निरंजन आर्य के साथ यादगार संस्मरण

25 अगस्त 2001 को श्री निरंजन आर्य ने अजमेर कलक्टर का कार्यभार संभाला और अगले ही दिन 26 अगस्त को प्रात: लॉअर और टी शर्ट में स्वयं ही जिप्सी चलाकर पटेल मैदान पंहुच गये। जिप्सी को मैदान से बाहर दूर खड़ी कर यहाँ वॉलीबॉल ग्राउण्ड में पंहुच गये और ख़ुद भी पीछे खड़े रहकर खेलने लगे। नेट के पास खेल रहे खिलाड़ी ने स्मेस मारने वाले खिलाड़ी को लगातार बॉल ग़लत पास की तो खिलाड़ियों में ही कहा सुनी होने लगी,वॉलीबॉल कोच उन्हें कुछ समझा रहे थे इस बीच आर्य ने नेट पर खेलने का अनुरोध किया और स्मेस मारने वाले खिलाड़ी को लगातार शानदार बॉल पास की।खिलाड़ी ने हर बॉल पर स्मेस मारकर अपनी टीम को जीत दिला दी।वॉलीबॉल कोच व खिलाड़ियों ने आर्य की पीठ थपथपा दी। श्री आर्य पैदल ही चुपचाप पटेल मैदान से बाहर निकल कर इन्डोर स्टेडियम की ओर चले गये और बाद में दूर खड़ी जिप्सी से सर्किट हाउस चले गये।

प्यारे मोहन त्रिपाठी
दूसरे दिन का भी यही क्रम रहा। मैं भी इन्डोर स्टेडियम में बैडमिन्टन खेलकर बाहर थडी पर खिलाड़ियों व कोच के साथ चाय पी रहा था। श्री आर्य ने दो दिन चुपचाप स्टेडियम व बाहर की सभी गतिविधियों को नज़दीकी से देखा और दूसरे दिन ही सायं खेल अधिकारी व विभिन्न खेलों के कोच को कलक्ट्रेट हॉल में बुलाया। मुझे भी पहले ही अपने चैम्बर में बुला रखा था।कलक्टर श्री आर्य अपने चैम्बर से निकल कर सभागार में पंहुचे तो विभिन्न कोच विशेषकर वॉलीबॉल कोच जो दो दिन से इस युवक की पीठ थपथपा रहे थे के इनकी शक्ल देखकर होश उड़ गये।
उन्होंने सभी कोच को अधिकांश समय इन्डोर स्टेडियम के बाहर थडी पर बैठकर चाय पीने के साथ गप्पे लड़ाने के बजाय पूरे समय मैदान में रहकर खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने की सलाह दी। इसके पश्चात श्री आर्य के तीन साल के कलक्टर कार्यकाल में खिलाड़ियों, खेलों,कोच व खेलों से जुड़े सभी को पूरा प्रोत्साहन मिला।

प्यारे मोहन त्रिपाठी
संयुक्त निदेशक जनसम्पर्क (रि)
अजमेर

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