नवग्रह आयुष मंदिर का शुभारंभ

मोती बोर का खेड़ा (भीलवाड़ा)- 17 जुलाई

भीलवाड़ा जिले के मोती बोर का खेड़ा में केंसर मुक्त भारत निर्माण का संकल्प लेकर कार्य कर रहे श्री नवग्रह आश्रम में आज श्रावणमास का शुभारंभ होने के साथ ही नवग्रह आयुष मंदिर का शुभारंभ भी हो गया है। इस मौके पर विधि विधान के साथ औपचारिक रूप से आश्रम परिसर में बनाये गये इस नवग्रह मंदिर में सभी नो ग्रहों के प्रतिनिधि पौधों का रोपण करके तथा ग्रहों की विशेष रूप से तैयार करवायी गयी मूर्तियों का विधि विधान से पूजन किया गया। करीब दो घंटे चले पूजन में प्रत्येक ग्रह के पौधे व मूर्ति का अभिषेक करने के उपरांत पूजन करके समूचे विश्व के लोगों के स्वस्थ्य रहने की कामना की गईं। आज के इस कार्यक्रम में नवग्रह आश्रम सेवा संस्थान के पदाधिकारियों के अलावा झुंझनु के नरेश सुरेलिया, साहित्यकार गोर्वधनलाल पारीक, गोपाल पारीक सहित अन्य सामाजिक कार्यकर्ता भी मौजूद रहे।
आश्रम संस्थापक आयुर्वेद विशेषज्ञ हंसराज चोधरी ने बताया कि समूचे क्षेत्र में इस प्रकार का यह अनूठा मंदिर केवल यहीं पर बनाया गया है। इससे आश्रम पहुंचने वाले रोगी अध्यात्म चिकित्सा के तहत मंदिर में नवग्रह के पौधों के सानिध्य में रहकर उपचार करा सकेगें। ग्रह के पौधों के पूजन से रोगियों के दोषों का भी निवारण हो सकेगा। मिट्टी की पारंपरिक कला के लिए मशहूर राजसमंद जिले के मोलेला गांव के प्रसिद्ध पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त वयोवृद्ध शिल्पकार मोहनलाल कुम्हार द्वारा नवग्रह आयुष मंदिर के लिए मुर्तियां तैयार की गई है।
चोधरी ने बताया कि शिल्प के इस बेजोड़ कलाकृतियों को साकार रूप देने के लिए आश्रम परिसर में स्थापित किये गये नवग्रह आयुष मंदिर इनको प्रतिस्थापित किया गया है। मंदिर में इन कलाकृतियो के साथ उस ग्रह से संबंधित पौधा, उसका नाम व विवरण का चार्ट तैयार कर लगाया गया है ताकि आश्रम में आने वाला प्रत्येक रोगी नवग्रह आयुष मंदिर में पहुंच कर अपने से संबंधित ग्रह का पौधा देख सके व उनके सानिध्य में कुछ समय बीता कर आनंद की अनुभूति कर सकें क्योंकि ग्रहों के पौधों का सानिध्य निश्चित रूप से व्यक्ति को आनंददायी जीवन ही देता है।

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