिस वालों की ओर देखेगा कौन , पदक प्राप्त करनेवाले औऱ पुलिस जन इसे अपना अपमान मान रहे है ,अन्य लोगों को जैसे पदक मिलते हैं वो तो सर्व विदित है ,पुलिस मैं पदक देने की प्रक्रिया बडी कठिन है औऱ महा महिम राष्ट्रपति तक जाती है ,तो उसी शानो शौकत से पदक भी मिलने चाहिए, आजतक चाय पार्टियों मैं कभी नहीं दिये गये, ये गरिमा के विपरीत है ,कई पुलिस अफसर भी इस प्रक्रिया से खासे नाराज हैँ ,पुलिस वाले तो यहाँ तक कह रहे है हम कभी पुलिस परेड मैं अपने D G P से ही ले लेगें ,पर अनुशासित फौज है रोये भी तो किस के आगे ,नक्कारखाने मैं तूती की आवाज सुने कौन औऱ उठाये कौन सबकी A C R का झंझट रहता ही है ,होई सो वोई जो राम रची राखा देखिये आगे आगे होता है क्या ,
राजेश टंडन, अजमेर