किसे चाहिए अन्ना पार्टी का विधानसभा टिकट?

कीर्ति पाठक

हालांकि टीम अन्ना ने अभी यह घोषणा मात्र की है कि वह आंदोलन छोड़ कर अब सीधे राजनीति के मैदान में दो-दो हाथ करेगी, पार्टी का नाम व स्वरूप क्या होगा, घोषणा पत्र कैसा होगा, यह अभी तय नहीं है, मगर अभी से यह चर्चा होने लगी है कि अजमेर में अन्ना पार्टी से चुनाव कौन लड़ेगा।
असल में यूं तो पहला दावा टीम अन्ना की मौजूदा प्रभारी श्रीमती कीर्ति पाठक का बनता है, जिन्होंने अजमेर में विपरीत परिस्थितियों में भी जिंदा रखा, दूसरा गुट मौजूद होने के बाद भी अपने गुट को दमदार बनाए रखा, मगर फिलवक्त वे चुनाव लडऩे की इच्छुक नजर नहीं आतीं। हो सकता है कि उनके लिए यह नया सवाल होने के कारण इस बारे में तुरंत निर्णय करना कठिन हो रहा हो। वैसे यह तय है कि अन्ना पार्टी अपना प्रत्याशी मैदान में जरूर उतारेगी। इसकी वजह ये कि उसे अभी इस बात की चिंता नहीं है कि उसके प्रत्याशी हार जाएंगे, बल्कि पहला लक्ष्य ये है कि पूरे देश में ज्यादा से ज्यादा वोट हासिल किए जाएं, ताकि आयोग से मान्यता मिलने में आसानी रहे। अन्य पार्टियां भी इसी तरह से करती रही हैं। जोर जिताऊ पर रहता है, मगर हराऊ को भी खड़ा किया जाता है। वो इसलिए कि वह हारने वाला जितने भी वोट लेकर आएगा वह राष्ट्रीय स्तर पर उसे मिले वोटों की गिनती में शामिल होगा। इसी सिलसिले में उदाहरण तो ऐसे भी हैं कि कुछ पार्टियों ने पैसे दे कर भी प्रत्याशी उतारे हैं। अलबत्ता अन्ना पार्टी के पास इतना फंड नहीं कि वह प्रत्याशी पर पैसे खर्च कर सके। यानि कि प्रत्याशी को पूरी तरह से खुद के दम पर ही चुनाव लडऩा होगा। अलबत्ता कुछ प्रचार सामग्री जरूर मिल जाएगी।
खैर, हालांकि फिलवक्त कीर्ति पाठक भले ही चुनाव लडऩे के लिए मना कर रही हों, मगर संभव है ऐन वक्त पर पार्टी कहे कि पार्टी के खाते में वोट दर्ज करवाने के लिए ही शहीद हो जाओ। तब पार्टी की खातिर उन्हेें मन को मारना पड़ सकता है। यूं टीम अन्ना के दूसरे गुट की श्रीमती प्रमिला सिंह भी दावेदार हो सकती हैं। उनमें तनिक राजनीतिक महत्वाकांक्षा भी नजर आती रही है। मगर दोनों गुटों में जिस तरह की खींचतान है, लगता नहीं कि कीर्ति पाठक इतनी आसानी से उन्हें टिकट लेने देंगी। वैसे भी टीम अन्ना की अधिकृत प्रभारी कीर्ति पाठक ही बताई जाती हैं।

प्रमिला सिंह

समझा जाता है कि कांग्रेस व भाजपा के टिकटों की दावेदारी करने वाले नेताओं में से भी कुछ की लार टपक रही हो। वे इस फिराक में हो सकते हैं कि अगर उनकी पार्टी टिकट नहीं देती तो अन्ना पार्टी के बैनर तले चुनाव लड़ लेंगे। कयास के आधार पर फिलहाल उनके नामों पर चर्चा इस कारण बेमानी है, क्योंकि लिस्ट काफी लंबी हो जाएगी। इनमें कुछ ऐसे भी हो सकते हैं, जो जीतने के लिए नहीं, बल्कि किसी को हराने के लिए खड़े होने को तैयार हो जाएंगे। ऐसा लगता है कि कुछ नए चेहरे केवल अपना नाम चमकाने की खातिर ही टिकट के दावेदार बन जाएं। हार भले ही जाएं, मगर अन्ना पार्टी का ठप्पा तो लग ही जाएगा।
वैसे अन्ना पार्टी का प्रत्याशी किसको नुकसान पहुंचाएगा, यह तो प्रत्याशी पर ही निर्भर करेगा कि वह किस पार्टी से नाराज हो कर आ रहा है, मगर ज्यादा संभावना इसी बात की है कि कांग्रेस को ज्यादा नुकसान होगा। जो मतदाता भ्रष्टाचार व महंगाई से त्रस्त हो कर भाजपा की ओर जा सकता था, उसे दूसरा विकल्प जो मिल रहा है। वैसे भी अन्ना टीम धर्मनिरपेक्षता पक्षधर है, इस कारण ज्यादा सेंध कांग्रेस पार्टी में ही डालेगी।
माना कि अभी इस मुद्दे पर चर्चा करना बतोलेबाजी लगे, मगर आगे चल कर इन्हीं समीकरणों पर चुनाव मैदान सजेगा।

-तेजवानी गिरधर

1 thought on “किसे चाहिए अन्ना पार्टी का विधानसभा टिकट?”

  1. have they ran the movement of Anna for Ticket, it is very shameful.Nobody is honest in this country.

Comments are closed.

error: Content is protected !!