सी.आर. चौधरी लड़ेंगे अजमेर से अगला लोकसभा का चुनाव

अजमेर में अब लगेंगे अधिकारी, छोटूराम जी चौधरी के कहने से, जब ट्रांसफर लिस्ट आएगी, राजस्थान सरकार ने लिया नीतिगत निर्णय, जिस अधिकारी की अनुशंषा पुलिस विभाग में और प्रशासन में छोटूराम जी करेंगे, वही अधिकारी अजमेर में लगेगा, अब यह तय हो गया है‘‘*

*यथा नाम तथा गुण के विपरीत छोटूराम जी चौधरी करीब 6 फुट लम्बे और बहुत ही मृदुभाषी हैं और अजमेर में सारा जीवन उन्होंने नौकरी में होम दिया, कभी सिटी मजिस्ट्रेट रहे, कभी ए.डी.एम. रहे, कभी नगर परिषद में रहे, कभी लोक सेवा आयोग में सदस्य रहे, फिर चेयमैन रहे कुल मिलाकर अजमेर स्टेट सर्विसेज़ के कर्मचारी रहे और अजमेर में रच बस गए, हर क्षेत्र में बहुत ही लोकप्रिय रहे चाहे बच्चे हों, चाहे युवा हों, चाहे महिलाएं हों, चाहे जाति समाज के लोग हों और राजकीय कर्मचारी हों, चाहे व्यापारी हों, अजमेर उनकी शुरू से ही कर्मस्थली रही है।*
*शुरू से ही उनके आध्यात्मिक और राजनैतिक गुरू आदरणीय अशोक गेहलोत जी रहे और अशोक जी ने चाहे गुजरात की चासनाला दुर्घटना हो या कोई और आपदा आई हो सदा छोटूराम जी चौधरी को ही अपना प्रतिनिधि या आपदा नियंत्रक बनाकर भेजा और आपदा पर नियंत्रण किया और राजनीति में भी इसी तरह उनके समाज में उनका उपयोग किया तथा उनको सदा आगे बढ़ाया। पता नहीं क्या कारण रहे ? ये तो भगवान ही जाने कि छोटूराम जी चौधरी भाजपा में चले गए और नागौर से सांसद बन गए और अब मंत्री भी बन गए, परन्तु छोटूराम जी को जमीनी हकीकत का पूर्वाभास है कि वह अब नागौर से सांसद तो नहीं बन सकते, इसलिए उन्होंने अपनी राजनीतिक जमीन तलाषनी शुरू कर दी है और ‘‘नो मैन लैण्ड‘‘ अजमेर से अच्छी जगह कोई नहीं हो सकती, जो कि उनकी कर्मस्थली है। अजमेर के हर चुनाव में उन्होंने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया और भाजपा सरकार ने उनको सदा अजमेर ही प्रभारी बनाकर लगाया, विगत लोकसभा उपचुनाव में सिवाय उनके कोई भाजपा का बड़ा नेता अजमेर में पड़ा भी नहीं रहा, शायद यही कारण है कि वे अपनी राजनीतिक जमीन अजमेर में इस बहाने ढूंढते रहे। छोटूराम जी चौधरी की अकूत सम्पदा, जमीन जायदाद, सम्पत्तियां सब अजमेर में ही हैं और बहुत अच्छे किरायों पर उठी हुई हैं और श्री छोटूराम जी बराबर उनकी देखभाल करते हैं, अजमेर प्रवास में वे रात्रि में तो सर्किट हाउस में चैक-इन करते हैं परन्तु आध्यात्मिक चिन्तन और मनन कहीं और ही करते हैं और मॉर्निंग वॉक के बाद ही सर्किट हाउस आते हैं ऐसा सर्किट हाउस वालों का कहना है कि वे रात्रि में सर्किट हाउस में सोते नहीं हैं, रात्रि में आत्म विश्लेषण, भक्ति भाव कहीं अन्यत्र करते हैं।*
*अजमेर जिला प्रशासन और पुलिस विभाग भी छोटूराम जी को बहुत गंभीरता से लेता है जब उनका यदि अजमेर टूर प्रोग्राम आता है तो पुलिस और पुलिस अधिकारी बहुत ही बेचैन हो जाते हैं और बार-बार पता करते रहते हैं कि छोटूराम जी की ऐस्कॉट पायलट में कौन अधिकारी लग रहे हैं, सलामी गार्ड खड़ी हो गई है कि नहीं ? और सर्किट हाउस में कौनसा कमरा उन्हें दिया गया है, जिन-जिन क्षेत्रों में वो जाएंगे वहां के थानाध्यक्षों को इत्तला हुई कि नहीं ? प्रोटोकोल में कौन अधिकारी साथ रहेगा ? और उनका स्वागत करने, उन्हें रिसीव करने कौन जा रहा है ? इन सब बातों की मॉनिटरिंग स्वयं आदरणीय पुलिस अधीक्षक महोदय करते हैं, वैसे तो अजमेर में रोज ही वी.वी.आई.पी. आते रहते हैं परन्तु पुलिस जितनी तवज्जो छोटूराम जी को देती है शायद ही किसी और को देती हो और छोटूराम जी भी नागौर के व्यक्तियों के जो भी काम होते हैं, अजमेर संभागीय मुख्यालय होने पर उन कामों में पूरा दखल देते हैं और अपने मर्जीदानों के सारे काम अधिकारियों को प्यार-पुचकार कर अपने स्वभाव के अनुरूप अजमेर में करवाते रहते हैं और अधिकारियों को भी पता है कि अब जो भी ट्रांसफर लिस्ट आएगी वह चुनावी ट्रांसफर लिस्ट होगी और वो छोटूराम जी के मनमुताबिक होगी, इसलिए भी अधिकारी उनकी मिजाजपुर्सी करते रहते हैं। नागौर में तो वैसे भी उनसे व उनके ग्रुप के मंत्री महोदय के बिना पूछे ना तो किसी को हटाया जाता है और ना ही किसी को लगाया जाता है जिला स्तर तक, चाहे वो कितना ही विवादों में क्यों ना रहा हो और नागौर में पुलिस और प्रशसन सिर्फ और सिर्फ छोटूराम जी की ही मानता है वो चाहें तो केस में एफ.आर. लगवा दें, चाहें तो चालान करवा दें, चाहें किसी को थाने में लगवा दें, चाहें किसी लाईन हाजिर करवा दें, नागौर में उनका आदेश ब्रम्ह वाक्य मान कर काम करते हैं नागौर के पुलिस अधीक्षक महोदय।

