क्या ख्वाम-ख्वाह ही है बारहदरी पर बने खामेखां के तीन दरवाजें ?

हास्य-व्यंग्य
अजमेर, सूफी संत ख्वाजा मोइनुध्दीन चिश्ती की दरगाह, तीर्थगुरू पुष्कर में ब्रह्माजी का मंदिर और जैनधर्म संबंधी सोनीजी की नसियां से ही मशहूर नही है. इसकी प्रसिध्दि का एक बडा कारण आनासागर की पाल, बारहदरी, पर बने खामेखां के तीन दरवाजें भी है. इन्हें खामेखां नामक किसी मुगल सरदार ने बनवायें थे या यह ख्वाम-ख्वाह(बेफिजूल) ही बने हुए है ? यह बात प्रसिध्द ईतिहासकारों कर्नल टॉड, गौरी शंकर हीरा चंद ओझा आदि की चर्चा का विषय तो रहा ही है लेकिन बदली परिस्थितियों में इसे सीबीआई की जांच का विषय भी बनाया जा सकता है. लोगों का ध्यान बंटाने के लिए जब रसगुल्ला बंगाल का है या उडीसा का, पर बहस हो सकती है तो खामेखां के तीन दरवाजों पर बहस वाजिब ही है.

शिव शंकर गोयल
बताते है कि जब पृथ्वीराज के नाना महाराजा अजयपाल ने अजमेर को बसाया था, पृथ्वीराज चौहान ने दिल्ली के साथ साथ इसे अपनी राजधानी बनाया था, संत चिश्ती ने इसे अपना मुकाम बनाया, और अकबर जब औलाद की कामना में, सजदा करने, यहां आया तब, इन दरवाजों का कही कोई हवाला नही है. चाहे तो आप आइने-अकबरी पढ लें या जहांगीर-नामा. यह भी हो सकता है कि जहांगीर-शाहजंहा के समय जब बारहदरी, चश्मेशाही, पीताम्बर की गाल इत्यादि बने तब इसका निर्माण हुआ हो. कुछ तो यहां तक कहते है कि इन दरवाजों की वजह से अजमेर, सदा रजवाडों से मुक्त रेजिडेन्सी रहा है (यहां प्रशासक, कमिश्नर होता था).
मदार गेट स्थित नगर परिषद के टाउन हॉल में कभी प्रसिध्द क्रांतिकारी श्यामजी कृष्ण वर्मा की तस्वीर टंगी होती थी जो यह दर्शाता है कि अजमेर का स्वतंत्रता आंदोलन में कितना महत्वपूर्ण स्थान रहा है. इतना ही नही स्वतंत्र भारत के प्रथम गृह मंत्री, लौह पुरूष, सरदार पटेल ने इसे राजपुताने से अलग सी स्टेट के रूप में रखा. 1 नवम्बर 1956 को इसका विलय राजस्थान में होगया.
कुछ क्षेत्रों में चर्चा यह भी है कि यह दरवाजें तीन ही क्यों है, ज्यादा भी तो हो सकते थे ? क्या मुगलकाल में भी यह नारा बुलन्द था “दो या तीन बस !” इस हिसाब से तो यह अच्छा हुआ कि यह दरवाजें तब बन गए वरना बाद में तो यह नारा लगने लगा था “…..दो ही अच्छे” मतलब यह कि एक जाने का और एक आने का दरवाजा.
कुछ जानकारों का अनुमान है कि अजमेर में तीन दरवाजें होने का एक कारण यह भी हो सकता है कि यहां सदा से ही तीन का बडा महत्व रहा है,आगे जांच में जो भी हो.

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