विधानसभा चुनाव में अजमेर में होगा जोरदार शक्ति प्रदर्शन

भाजपा की लंबे समय ये चल रही अंतर्कलह का एक समझौते तहत हुए समाधान के साथ प्रदेश के राजनीतिक समीकरण बदल गए हैं। ताजा हालात पर एक जागरूक पाठक ने कुछ अपने तरीके से समीक्षा की है। अपनी पहचान छिपाते हुए उन्होंने जो पोस्ट भेजी है, उसे चौपाल के इस कॉलम में प्रस्तुत किया जा रहा है। उन्होंने जो संभावनाएं जाहिर की हैं, उसके अर्थ क्या हो सकते हैं, ये आप सुधि पाठकों पर निर्भर है। पेश है हू ब हू रिपोर्ट:-
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद पर वसुंधरा की ताजपोशी एवं कांग्रेस चुनाव प्रभारी के रूप में सचिन पायलट की संभावित नियुक्ति की संभावना से अजमेर के राजनीतिक हलकों में जोरदार चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। एक ओर जहां सचिन पायलट अजमेर का लोकसभा में प्रतिनिधित्व करते हैं तो दूसरी और जिले के वसुंधरानिष्ठ भाजपाई भी उम्मीदों की आशा लिये बैठे हैं। यदि पायलट को राज्य की कमान सौंपी जाती है तो सीधे-सीधे यह तय है कि वर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को राज्य की राजनीति से केन्द्र में ले जाया जा सकता है। गहलोत साहब यदि इसके लिये तैयार नहीं हैं तो खामियाजा प्रदेश कांग्रेस को अप्रत्यक्ष रूप से उठाना पड़ सकता है। वर्तमान परिस्थिति को दृष्टिगत रखा जाये तो प्रतीत होता है कि चिंतन शिविर में राहुल गांधी द्वारा सचिन पायलट से उद्बोधन करवाना एवं शीशराम ओला से फीड बेक लेना बहुत कुछ संकेत दे जाता है और उसके बाद से गहलोत द्वारा प्रशासन गांवों के संग अभियान एवं आसींद-गुलाबपुरा में नहीं पहुंचना बताता है कि कहीं न कहीं उनके सियासी दावपेच उलझ रहे हैं। हालांकि गहलोत जैसा राजनीतिक घाघ इस प्रदेश में अभी आरोहित नहीं हुआ है, लेकिन सियासत में व्यक्ति, स्थान, समय अनुसार ही निर्णय लिये जाते हैं। यही कारण है कि पिछले चार माह में सचिन की दौरों से दूरी रखने वाले केकड़ी वाले डॉ. साहब मसूदा में सचिन के दौरे में शामिल होने पहुंच गये क्योंकि उन्हें पायलट की नियुक्ति के बाद खुद पर होने वाले वज्रपात का आभास है।
सूचना यह है कि दूसरी ओर भाजपा ने एक कदम आगे चलते हुए जिले की आठों विधानसभा सीटों के लिये संभावित उम्मीदवार तय कर लिये हैं, जिनकी समय आने पर घोषणा कर दी जायेगी। विश्वस्त सूत्रों ने तो मजबूत उम्मीदवारों के नाम तक बता दिये हैं, जो कि यूं हैं-
1. अजमेर दक्षिण से-श्रीमती अनीता भदेल एवं हेमन्त भाटी
2. अजमेर उत्तर से-वसुंधरा खेमे से पार्षद ज्ञान सारस्वत एवं संघ से वासुदेव देवनानी। यदि सारस्वत को टिकट मिलता है एवं सरकार आती है तो देवनानी लोक सेवा आयोग/हाउसिंग बोर्ड के अध्यक्ष हो सकते हैं।
3. नसीराबाद से-रासासिंह रावत या सांवरलाल जाट।
4. केकडी से-निहारिका गुर्जर या डॉ.भागचन्द जैन, रिटायर्ड सीएमएचओ।
5. मसूदा से-सांवरलाल जाट, शान्ति लाल गुर्जर, भंवर सिंह पलाड़ा।
6. ब्यावर से-शंकरसिंह रावत।
7. पुष्कर से-सलावत खां, भंवरसिंह पलाड़ा।
8. किशनगढ़ से-निहारिका गुर्जर या सुरेश टाक।
दूसरी ओर कांग्रेस ने भी अपने तीन सीटों के पत्ते तैयार कर रखे हैं:-
1. किशनगढ़ से-कीर्ति चौधरी।
2. ब्यावर से स्नेहलता मंगल, कल्पना भटनागर, गोपनीय सर्वे से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत को भी उतारा जा सकता है।
3. मसूदा से सारा पायलट या रमा पायलट।
कुल मिला कर सियासी हलचलों से ऐसा ही लग रहा है कि इस बार अजमेर में काफी राजनीतिक कशमकश होने वाली है।

error: Content is protected !!