न्यास की वेबसाइट जनता से छुपा रही है जरूरी जानकारियां

Ù»ÚU âéÏæÚU ‹Øæâ1. वेबसाइट पर वर्ष 2007-08 का बजट प्रदर्शित है, जबकि वर्ष 2013-14 का बजट पास हो चुका है, उसे ही वेबसाइट पर डाला जाना चाहिए ताकि जनता यह जान सके कि न्यास ने किन-किन मदों में क्या बजट बनाया है तथा क्या कार्य हाथ में लिए जाने हैं?
2. सूचना के अधिकार अधिनियम की धारा के अनुसार प्रत्येक सरकारी, अद्र्ध-सरकारी संस्था को अपनी वेबसाइट पर सिटीजन चार्टर डालना आवश्यक है, परन्तु अजमेर नगर सुधार न्यास की वेबसाइट पर यह सिटीजन चार्टर का कॉलम गत तीन वर्षों से अंडर कन्स्ट्रक्शन बताया जा रहा है। दूसरी अन्य सभी नगरों की वेबसाइट पर यह सिटीजन चार्टर प्रदर्शित है।
3. न्यास के सभी कार्य न्यास की सभा में न्यासियों की मीटिंग में सम्पन्न होते हैं, जिसकी कार्यवाही मिनिट बुक में दर्ज होती है। न्यास को कम से कम गत दो-तीन वर्ष की मिनिट बुक की प्रतियां इस वेबसाइट पर डालनी चाहिए ताकि जनता जान सके कि न्यास की क्या योजनाएं हैं व किन शर्तों पर लागू की जाने वाली हैं?
4. न्यास की वेबसाइट पर जनता के उन प्रार्थना पत्रों की तारीख-वार सूची डाली जानी चाहिए, जिनकी विभिन्न कार्यों के लिए जैसेे- नियमन, लीज डीड आदि, ताकि जनता जान सके कि उसका काम किस स्थिति में है। इससे यह भी पता लगेगा कि किसी कार्य के पैंडिंग होने की क्या स्थिति है? इससे भ्रष्टाचार भी रुकेगा और यह पता लगेगा कि पहले प्राप्त प्रार्थना पत्र का निपटारा पहले क्यों नहीं हुआ?
5. नगर सुधार न्यास से सम्बन्धित नगरीय विकास विभाग, जयपुर के विभिन्न सक्र्यूलर्स न्यास की वेबसाइट पर होने चाहिए। इनके अभाव में जनता को बार-बार सक्र्यूलर्स की कॉपी के लिए आवेदन करना पड़ता है व कई बार जनता को नवीनतम सक्र्यूलर्स की जानकारी नहीं होती है और मजबूरन वह ठगा जाता है।
विदित हो कि नगर सुधार न्यास ने अपनी वेबसाइट उदयपुर की एक फर्म से 99 लाख से अधिक की रकम देकर बनवाई है, परन्तु देखा जाए तो यह पैसा व्यर्थ में ही गया है क्योंकि इस पर जनता की तकलीफ दूर करने की जानकारियां तो उपलब्ध ही नहीं हैं।
न्यास के वर्तमान अध्यक्ष, जो स्वयं जिला कलैक्टर हैं, को उपरोक्त बातों व तथ्यों की जांच करनी चाहिए और विसंगतियों का तुरन्त दूर करने के आदेश देने चाहिए। वे स्वयं यह जांच करें कि अन्य नगरों की वेबसाइट पर जो सूचनाएं डाली जा रही हैं क्या वे सभी अजमेर की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।