राजेश टंडन एडवोकेट
अब सरकार ने अजमेर की हार के बाद यह फैसला ले लिया है कि अगला चुनाव छोटूराम जी अजमेर से लड़ाया जाए तो यह सीट पुनः प्राप्त की जा सकती है और छोटूराम जी के रिपोर्ट कार्ड में यह खूफिया रिपोर्ट सरकार तक पंहुच चुकी है कि उनके नागौर से जीतने की कोई संभावना दूर-दूर तक नहीं है ऐसा आई.बी. ज़ोन व इन्टेलीजेन्स विभाग की रिपोर्ट केन्द्र सरकार व राजस्थान सरकार तक संबंधित विभागों द्वारा पंहुच चुकी है, इसलिए अजमेर को उनकी रणभूमि बनाकर उन्हें अजमेर में प्रोजेक्ट किया जा रहा है, उनका जातिगत आधार भी है और सामाजिक सरोकार भी है तथा अजमेर में व्यक्तिगत संबंधों का बहुत बड़ा आधार है, उनके लोक सेवा आयोग के कार्यकाल में उन्होंने अजमेर के बहुत से परिवारों को ओब्लाईज भी किया है, यही प्रमुख कारण हैं कि उनके अजमेर से सांसद का चुनाव लड़ने के।*

*आपका अपना राजेश टंडन, एक नागरिक, अजमेर।*

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