अजमेर ने खो दिया हरदिल अजीज व जिंदादिल नेता

ओह। एक और जिंदादिल इंसान भौतिक रूप से जिंदा नहीं रहा। अजमेर ने अत्यंत सरल, सहज सुलभ, सुहृदय, हर दिल अजीज इंसान खो दिया। 78 साल की उम्र भी सतत सक्रिय इस जाने माने नेता को विश्णु माथुर के नाम से जाना जाता था। औपचारिक रूप से कांग्रेस पार्टी में थे, वैचारिक रूप से कांग्रेस विचारधारा के प्रति कटिबद्ध थे, मगर व्यावहारिक जीवन में कभी राजनीतिक भेदभाव नहीं किया करते थे। और यही वजह थी कि जब खाईलैंड मार्केट स्थित रतन होटल के प्रबंधक थे, तब वह होटल डॉ श्रीगोपाल बाहेती की जाफरी की तरह षहर का राजनीतिक ठीया हुआ करता था, जहां जुटने वाले अपने राजनीतिक मतभेद भुला अंदर प्रवेष किया करते थे।
सेना से सेवानिवृत्ति के बाद लंबे समय तक कांग्रेस से जुड कर जनसेवा में जुट गए। ब्लॉक अध्यक्ष, कांग्रेस सैनिक प्रकोश्ठ के अध्यक्ष, षहर जिला कांग्रेस के महासचिव व उपाध्यक्ष रहे। पार्टी में लगातार सक्रियता के बाद भी जब उन्हें 1995 में पार्टी का टिकट नहीं मिला तो अपने कायस्थ समाज और मित्रों के कहने पर वार्ड 30 से निर्दलीय खडे हो गए। उन्हें सफलता हासिल हुई। लोकप्रियता साबित होने पर बाद में कांग्रेस ने उन्हें 2000 व 2005 में वार्ड 50 एवं वार्ड 38 से टिकट दिया और लगातार तीन बार जीते चंद पार्शदों की सूची में षुमार हो गए।
वे कायस्थ समाज के षीर्श, सर्वमान्य व आदर्ष नेता भी रहे। समाज की आस्था के केन्द्र बीजासन माता के थान पर माई साते का मेला व फूल बंगला आयोजित करवाने में अहम भूमिका निभाई। इसी प्रकार खोबरानाथ भैंरो मंदिर के विकास और पुनर्निर्माण में अहम भागीदारी निभाई। मंदिर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए लगातार प्रयास किया। उसका विकास करने के लिए स्मार्ट सिटी योजना में षामिल करने के लिए हाल ही जिला कलेक्टर से मिले। इसी प्रकार पुष्कर रोड स्थित कायस्थ समाज के श्मशान स्थल को आदर्ष ष्मषान स्थल बनाना उनकी उपलब्धियों में षामिल है।
उनकी कमी इस षहर को सदा खलती रहेगी।
अजमेरनमा उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलिअर्पित करता है।

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