ज्ञान सारस्वत को कितने वोट मिलेंगे?

अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र के चुनाव में भाजपा के बागी निर्दलीय ज्ञान सारस्वत एक ऐसी गुत्थी हैं, जिसे सुलझाना चुनावी पंडितों के लिए कुछ मुष्किल है। इसकी वजह ये है कि ज्ञान सारस्वत को आखिर कितने वोट मिले हैं, इसको लेकर भिन्न भिन्न मत हैं। लंबी रेंज है। कुछ लोग जहां उन्हें सात हजार पर निपटा रहे है, वहीं कुछ मानते हैं कि वे दस हजार के आंकडे को पार कर जाएंगे। माहौल के मद्देनजर कुछ का अनुमान हैं कि वे पंद्रह हजार वोट हासिल कर लेंगे। कुछ उत्साहित लोग उन्हें बीस हजार वोट दे रहे हैं। और अति उत्साहित तो उन्हें जिता ही रहे हैं, जबकि वे जानते हैं कि जीतने के लिए कम से कम पैंतालीस से पचास हजार वोट चाहिएं।
ज्ञान सारस्वत के साथ एक फैक्टर यह भी है कि क्या उन्होंने केवल भाजपा के ही वोट बैंक में सेंध मारी है? इस बारे में जानकारों का मानना है कि उनकी लोकप्रियता के आगोष में कांग्रेस मानसिकता के वोट भी षामिल है। इसका मतलब वे कांग्रेस को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। हां, यह जरूर है कि उसका प्रतिषत तीस सत्तर या चालीस साठ हो सकता है। इसका संकेत कांग्रेस प्रत्याषी महेन्द्र सिंह रलावता भी दे चुके हैं कि ज्ञान ने उन्हें नुकसान पहुंचाया है। उनके इस तर्क में दम है कि देवनानी विरोध वोट का कुछ हिस्सा ज्ञान लेने में कामयाब हो गए, अन्यथा वह पूरा का पूरा उन्हें मिलता। कुछ जानकारों का मानना है कि अगर वे दस हजार वोट हासिल करते हैं तो भाजपा को ही अधिक नुकसान होगा, लेकिन अगर बीस हजार तक पहुंचे तो कांग्रेस को नुकसान का प्रतिषत बढ जाएगा। वजह यह कि भाजपा का वोटर एक सीमा तक व्यक्तिगत प्रभाव के चलते ज्ञान के खाते में गया होगा, उसके बाद देवनानी की एंटी कंबेंसी के चलते कांग्रेस अथवा फ्लोटिंग वोटर चपेट में आया होगा। हालांकि भाजपाइयों का मानना है कि ज्ञान दस हजार तक सिमटते हैं तो देवनानी जीत के करीब होंगे, मगर यह आंकडा बढता गया तो देवनानी का जीतना उतना ही कठिन हो जाएगा। कुल मिला कर मतदान के बाद बूथ वार समीक्षा हो चुकने के बाद भी कोई पक्के तौर पर यह नहीं कह सकता कि ज्ञान ने कितने वोट हासिल किए होंगे।

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