गणपति विसर्जन बनाम विसर्जित आस्थाएं

रास बिहारी गौड़
रास बिहारी गौड़
अजमेर धार्मिक आस्थाओं का एक माध्यम वर्गीय नगर है। अभी कुछ वर्ष पूर्व तक हिन्दीभाषी प्रदेशो के मुख्य त्योवारों को छोड़कर शेष उत्सव अपनी प्रदेशिक प्रभाव के साथ समाज से संवाद करते थे। महाराष्ट्र-मंडल का गणपति उत्सव हो या बंगाली समाज की देवी पूजा। दोनों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की गूँज के संग- संग भक्ति भाव का सहज प्रवाह नजर आता था।
इधर के कुछ वर्षो में धार्मिक सैलाब अजब तरीके से उमड़ा है। कभी कावड़ियों की टोली, कभी जातरुओं का मेला, कभी जायरीनों का रेला, गणपति विसर्जन की होड़, या फिर डांडियों का शोर । अचानक उपजी आस्थाएं या तो स्थानीय बाजार की देन हैं या फिर बेकार युवाओं की ऊर्जा का उपादान। सम्भवतः आप मेरे दृष्टिकोण से सहमत ना हो, किंतु समाज का धार्मिक सौंदर्य इससे जरूर प्रभावित होता है। विशेषकर तब जब हम एक सभ्य समाज के निर्माण की बातें करते हो। क्या कभी हम सौचते हैं इसके प्रतिफल क्या हैं? माना हम धर्म के प्रति अतिरिक्त सहिष्णु है लेकिन आस्थाओ की पावनता का प्रदर्शन हमारे खोखले और निरर्थक होने का प्रमाण है।
अधिसंख्य उदाहरण में हम देखते है कि इन उत्सवो के आयोजक या तो राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि होते हैं या फिर समाज की नकारात्मक ऊर्जा के वाहक(अपवादिक रूप से अच्छे लोग )।वे अपने हित साधते हैं और समाज उन्हें धर्म की आड़ में मान्यता प्रदान करता है।
प्रश्न किसी की आस्थाओं को आहत करना नहीं है अपितु उनके दोहन से जनित विकृति का है। सबको अपनी निज- अस्था, धर्म ,विचार, दर्शन की अभिव्यक्ति का नैसंगिक अधिकार है ।किन्तु इसका दुरूपयोग अंततोगत्वा हमारे आकार को बौना करता है।
यह परिदृश्य अजमेर मात्र का नहीं, अपितु सम्पूर्ण उत्तर भारत में दिखाई दे रहा है। जिसका परिणाम समाज धार्मिक गुरुओं के हाथों छला जा रहा है। राजनैतिक दल देश का साम्प्रदायिक दोहन कर रहे है। अपराध को एक जायज ठिकाना मिल रहा है। कुल मिलाकर हम एक आदिवासी समाज गढ़ते हुए सुई को उल्टी दिशा में घूमा रहे हैं। गीता, कुरान, बाइबिल को पढ़े बगैर उन्हें पूज रहे है। सुर, तुलसी, मीरा के भक्ति- गीतों को भूलकर फ़िल्मी पैरोड़ियों से देवो को रिझा रहे हैं। गणपति हो या दैवी, किसी भी विसर्जन के साथ अपनी सच्ची आस्थाओं को भी विसर्जित होते देख रहे हैं।।

क्षमा याचना सहित

रास बिहारी गौड़
www.ajmerlit.org/blogspot

error: Content is protected !!