दो मॉल की अवैध पार्किंग सड़क पर

पंचशील के लोग परेशान,नगर निगम व यातायात पुलिस खामोश

facebook_1513781555149अजमेर के पंचशील नगर में बने दो मॉल से यहां के निवासियों का जीना ना सिर्फ मुहाल हो गया, बल्कि आम लोगों के लिए बनाई गई सड़कों पर मॉल में आने वाले लोगों के वाहनों की अवैध पार्किंग होने से उनका चलना-फिरना भी दुश्वार हो गया है । मजे की बात यह है कि मॉल के बाहर पार्किंग के लिए बने फुटपाथ को प्लास्टिक की रस्सी बांधकर उसे बंद कर दिया है । ताकि वहां कोई वाहन खड़ा न कर सके । जबकि मॉल के चारों ओर से निकलने वाली आम सड़क को पार्किंग में तब्दील कर दिया गया है । सवाल है कि क्या नगर निगम और यातायात पुलिस की निगाह कभी इस और जाएगी या पीठ पर पड़े चांदी के जूते उन्हें खामोश रहने पर मजबूर करते रहेंगे।?
पंचशील में स्थित सिटी स्क्वायर मॉल के संचालकों ने मॉल के बाहर बने फुटपाथ पर वाहन खड़े होने से रोकने के लिए उसे रस्सी से बांधकर बंद कर दिया है। हालांकि यह फुटपाथ भी मॉल प्रबंधन की ओर से किया गया अवैध कब्जे ही बताया जाता है । लेकिन मॉल के सामने और आसपास से निकलने वाली सभी सड़कों को अवैध रूप से पार्किंग में तब्दील कर दिया है । हालत है कि सड़क पर ही घुड़सवारी और ऊंट सवारी कराई जा रही है। जबकि एक और लगने वाले खाद्य पदार्थों के ठेलों ने इस शांत और पॉश इलाके की दुर्गति कर दी है ।
स्थानीय लोग पहले ही CSM के आसपास वाहन पार्किंग से परेशान थे,रही सही कसर कुछ दिन पहले खुले दूसरे मॉल डी मार्ट में पूरी कर दी। अब हालत यह है कि राजीव गांधी सर्किल के आसपास दूर तक ऐसा लगता है जैसे यह कोई पार्किंग स्थल हो। वाहनों की सुबह से देर रात तक रेलमपेल लगी रहती है। ऐसे मे आसपास के रहने वाले लोग सिवाय प्रशासन व यातायात पुलिस कोसने के कुछ नहीं कर पाते हैं । कई लोगों ने नगर निगम और प्रशासन सहित स्थानीय पार्षद को भी इसकी शिकायत की । लेकिन शायद मॉल प्रबंधन के रसूख इन्हें कुछ भी नहीं करने देते। सवाल यह है कि जब इतने बड़े बड़े मॉल और व्यवसायिक कांपलेक्स बनते हैं तब नगर निगम और प्रशासन इस बात की तस्दीक क्यों नहीं करता है कि आखिर वहां आने वाले वाहन कहां पार्क होंगे और अगर पर्याप्त पार्किंग के लिए स्थान नहीं है ,तो इन्हें मंजूरी ही क्यों दी जाती है । पंचशील ही नहीं,शहर के हर क्षेत्र व मुख्य सड़कों पर में बन रहे व्यावसायिक काम्पलेक्स यातायात और पार्किंग के लिए मुसीबत बनते जा रहे हैं
शहर में सड़कों पर सफेद लाइन बनाकर उनके पीछे वाहन खड़ा करने और थोड़ा सा भी बाहर होने पर कबाड़ की तरह लोगों के टू व्हीलर अपने वाहन में लादकर ले जाने वाली यातायात पुलिस क्या कभी इन बड़े माल व व्यवसायिक कॉम्पलेक्स के बाहर ऐसी कार्यवाही करने की हिम्मत कर सकेगी । वरना तो लोगों के इन आरोपों को मानना ही पड़ेगा की प्रभावशाली एवं पैसे वाले लोगों ने नगर निगम के पार्षदों,अधिकारियों और यातायात पुलिस को पैसे के दम पर अपना गुलाम बना रखा है।

ओम माथुर

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