पुष्कर में इस बार कैसा होगा खेला?

तीर्थराज पुश्कर विधानसभा क्षेत्र में आगामी विधानसभा चुनाव का परिदृष्य क्या होगा, इस पर राजनीतिक पंडित माथा पच्ची कर रहे हैं। चूंकि भाजपा के सुरेष रावत लगातार दो बार जीते हैं और उनका जातीय समीकरण भाजपा के लिए अनुकूल है, इस कारण समझा जाता है कि इस बार भी उनको ही टिकट जाएगा। टिकट कटने का कोई विषेश कारण भी नहीं बनता। केवल एंटी इन्कंबेंसी फैक्टर का ख्याल रख कर ही नया प्रयोग किया जा सकता है। उधर कांग्रेस में लगातार दो बार हारी श्रीमती नसीम अख्तर इंसाफ को तीसरी बार भी टिकट दिया जाएगा, इस पर तनिक संदेह व्यक्त किया जा रहा है। हालांकि यह सही है कि हारने के बाद भी वे इलाके में लगातार सक्रिय हैं, संगठन की जिम्मेदारी भी बखूबी निभा रही हैं। साथ ही हाई कमान तक भी अपनी पहुंच रखती हैं, दूसरा कोई मुस्लिम दावेदार भी नहीं उभर पाया है, इस कारण उनका टिकट काटना कठिन प्रतीत होता है। सवाल सिर्फ यह है कि क्या मुस्लिम प्रत्याषी के लिए यह सीट अनुकूल नहीं। धु्रवीकरण के कारण। यही वजह है कि नए प्रयोग होने की चर्चा है। एक नाम है राजस्थान पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड का। राजपूत वोट बैंक के तहत उन पर विचार होगा। उनकी नजर अजमेर उत्तर पर भी है। कुछ लोग मानते हैं कि चूंकि उनकी अजमेर उत्तर में अधिक सक्रियता है, इस कारण पुश्कर उनकी दूसरी प्राथमिकता रहेगी। बताया जता है कि इस बार ब्राह्मण या वैष्य जाति के किसी प्रत्याषी पर दाव खेलने की सोच बन रही है। वैष्य वर्ग में पूर्व विधायक डॉ श्रीगोपाल बाहेती का नाम चर्चा में है। वे एक बार यहां से जीत भी चुके हैं। ब्राह्मण वर्ग में पूर्व चिकित्सा मंत्री डॉ रघु षर्मा के पुत्र सागर षर्मा का नाम उभर रहा है।

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