घटना से पहले छप गई खबर

क्या आप इस बात पर यकीन करेंगे कि किसी घटना से पहले खबर छप सकती है। यानि घटना बाद में हो और खबर पहले ही छप जाए। ऐसा असंभव है। लेकिन एक बार ऐसा हुआ। हुआ यूं कि भूतपूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय श्री मोहन लाल सुखाडिया की भीलवाडा में सभा होनी थी। कार्यक्रम रात का था। उसका कवरेज उसी रात को करना कठिन था। तब संचार माध्यम आज जितने तेज नहीं थे। समाचार पत्र प्रबंधन ने राजस्थान के जाने माने वरिश्ठ पत्रकार स्वर्गीय श्री सी एल माथुर को जिम्मेदारी सौंपी। प्रबंधन के दबाव में उन्होंने कह दिया कि कोई दिक्कत नहीं है। मुझे पता है कि वे सभा में क्या बोलेंगे। उन्होंने खबर बना दी। छप गई। उधर हुआ यूं कि मुख्यमंत्री का दौरा अचानक स्थगित हो गया। बडी भद पिटी। दिलचस्प बात ये रही कि अगले दिन जब मुख्यमंत्री की सभा हुई तो उन्होंने वही सब कुछ बोला, जो कि अखबार में पहले से छप चुका था। असल में स्वर्गीय श्री माथुर स्वर्गीय श्री सुखाडिय़ा के प्रेस अटैची और राज्य मंत्रीमंडल के संपर्क अधिकारी रहे थे। इस कारण उन्हें अंदाजा था कि वे सभा में क्या बोल सकते हैं। है न दिलचस्प वाकया।

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