श्रीकिशन सोनगरा

जिले के प्रमुख कस्बे किशनगढ़ से राजनीति की शुुरुआत करने वाले अनुसूचित जाति के प्रमुख नेता श्रीकिशन सोनगरा का जन्म 5 सितंबर 1942 को श्री जीवनराम सोनगरा के घर हुआ। उन्होंने हायर सेकंडरी तक शिक्षा ग्रहण की और उसके बाद समाजसेवा में जुट गए। सन् 1989 में पहली बार अजमेर पूर्व के विधायक बने और दूसरी बार 1993 में चुने जाने पर राज्य सरकार में राज्य मंत्री रहे। वे सन् 1988 व 89 में दो बार प्रदेश भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष रह चुके हैं।
संगठन में भी उनकी अहम भूमिका रही है और सन् 1999 व 2000 में प्रदेश भाजपा मंत्री, 2000 व 2001 में प्रदेश भाजपा चुनाव प्रभारी, 2001-02, 2005-06 व 2006 से 2009 तक प्रदेश भाजपा महामंत्री रहे हैं। वे अनुसूचित जाति व गरीबों की कच्ची बस्तियों के उत्थान में रुचि रखते हैं। मधुर व्यवहार व सहज सुलभता के कारण लोकप्रिय हैं। नगर निगम चुनाव में जब मेयर पद के लिए सीधे चुनाव हुए व यह पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हुआ तो उनको प्रबल दावेदार माना गया, मगर ऐन वक्त पर डॉ. प्रियशील हाड़ा को प्रत्याशी बनाया गया। उनके पुत्र श्री विकास सोनगरा भी राजनीति में सक्रिय हैं और अजमेर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के दावेदार माने जाते हैं।

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