यानि कि संघ साथ है अन्ना आंदोलन के

सुनील दत्त

कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह जब आरोप लगाते हैं कि अन्ना आंदोलन के पीछे संघ और भाजपा का हाथ है तो टीम अन्ना तो असहज हो उठती ही है और संघ व भाजपा को भी बुरा लगता है। इसकी वजह ये है कि भाजपा व संघ का इस मामले में कभी क्लीयर स्टैंड नहीं रहा। कभी कहते हैं कि हमारा कोई लेना देना नहीं है तो कभी कहते हैं भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन के तो साथ हैं ही। इस अस्पष्ट भूमिका की वजह ये ही है कि टीम अन्ना अपने आंदोलन को गैर राजनीतिक बताने के लिए कभी-कभी भाजपा पर भी दिखाने को वार करती है। वैसे धरातल सच यही है कि भले ही टीम अन्ना संघ और भाजपा का मुखौटा न हो, मगर उसे सींचने की तो पूरी भूमिका अदा करते हैं, क्योंकि आंदोलन को गैर राजनीतिक बताने के बावजूद वह कभी घोषित तो कभी अघोषित रूप से कांग्रेस को उखाड़ फैंकने के लिए सतत प्रयासरत है। यानि कि संघ और भाजपा को टीम अन्ना से भले ही कोई सीधा वास्ता न हो, मगर दुश्मन का दुश्मन दोस्त तो है ही। इसकी झलक हाल ही अजमेर में भी नजर आई।
इंडिया अगेंस्ट करप्शन की ओर से अन्ना संदेश यात्रा के तहत जवाहर रंगमंच पर आयोजित कुमार विश्वास की सभा में प्रमुख श्रोताओं के रूप में विधायक वासुदेव देवनानी व आरएसएस अजमेर महानगर संघ चालक सुनील दत्त भी मौजूद थे। भाजपा पार्षद खेमचंद नारवानी सहित कुछ अपरिचित भाजपाई चेहरे भी उपस्थित थे। ये सभी संघ पृष्ठभूमि से जुड़े हुए हैं। हो सकता है कि इनके पास जवाब हो कि वे तो भ्रष्टाचार के खिलाफ कुमार विश्वास का भाषण सुनने मात्र गए थे, मगर चूंकि जैन व देवनानी अजमेर में संघ व भाजपा के अग्रणी चेहरे हैं, इस कारण यही माना जाएगा कि अन्ना के आंदोलन को अघोषित रूप से प्राण वायु वे ही दे रहे हैं। महानगर संघ चालक का पद कोई छोटा-मोटा नहीं होता। उस पर बैठे व्यक्ति के लिए संघ और भाजपा की गतिविधियों की गहरी नजर और पकड़ होती है। इस कारण जैन की मौजूदगी को यूं ही नजर अंदाज नहीं किया जा सकता। इसी प्रकार देवनानी मौजूदा भाजपा विधायक व पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री हैं। वे अजमेर भाजपा के चुनिंदा अग्रणी भाजपा नेताआं में शुमार हैं। हालांकि भाजपा के शहर अध्यक्ष प्रो. रासासिंह रावत सहित अन्य पदाधिकारी सभा में नजर नहीं आए, इससे यह संदेश गया कि भाजपा ने इस सभा से परहेज ही रखा, मगर दूसरी ओर जैन व देवनानी की पहली पंक्ति में मौजूदगी यह सवाल छोड़ गई है कि आखिर वे किस रणनीति के तहत वहां गए। जाहिर तौर पर इससे आम भाजपा कार्यकर्ता तो असमंजस में पड़ा ही होगा।
-तेजवानी गिरधर
7742067000
[email protected]

4 thoughts on “यानि कि संघ साथ है अन्ना आंदोलन के”

  1. “sangh kuch nahi karga swaymsewak kuch nahi chodega” arthart avsyakata ke samay sangh ki taraf dekna nahi, krati karna jo rashtra hit me ho. agar congres bhi rastahit ka nirnay le to sambhavtah RSS unke sath hoga. jayram ne jab digree dene se purv apne sarir ka choga utar kar fenkaor kaha gulami ki bu aati hai sangh v karyakarta sabse aage the unki prasansha me

  2. mananiya mahanagar sangh chalak ki kumar viswas ki sabha me moujudgi yeh siddh karti hai ki sangh poori tarah se anna ji k saath hai or yahi baat sangh parivaar ko khulkar sweekar bhi karni chahiye.
    sangh parivaar sadaiva desh hit ke karyon me aage raha hai toh iss baar bhi desh ka saath dena hoga.
    parantu yeh baat nishchit roop se team anna k liye nagavar sidddh hogi kyunki congress walo ko un per war karne or unhe anti secular kehne ka ek or mouka mil jaayega, shayad yahi baat sangh parivaar nahi chahata jis se ki desh hit me anna ji k andolan per koi aanch aaye.
    isliye sangh parivar desh hit me yeh declare nahi kar pa raha.

    • प्रतिक्रिया के लिए आपका शुक्रिया

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