मंडल कार्यालय, अजमेर का 137 वर्ष पुराना इतिहास

विश्व विरासत दिवस (वर्ल्ड हेरिटेज डे) विशेष

दिनांक 18.04.2021 को विश्व विरासत दिवस (वर्ल्ड हेरिटेज डे) के अवसर पर अजमेर की ऐतिहासिक इमारत “मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय के ऐतिहासिक तथ्यों से आमजन को अवगत कराया जा
मंडल कार्यालय, अजमेर जिसे सामान्य रूप में मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय या डी आर एम का विशाल भवन 1884 से इतिहास को अपने में समेटे हुए है। यह शहर की उन कुछ बड़ी इमारतों में शामिल है जिनका निर्माण यदि नहीं हुआ होता तो अजमेर की ऐतिहासिक महत्ता अपेक्षाकृत कम होती । इसके निर्माण के पीछे अंग्रेजों की भूमिका बेशक सराहनीय है। इस मंडल कार्यालय की विशाल इमारत की योजना 1878 में तत्कालीन अंग्रेज अफसर एडवर्ड ब्रॉसफोर्ड ने बनाई थी। अजमेर में पहला ट्रेक रेवाड़ी से 01 अगस्त, 1875 में पहुचा और जल्द ही तत्कालीन सरकार को अजमेर के महत्व का अंदाजा हो गया और इस तरह वर्तमान मंडल कार्यालय के निर्माण की कल्पना साकार होने लगी। वर्ष 1879 रेलवे वर्कशॉप आगरा से अजमेर लाया गया। राजपूताना मालवा रेलवे के समय के बाद वर्तमान मंडल कार्यालय की इस भवन को पूर्व में इंजीनियर इन चीफ कार्यालय तथा बाद में जी.एल.ओ. (जनरल लाइजन आफिस) के नाम से पुकारा जाने लगा। इस विशालकाय भवन का निर्माण मई, 1881 में प्रारंभ हुआ तथा दिसम्बर, 1884 में पूर्ण हुआ। इस भवन की भव्यता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि इसकी लागत उस समय 3.5 लाख रूपये आई थी। राजपूताना मालवा रेलवे के समय कर्नल एफ. एस. स्पेंटन डायरेक्टर जनरल रेलवे तथा मेजर डब्ल्यू. एस. एस. बिसेट, मैनेजर राजपूताना मालवा रेलवे की उपस्थिति में कर्नल ई. आर. सी. ब्रॉसफोर्ड सीएसआई एजेन्ट के गर्वनर जनरल के द्वारा 08 मार्च, 1881 को इस भवन की नीव रखी गई।
इस भवन की डिजाईन बीडब्ल्यू ब्लड एसक्वायर (सुपरिंटेंडेंट ऑफ वे एंड वर्कस) तथा केप्टन एच एच कॉल के द्वारा तैयार की गई थी।
पश्चिम रेलवे के अंतर्गत 15 अगस्त, 1956 को तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री हरिभाऊ उपाध्याय द्वारा अजमेर मंडल का शुभारंभ किया गया था। दिनांक 1.8.1956 से दिनांक 13.2.1979 तक इसे मंडल अधीक्षक कार्यालय और उसके पश्चात अर्थात दिनांक 14.2.1979 से अब तक यह भवन मंडल रेल उत्तर पश्चिम रेलवे के रूप में संचालित है। जिसमे मंडल के सर्वोच्च अधिकारी मंडल रेल प्रबंधक श्री नवीन कुमार परसुरामका के नेतृत्व में विभिन्न विभागों के शाखाधिकारिओं द्वारा मंडल का प्रशासनिक
इस भवन की खासियत है कि सभी चीजों का सामान्य अनुपात की तुलना में काफी बड़ा होना। भवन के अंदर आते ही सबसे पहले बड़ी और चौड़ी सिढ़िया इस तकनीक के बनाई गई है कि बार बार चढ़ने और उतरने पर भी थकान का आभास नहीं होता। भवन के अंदर कमरे भी इतने बड़े और ऊँचे बनाये गये है कि सर्दी में गर्म व गर्मी में ठंडे रहते है। इस भवन पर अजमेर शहर वासियों को गर्व है

मुख्य जनसंपर्क निरीक्षक, अजमेर

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