चुनाव लड़ने का सपना देख रहे भाजपा के टिकटार्थियों में रस्साकस्सी का खेल

पालिकाध्यक्ष मित्तल ने भी ठोकी ताल

तिलक माथुर
केकड़ी / विधानसभा चुनाव के दिन जैसे जैसे नजदीक आ रहे हैं वैसे ही टिकट पाने वाले नेताओं ने भागदौड़ तेज कर दी है। केकड़ी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए भाजपा के टिकटार्थियों में इन दिनों कुछ ज्यादा ही हलचल मची है। यह स्थिति तब है जब राजस्थान में भाजपा विरोधी लहर चल रही है। केकड़ी क्षेत्र से करीब आधा दर्जन दावेदार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। वैसे तो भाजपा के विधायक शत्रुघ्न गौतम सबसे प्रबल दावेदार है और उन्हीं का टिकट लगभग फाइनल माना जा रहा है। मगर उनके अलावा भी और दावेदार हैं जो टिकट के किये भागदौड़ कर रहे हैं। इन टिकटार्थियों में पार्षद राजेन्द्र विनायका, पूर्व प्रधान रिंकू कंवर राठौड़, भाजपा नेता राधेश्याम पोरवाल, पूर्व प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य रामेश्वर बंबोरिया के अलावा पालिकाध्यक्ष अनिल मित्तल के नाम शामिल हैं। इन दावेदारों ने अपने अपने स्तर पर कार्यकर्ताओं से सम्पर्क करना तथा प्रदेश व केंद्रीय नेताओं से सम्पर्क करना शुरू कर दिया है। सभी अपने टिकट को लेकर आश्वस्त होने का प्रदर्शन कर रहे हैं। टिकटार्थियों की इस रस्साकस्सी से पार्टी कार्यकर्ताओं में धड़ेबाजी नजर आने लगी है। धड़ेबाजी के चलते भाजपा में जहां परायों से ज्यादा अपनो से खतरा नजर आ रहा है। इनमें से कुछ ऐसे भी हैं जो टिकट लेकर चुनाव लड़ने के मूड में हैं वहीं कुछ ऐसे भी हैं जो टिकट न मिलने की सूरत में बगावत पर उतरने की भी तैयारी कर रहे हैं। इनमें राजेंद्र विनायका, राधेश्याम पोरवाल व अनिल मित्तल तो केवल टिकट पाने के लिए ही संघर्षरत हैं मगर रिंकू कंवर राठौड़ व रामेश्वर बंबोरिया ऐसे नेता हैं जो टिकट मिलता है तो ठीक वर्ना बगावत पर भी उतर सकते हैं। बताया जा रहा है कि ये नेता विधायक शत्रुघ्न गौतम से अपना पुराना हिसाब बराबर करना चाहते हैं जिसके चलते ये माना जा रहा है कि इनमें से कोई एक टिकट नहीं मिलने की सूरत में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में उतर सकता है हालांकि इन दोनों नेताओं ने अभी अपने पत्ते खोले नहीं हैं। ये सभी दावेदार पिछले उपचुनाव में भाजपा की करारी हार का जिम्मेदार विधायक शत्रुघ्न गौतम को बता रहे हैं इसी वजह से उनका टिकट कटा हुआ मानकर चल रहे हैं। इन टिकटार्थियों में से पालिकाध्यक्ष अनिल मित्तल एक ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें विधायक शत्रुघ्न गौतम ने कई भाजपाइयों को नाराज कर पालिकाध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज किया। उन्हें उंगली पकड़कर राजनीति करना सिखाया और इस मुकाम तक पहुंचाया लेकिन दुर्भाग्य है कि आज वे ही टिकट पाने की लालसा में गौतम से खुली बगावत कर चुनाव मैदान में ताल ठोक रहे हैं। आज वे जो भी हैं गौतम की बदौलत हैं लेकिन राजनीति एक ऐसी गन्दी चीज है कि कब अपने पराये हो जाएं कहा नहीं जा सकता, जिसका ताजा उदाहरण मित्तल हैं। आज भ्रष्टाचार निरोधक विभाग में उनकी फेक्ट्री के बाहर अतिक्रमण कर पक्का निर्माण कर लेने, सरकारी बेशकीमती जमीन अपने चहेतों को कोड़ियों के भाव बेच देने के मामले सहित उनसे सम्बंधित पांच परिवाद दर्ज हैं जिनकी उच्चस्तरीय जांच चल रही है। मगर मित्तल को तो किसी बात का डर ही नहीं हैं उन्हें इस बात का भी भय नहीं कि अगर उन्हें टिकट नहीं मिला तो उनका क्या होगा कौन करेगा उनका बचाव। अब तक तो वे गौतम की वजह से बचे हुए थे लेकिन अब कौन बचाएगा उन्हें, खैर हम फिलहाल इसे उनकी तकदीर के भरोसे छोड़ते हैं। टिकट पाने की चाहत में इन नेताओं ने आपसी सम्बन्ध खराब कर लिए हैं जिसका खामियाजा इन्हें तो भुगतना ही पड़ेगा वहीं पार्टी को भी भारी नुकसान होगा। इन दिनों एक दैनिक समाचार पत्र में दावेदारों के लिए सर्वे चलाया जा रहा है जिसमें ये टिकटार्थी इस कदर टूट पड़े मानो यह समाचार पत्र ही इन्हें टिकट दे रहा है। सभी सोशल मीडिया पर अपने नाम से पोस्ट डालकर सर्वे में उन्हें अधिक से अधिक वोटिंग करने की अपील कर रहे हैं। खैर जो भी हो वक्त की नजाकत है कौन डूबेगा कौन तरेगा यह तो आने वाला वक्त ही तय करेगा !

तिलक माथुर
*9251022331*

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