नशेड़ी युवक युवतियों ने पुष्कर में जमकर उठाया होली का लुफ्त

◆ *देशभर के नशेड़ी युवक युवतियों ने पुष्कर में जमकर उठाया होली का लुफ्त , बीते 2 दिनों से अर्दनग्न हालत में घूमते हुए लांघी मर्यादाओं की सारी हदें •••*

◆ *होली महोत्सव के आयोजकों , नशे के सौदागरों , पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों , यहां के जागरूक मीडिया कर्मियों सहित तीर्थ नगरी को गोवा बनते देखकर भी चुप्पी साधे बैठे पुष्कर निवासियो को इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए ढेर सारी बधाई •••*

राकेश भट्ट
*रंगों में सराबोर होकर अर्दनग्न हालात में बाजार में घुमते देशी विदेशी सैलानियों का सैलाब , मेट्रो शहरों के अलावा देशभर से पुष्कर पहुंचे नशे के आदी युवक युवतियों द्वारा खुलेआम की जा रही अश्लील हरकतें , सुप्रीम कोर्ट की पाबंदी के बावजूद पूरी रात तेज आवाज में बजते डी जे की आवाजें , कार के बोनट पर सरेआम शराब की बोतल रखकर पेग बनाते युवाओ की टोली , विदेशी महिलाओं के साथ रंग लगाने की आड़ में जमकर की जा रही अश्लील छेड़खानी और सब कुछ जानते हुए , आंखों से देखकर भी अनजान बनने का दिखावा करने वाले पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों की मौजूदगी •••••*

*यह नजारा था जगत पिता भगवान ब्रम्हा की एकमात्र तीर्थ स्थली पुष्कर का , धरती पर स्थित साढ़े तीन करोड़ तीर्थो के गुरु कहलाने वाले पुष्कर का , लाखो करोड़ो श्रद्धालुओ की आस्था का केंद्र माने जाने वाले पुष्कर का , लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि होली के नाम पर बीते एक सप्ताह से यह सब नंगा नाच खुलेआम यहां पर होता रहा और फिर भी इसका विरोध करने के लिए किसी की आत्मा नही जागी , दुःख तो इस बात का है कि गैर कानूनी कामो पर अंकुश लगाने की शपथ लेने वाले वर्दी धारी जवान भी सब कुछ जानते हुए भी अनजान बने रहे । ताज्जुब हुआ यह देखकर की पुष्कर के बच्चे बच्चे को पता था कि कहां क्या गलत हो रहा है , कहाँ नशा बेचा जा रहा है लेकिन बस हमारी पुलिस ही इस बात से अनजान थी या शायद जान बूझकर अनजान बनी रहना चाहती थी ।*

*माना कि होली के नाम पर यहां के होटल व्यवसाइयों , रेस्टॉरेंट संचालकों , चाय नाश्ते वाले छोटे व्यापारियों सहित यहां के हर नागरिक को रोज़गार मिलता है । ट्यूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए कुछ हद तक होली के आयोजन होने भी चाहिए लेकिन उनकी भी तो कुछ सीमाएं निश्चित हो । वैसे भी यह सब यहां पर बीते कई सालों से लगातार बढ़ता जा रहा है । परंतु होली और ट्यूरिज्म की आड़ में इस साल जो भी यहां हुआ वो अकल्पनीय था , सब कुछ खुलेआम कर देना , अश्लीलता को बढ़ावा देना , पाबंदी के बावजूद शराब और मादक पदार्थो को बिकवाना , धार्मिक नगरी पुष्कर को गोवा से भी बदतर हालत में पहुंचा देना जैसी हरकतें किसी भी सूरत में बर्दाश्त नही की जानी चाहिए ।*

*आज पुष्कर के जैसे हालात बन गए है उसके लिए जितने जिम्मेदार यहां के पुलिस अधिकारी , प्रशासन के आला अधिकारी , यहां के राजनेता और जागरूक मीडियाकर्मी है उनसे भी कही ज्यादा जिम्मेदार यहां के तीर्थ पुरोहित , यहां के सामाजिक संगठन , यहां के आश्रमो में विराजमान संत महंत और यहां के आम नागरिक है जिन्होंने सब कुछ देखने के बाद भी मुँह पर चुप्पी का ताला लगा रखा है । जिनमे किसी भी गलत काम का विरोध करने की जरा सी भी हिम्मत नही है । जो मूक दर्शक बनकर हर सही गलत काम को देख रहे है लेकिन पुष्कर तीर्थ की इस दुर्दशा पर कोई आंसू नही बहा रहे है । मानता हूं कि आज के समय मे पैसा बहुत मायने रखता है परंतु अपने जमीर को मारकर कमाया गया पैसा हमेशा अपनी अंतरात्मा को धिक्कारता है ।*

*इसलिए अभी भी वक्त है संभल जाओ , होली के नाम पर चल रहे ऐसे गलत कामो के खिलाफ आवाज उठाओ , वरना होली खेलने आने वाले ऐसे लोगो की लगातार बढ़ती तादात के चलते किसी दिन ऐसा हादसा होगा या किसी देशी विदेशी महिला के साथ ऐसा घटनाक्रम होगा जिसकी कल्पना भी नही की जा सकती । उस वक्त पुष्कर तीर्थ की बदनामी पूरी दुनिया मे होगी तब आपको अच्छा लगेगा क्या । उस वक्त तुम्हारी आने वाली नस्लें भी तुम्हे धिक्कारेगी और सबसे बड़ी बात श्रष्टि के रचयिता भगवान ब्रम्हा भी तुम्हे कभी क्षमा नही करेंगे जिन्होंने तुम्हे दुनिया की सबसे सुंदर और शांत जगह पर जन्म लेने का सौभाग्य दिया लेकिन बदले में तुमने उनके एक मात्र तीर्थ को भी गोवा जैसी बदनाम जगह से भी बदतर स्थान बनाकर छोड़ दिया है ।*

*राकेश भट्ट*
*प्रधान संपादक*
*पॉवर ऑफ नेशन*
*मो 9828171060*

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