चेला हो तो ऐसा

कलयुग में जहां लोग घोर स्वार्थी हो गए हैं या फिर किसी का अहसान तुरंत भूल जाते हैं, ऐसे में कुछ लोग आज भी किसी की मेहरबानी को दिल में संजोये रहते हैं। ताजा उदाहरण देखिएः- अजमेर के जाने-माने फोटोग्राफर श्री दीपक षर्मा ने अपने फन में काफी ख्याति अर्जित कर ली है। इस क्षेत्र में नए आयाम छुए हैं। वे सुपरिचित व सुलभ फोटोग्राफर श्री महेष नटराज से फोटोग्राफी सीखे हैं, मगर गुरू गुड रह गया और चेला षक्कर हो गया। बावजूद इसके श्री षर्मा अपने गुरू के योगदान को नहीं भूले हैं। मंगलवार को गुरू पूर्णिमा के अवसर पर उन्होंने बाकायदा उनके घर पर जा कर उनका अभिनंदन किया और एक मिसाल कामय कर दी।

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