क्या पालिकाध्यक्ष अपनी कुर्सी बचा पाएंगे ?

केकड़ी 24 जनवरी (पवन राठी)नगर पालिका में कांग्रेस बनाम कांग्रेस पार्षदों के बीच चल रहे महाभारत को रोकने के मकसद से पूर्व चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा ने असंतुष्ट पार्षदों के दुख दर्द सुन डैमेज कंट्रोल के प्रयास तेज करते हुए पालिका अध्यक्ष कमलेश साहू को जबरदस्त लताड़ लगाते हुए सभी असंतुष्ट कांग्रेस पार्षदों के वार्ड में बिना किसी भेद भाव के विकास कार्य करवाने के निर्देश भी लगे हाथों पालिकाध्यक्ष कमलेश साहू को दिए और कहा कि सभी कांग्रेस पार्षदों के कार्य प्राथमिकता से किये जाए।
गौर तलब है कि पालिका में कांग्रेस का बोर्ड बनने से लेकर आज तक कांग्रेस के अनेक पार्षद पालिका अध्यक्ष की कार्यशैली से खफा चले आ रहे है और उक्त असंतुष्ट पार्षदों ने पालिकाध्यक्ष कमलेश साहू के विरुद्ध विगत दो सालों से मोर्चा खोला हुवा है।जिसकी पूरी जानकारी रघु शर्मा को थी परंतु अब तक वे खामोश थे।अब अचानक रघु का दिल क्यो और कैसे पिघला इसके पीछे का मुख्य कारण पालिका ध्यक्ष का आगामी दो वर्ष का कार्यकाल पूरा होना है यानी दो वर्षो बाद ही पालिका नियमो के अनुसार अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत किया जा सकता है जो आगामी 7 फरवरी 2023 को पूरे हो रहे है।
डॉ रघु शर्मा के डैमेज कंट्रोल के प्रयास क्या गुल खिलाते है यह तो फिलहाल भविष्य के गर्भ में दफन है।जिसका उत्तर आने वाला समय ही दे पाएगा।
असंतुष्ट पार्षद गणों के तेवरों में रघु शर्मा द्वारा किये गए प्रयासों के बाद भी कोई फर्क नजर नही आ रहा है।एक असंतुष्ट पार्षद ने नाम नही छापने की शर्त पर बताया कि कांग्रेस पार्षदों के साथ भेदभाव करने के आरोपी पालिका अध्यक्ष के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही नही होने पर 7 फरवरी के बाद कांग्रेस के सभी असंतुष्ट पार्षद सामूहिक रूप से इस्तीफा देकर पालिकाध्यक्ष को हटाने का मार्ग चुन सकते है।
यदि कांग्रेस के बागी पार्षद गण इस्तीफा देते है तो यह निश्चित है कि पालिका ध्यक्ष कमलेश साहू की कुर्सी खतरे में पड़ जाएगी।
क्या साहू अपनी कुर्सी बचा पाएंगे इस यक्ष प्रश्न का उत्तर तो आने वाला समय ही देगा।

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