कई ठीये-ठिकानों पर जुटते हैं बातों के हुक्केबाज

पिछले ब्लॉग में क्लॉक टावर पुलिस थाने के बाहर कभी आबाद रहे ठीये, जिसे कि आपस बातचीत में सुविधा के लिए नाले शाह की मजार के नाम से संबोधित किया जाता था, का शब्द चित्र खड़ा करने की कोशिश की गई थी। इस किस्म के अनेक ठीये-ठिकाने अजमेर की शान रहे हैं। कुछ का नामो निशां मिट गया तो कुछ पर अब भी चंद लोग दिया जला कर उसे जिंदा रखे हुए हैं। कुछ रूप-रंग बदल कर अब भी अपना वजूद बरकरार रखे हुए हैं।
पिछले ब्लॉग की प्रतिक्रिया में दैनिक राज्यादेश व दैनिक मरु प्रहार के संपादक श्री गोपाल सिंह लबाना ने जानकारी दी है कि नाले शाह की मजार की तरह का ही एक और ठीया हुआ करता था। वे बताते हैं कि मदारगेट पर राधाकृष्ण गुरुदयाल मिष्ठान्न भंडार के पास बाटा की दुकान पर रात में चंद बुद्धिजीवी बतियाने को जमा हुआ करते थे। उनमें स्वयं लबाना के अतिरिक्त भभक पाक्षिक समाचार पत्र के भूतपूर्व संपादक व वरिष्ठ पत्रकार श्री एस. पी. मित्तल के पिताश्री स्वर्गीय श्री कृष्णगोपाल गुप्ता, श्री केवल राम वासवानी, ईश्वर लालवानी आदि शामिल थे। तब रात बारह बजे दैनिक नवज्योति अखबार आ जाता था, जिसे पढ़-पढ़ा कर, टीका-टिप्पणियां करके ही सभा विसर्जित हुआ करती थी। वे बताते हैं कि तब क्लॉक टावर पुलिस थाने के कोने में इंडिया पान हाउस के सामने दुकान के शेड के नीचे दैनिक नवज्योति के वरिष्ठ पत्रकार स्वर्गीय श्री श्याम जी व स्वर्गीय श्री जवाहर सिंह चौधरी के साथ भी बातों की हुक्केबाजी होती थी।
ऐसा ही पत्रकारों का अड्डा रेलवे स्टेशन के सामने स्थित शहर के जाने-माने फोटोग्राफर इन्द्र नटराज की दुकान पर भी सजता था, जहां विज्ञप्तिबाज विभिन्न अखबारों के लिए विज्ञप्तियां दे जाते थे। बौद्धिक विलास के लिए पत्रकारों का जमावड़ा जाने-माने पत्रकार श्री अनिल लोढ़ा के कचहरी रोड पर नवभारत टाइम्स के ऑफिस में भी होता था। वह पत्रकारिता की अनौपचारिक पाठशाला भी थी।
अखबार वालों व उनकी मित्र मंडली का नया ठिकाना वैशाली नगर में अजयमेरु प्रेस क्लब के रूप में विकसित हुआ है। यहां केरम खेलने व अन्य गतिविधियों के बहाने बुद्धजीवी रोज इक_ा होते हैं। इसके अधिष्ठाता दैनिक भास्कर के स्थानीय संपादक डॉ. रमेश अग्रवाल हैं। इससे पहले यह गांधी भवन में हुआ करता था।
यूं सबसे बड़ा व ऐतिहासिक ठिकाना शुरू से नया बाजार चौपड़ रहा है। न जाने कितने सालों से यह चौराहा शहर की रूह है। यहां से शहर की दशा-दिशा, बहुत कुछ तय होता रहा है।
इसी प्रकार सबको पता है कि अजमेर क्लब शहर के संभ्रात लोगों, व्यापारियों व रईसों का आधिकारिक ठिकाना है। वर्षों से इसके महंत पूर्व विधायक डा. राजकुमार जयपाल हैं। वे बिना शोरगुल किए अपनी राजनीतिक पृष्ठभूमि व मधुर व्यवहार के दम पर इसका संचालन कर रहे हैं।
इसी प्रकार पूर्व विधायक डॉ. श्रीगोपाल बाहेती के निवास स्थान की जाफरी वर्षों तक आबाद रही। यहां भी शहर की आबोहवा का थर्मामीटर हुआ करता था। अब वह शिफ्ट हो कर डॉक्टर साहब की क्लीनिक में आ गया है। इसी प्रकार धाकड़ कांग्रेस नेता श्री कैलाश झालीवाल का मदारगेट स्थित ऑफिस भी कई सालों से खबरनवीसों व कांग्रेस कार्यकर्ताओं का ठिकाना रहा है।
जवाहर लाल नेहरू अस्पताल के सामने स्थित मुड्डा क्लब भी शहर के बातूनियों का ठिकाना रहा है। वहां भी राजनीति का तानाबाना नापा जाता था। इसी प्रकार पलटन बाजार के सामने झम्मू की होटल कॉफी के शौकीनों के लिए आकर्षण का केन्द्र रही। मूंदड़ी मोहल्ले का चौराहा भी बतरसियों की चौपाल रही है। दरगाह इलाके में अंदरकोट स्थित हथाई भी किस्सागोइयों का जमघट लगाती है। इसी तरह शाम ढ़लते ही सुरा प्रेमियों का जमघट ब्यावर रोड पर दैनिक न्याय के पास फ्रॉमजी बार में लगता था।
ठीयों की बात हो और पान की दुकानें ख्याल में न आएं, ऐसा कैसे हो सकता है। खासकर तब, जबकि कोरोना महामारी के चलते लागू लॉक डाउन के कारण पिछले दो माह से ये बंद पड़ी हैं। वस्तुत: ये भी शहर की पंचायती करने वालों से सजती रही हैं। एक समय क्लॉक टावर थाने के नुक्कड़ पर इंडिया पान हाउस हुआ करता था, जो बाद में अतिक्रमण हटाओ अभियान में नेस्तनाबूत हो गया और बाद में सामने ही स्थापित हुआ। वह देर रात तक रोशन रहा करता है। इसी प्रकार स्टेशन रोड पर मजदूर पान हाउस, जनता पान हाउस, गुप्ता पान हाउस व चाचा पान हाउस, बजरंगगढ़ चौराहे पर शास्त्रीनगर की ओर जाने वाले रास्ते के नुक्कड़ पर स्थित दो दुकानें, हाथीभाटा के नुक्कड़ पर हंसमुख पान वाला, केन्द्रीय रोडवेज बस स्टैंड के ठीक सामने निहाल पान हाउस, रामगंज स्थित मामा की होटल आदि भी छोटे-मोटे ठीये रहे हैं। वैशाली नगर में सिटी बस स्टैंड पर गुप्ता पान हाउस पहले एक केबिन में था, जो बाद में एक बड़े डिपार्टमेंटल स्टोर में तब्दील हो गया। वहां पान की दुकान अब भी है। ऐसे कई और ठिये होंगे, जो मुझ अल्पज्ञानी की जानकारी में नहीं हैं। आपको पता हो तो इस सूची में इजाफा कर दीजिए।

-तेजवानी गिरधर
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