प्रधानमंत्री मुद्रा योजना से शुरू हुई थी बैंक में घोटाले की शुरूआत

नवीन वैष्णव
अजमेर की बैंक ऑफ बड़ौदा की रामगंज ब्रांच में हुए घोटाले की शुरूआत प्रधानमंत्री मुद्रा योजना से हुई थी। इसके लिए विभिन्न फर्जी व्यावसायिक फर्म भी खोली गई। वहीं घोटाले की जांच के लिए सीबीआई अधिकारी अजमेर भी पहुंचे और संबंधित बैंक कार्मिकों से पूछताछ भी की।
बैंक सूत्रों की मानें तो करोड़ों रूपए के घोटाले की शुरूआत प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत मिलने वाले लोन से ही हुई। तत्कालीन बैंक मैनेजर ज्योति यादव ने इस योजना में कई लोन खोले। इसमें से कुछ फर्जी फर्म के आधार पर भी खोले गए जिनका आज भी कोई अस्तित्व नहीं है। इन फर्म की कुछ किश्तें तो भरी गई जिससे कि बैंक अधिकारियों को फर्जीवाड़े का अहसास ना हो।
*मंसूबे पर फिरा पानी*
बैंक सूत्र बता रहे हैं कि ज्योति यादव को जयपुर तबादला होने के बाद उसे निवारू रोड़ शाखा का इंचार्ज बना दिया गया। इस ब्रांच में भी उसने बैंक को चपत लगाने का मानस बनाया था लेकिन जागरूक अधिकारियों के कारण वह अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो पाई।
*पंजाबी ने भी खोली कई फर्में*
जिस मूलचंद पंजाबी की फर्मों के नाम से 1 करोड़ 80 लाख का लोन जारी किया गया। उसी के नाम से कई अन्य फर्म भी खोली गई और उन पर लोन जारी हुआ। पूर्व में तो उनकी किश्तें भी समय से नहीं भरी गई। वहीं ज्योति यादव के रीलिव होने से पहले कुछ खातों में राशि जमा करके बंद करने की जानकारी भी बैंक सूत्रों ने दी है। पंजाबी के रिश्तेदार की मानें तो उसे भी पचास से अधिक लाख का चूना लगा कर गया है। पंजाबी ने अपने बेटे को पुना में अच्छा काम काज भी खुलवाया है।
*बंद लोन अकाउंट फिर शुरू*
बैंक ऑफ बड़ौदा के कई ग्राहकों के बंद लोन अकाउंट भी नए सिरे से शुरू हुए। शहर के ही रहने वाले एक वकील साहब ने बताया कि उनके बंद खाते में लाखों का ट्रांजेक्शन किया गया। जिस दिन रूपए जमा किए जाते, उसी दिन निकाल भी लिए जाते। इसकी जानकारी जब उन्हें मिली तो वह बैंक पहुंचे। बैंक के दस्तावेजों की जांच कर रहे अधिकारियों ने उन्हें उक्त एंट्रियां हटवाने का आश्वासन दिया। इसी तरह उनके एक परिचित की पत्नी के नाम से भी लोन अकाउंट खोल दिया गया। जब बैंक अधिकारियों ने लोन अकाउंट के बारे में बताया तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। बाद में बैंक अधिकारियों ने पूरी जांच के बाद अकाउंट बंद करने के लिए आश्वस्त किया।
*जांच लगभग सम्पन्न*
बैंक ऑफ बड़ौदा की डिप्टी जनरल मैनेजर सविता कैनी ने कहा कि बैंक ने अपने स्तर पर जो जांच कमेटी गठित की उसकी जांच लगभग पूरी हो चुकी है। इसकी जांच रिपोर्ट आने के साथ ही सीबीआई को तथ्यों के साथ रिपोर्ट पेश की जाएगी, हालांकि सीबीआई को प्रकरण की जानकारी दे दी गई है। सीबीआई के अधिकारियों ने अजमेर के रीजनल ऑफिस पहुंचकर मामले के संबंध में पूछताछ भी की है। एक दो दिन में सीबीआई मुकदमा दर्ज करके जांच शुरू करेगी। उन्होंने कहा कि अब तक साढे़ तीन करोड़ से अधिक का घोटाला सामने आ चुका है। वास्तविक आंकड़े रिपोर्ट आने के बाद ही सामने आएंगे। कैनी ने साफ कहा कि जांच रिपोर्ट में जिस भी बैंक कार्मिक का घोटाले में हाथ होना सामने आया, उसे किसी भी सूरत में नहीं बख्शा जाएगा।
*बैंक अधिकारी ही दोषी*
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से रिटायर्ड एजीएम नवीन मेघवाल ने बताया कि यदि किसी भी ग्राहक के दस्तावेज पर नियमों की अनदेखी कर लोन दिया गया है तो उसका दोषी बैंक अधिकारी को ही माना जाएगा। बैंक अधिकारी को इस संबंध में सारी जानकारी दी जाती है। इसके बावजूद यदि वह दे रहा है तो उसका निजी स्वार्थ ही माना जाएगा। जो न्यायिक कार्रवाई होगी वह बैंक अधिकारी के खिलाफ ही होगी।
नवीन वैष्णव
(पत्रकार), अजमेर
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