लोकायुक्त कोठारी को साधुवाद

कि सीवरेज योजना पर अमल न होने पर प्रसंज्ञान लिया

एस एस कोठारी
एस एस कोठारी
राजस्थान के लोकायुक्त एस एस कोठारी ने अजमेर में करीब डेढ़ अरब रुपए खर्च होने के बाद भी सीवरेज योजना का लाभ न मिलने पर स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान ले कर जिला प्रशासन सहित संबंधित पक्षों को तलब किया है। वे वाकई साधुवाद के पात्र हैं। इस कदम के लिए उनकी जितनी तारीफ की जाए, वह कम है।
वाकई यह बहुत अफसोसनाक है कि इतनी बड़ी राशि खर्च होने के बाद भी योजना का लाभ आम आदमी को नहीं मिल पाया। बेशक, इस बारे में अनेक बार प्रशासनिक बैठकें हुईं, प्रशासन की ओर से प्रयास भी हुए कि सीवरेज सिस्टम चालू होना चाहिए, मगर नतीजा सिफर ही रहा। गिने चुने क्षेत्रों में कनैक्शन दिए गए हैं, मगर सिस्टम का अभी तक कोई पता नहीं है। इस सिस्टम की तकनीकी खामियों को लेकर संबंधित विभागों के बीच हुई खींचतान के बाद अब आम धारण बन गई है कि अगर यह सिस्टम चालू हो भी गया तो यह कामयाब नहीं हो पाएगा।
ज्ञातव्य है कि शहर में सीवरेज का जाल बिछा कर हर घर को जोडऩे की कवायद सन् 2001 में एडीबी के सहयोग से आरयूआईडी की तहत शुरू हुई। इसके तहत शहर के तीन जोन में 225 किलोमीटर सीवरेज लाइन बिछाई गई। एक जोन फॉयसागर-कोटड़ा-वैशाली नगर में उस समय ठेकेदार फर्म ने पथरीला भूभाग होने से 10 फीसदी काम के बाद हाथ खड़े कर दिए। लाइन बिछाने का काम सन् 2009 तक पूरा हुआ। इसके बाद नगर निगम आरयूआईडीपी में सीवरेज लाइन के हैंडओवर-टेकओवर को लेकर विवाद हो गया, जो बाद में सुलझा। इसके बाद निगम ने घरों को कनेक्शन से जोडऩे का ऐलान किया, लेकिन अमल की गति बिलकुल धीमी है।
यह स्थिति न केवल प्रशासन और संबंधित विभागों के लिए शर्मनाक है, अपितु विकास की दुहाई देने वाले राजनेताओं के दावों पर तमाचा है। क्या यह कम दुर्भाग्यपूर्ण है कि अजमेर शहर के दोनों विधानसभा क्षेत्रों के विधायक राज्य सरकार में राज्य मंत्री हैं। सांसद भी भाजपा के तो निगम मेयर भी भाजपा के। केन्द्र से लेकर स्थानीय निकाय तक एक ही पार्टी की सत्ता है, फिर भी योजना पर अमल नहीं हो पा रहा। ऐसे में लोकायुक्त महोदय ने जिस प्रकार प्रसंज्ञान लिया है, उससे उम्मीद जगी है कि अब कुछ गति आएगी। असल में होना तो यह चाहिए कि इस योजना के देरी के लिए जिम्मेदार अफसरों को दंडित किया जाए।
-एन के जैन, सीए
कार्यकारी संपादक, अजयमेरु टाइम्स

error: Content is protected !!