जानकारियां छुपाने के लिए बहाना बनाने की कहानी, पत्रों की जुबानी

शिकायती पत्र, जो जिला कलैक्टर को लिखा गया
अजयमेरु नागरिक अधिकार एवं जन चेतना समिति
अजयमेरु ना.जनचेतना/जन अभाव 1/2012
दिनांक: 15-10-12
सेवा में,
श्री जिला कलैक्टर,
जन अभाव अभियोग निराकरण सतर्कता समिति, अजमेर।
विषय: नगर सुधार न्यास अजमेर की वेबसाइट पर सिटीजन चार्टर, महत्वपूर्ण सक्र्यूलर सहित अन्य सूचनाएं उपलब्ध नहीं कराने बाबत
महोदय,
उपरोक्त विषयान्तर्गत लेख है कि नगर सुधार न्यास अजमेर की वेबसाइट पर कई महत्वपूर्ण सूचनाएं नहीं डाली जा रही हैं, जिनमें से कुछ का विवरण निम्र प्रकार है:
1. सिटीजन चार्टर, 2. वर्ष 2011-12 एवं 12-13 का बजट, 3. ट्रस्ट एवं ट्रस्टियों की जानकारी, 4. न्यास कार्यवाही विवरण (मिनिट बुक) की जानकारी वर्ष 2011 एवं वर्ष 2012, 5. न्यास द्वारा अजमेर में बनाई गई अब तक की सभी आवासीय योजनाओं का विवरण, 6. नगरीय विकास विभाग जयपुर द्वारा नवीनतम नोटिफिकेशन संख्या क्रमांक: प.3(50)नविवि/03/2012 जयपुर दिनांक: 21.09.2012 की जानकारी, 7. यूआईटी से संबंधित नगर सुधार न्यास अधिनियम 1959 एवं विभिन्न अरबन डवलपमेंट लॉज।
विदित हो कि न्यास द्वारा यह अपै्रल 2010 में एक करोड़ रुपए की लागत से कॉन्ट्रेक्ट पर बनवाई गई थी, परंतु इसमें नागरिकों के उपयोग हेतु सामग्री कभी डाली ही नहीं गई। नगर सुधार न्यास उदयपुर, जेडीए जयपुर व अन्य नगर सुधार न्यासों की वेबसाइट पर जहां यूआईटी संबंधित जनोपयोगी सभी सक्र्यूलर दिये जाते हैं, वहीं अजमेर की वेबसाइट पर यह सामग्री नहीं है। कृपया उपरोक्त बिंदुओं की जांच कर नगर सुधार न्यास की वेबसाइट पर सभी आवश्यक जानकारियां डलवाने हेतु आवश्यक निर्देश देने का कष्ट करें। धन्यवाद।
भवदीय
एन.के. जैन
(जन संपर्क प्रभारी)

शिकायत की सुनवाई का पत्र
एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली
राजस्थान सरकार
कलेक्टे्रट, अजमेर
प्राप्ति रसीद
दिनांक: 17-06-2013
प्रेषित,
एन.के. जैन जन संपर्क प्रभारी,
अजयमेरु नागरिक अधिकारी एवं जन चेतना समिति, नाका मदार, अजमेर
विषय: भूमि संबंधी।
महोदय,
निर्देशानुसार लेख है कि आपकी शिकायत पत्र नं. द्वारा दिनांक 01-11-2012 को इस कार्यालय को प्राप्त हो गई है।
आपके अभ्यावेदन पर विचार व परीक्षण पर उचित स्तर से कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। संबंधित विभाग से सूचना प्राप्त की जा रही है। परिवेदना की कार्यवाही में कम से कम 15 दिन का समय लगेगा।
आपके अभ्यावेदन का पंजीयन क्रमांक २०१२स््रछ्वरूश्व१०८० है। भविष्य में इस अभ्यावेदन की स्थिति की जानकारी द्धह्लह्लश्च://ह्यह्वद्दड्डद्वह्म्श्चद्द.ह्म्ड्डद्भ.ठ्ठद्बष्.द्बठ्ठ पोर्टल से प्राप्त की जा सकती है। कृपया पत्र व्यवहार में पंजीयन क्रमांक का उल्लेख अवश्य करें।
आपकी शिकायत को कार्यवाही के लिए सचिव नगर विकास न्यास, नगरीय विकास अजमेर को भेजा गया है।
जिला कलेक्टर
कलेक्टे्रट अजमेर
आप द्वारा प्रस्तुत शिकायत को ई-सुगम पोर्टल पर दर्ज कर आवश्यक कार्यवाही हेतु संबंधित विभाग को भिजवा दिया गया है। अत: आप दिनांक 21-06-2013 को दोपहर 12.00 बजे जिला कलेक्टे्रट, अजमेर के सभागार में आयोजित होने वाली जनसुनवाई में उपस्थित हों, ताकि संबंधित विभाग द्वारा आपकी शिकायत पर की गई कार्यवाही से आपको अवगत कराया जा सके।
प्रभारी,
ई-सुगम प्रकोष्ठ, अजमेर

न्यास ने समस्या के निराकरण के बजाय बहाना बनाते हुए ये दिया जवाब
अजयमेरु नागरिक
कार्यालय नगर सुधार न्यास, अजमेर
क्रमांक/न्यास/लेखाशाखा/प.5/2003/ दिनांक
निमित्त:-
जिला कलक्टर,
जन शिकायत निवारण प्रकोष्ठ,
अजमेर।
विषय: नगर सुधार न्यास अजमेर की वेबसाइट पर सिटीजन चार्टर महत्वपूर्ण सरक्यूलर सहित अन्य सूचनाएं उपलब्ध नहीं करने बाबत।
संदर्भ: ई-सुगम पंजीकरण 2013 स््रछ्वरूश्व 1080/दिनांक 01-11-2012
महोदय,
उपरोक्त संदर्भित शिकायत के क्रम में निवेदन है कि इस प्रकार की (सिटीजन चार्टर महत्वपूर्ण सरक्यूलर) सुविधा नगर सुधार न्यास, नियमों में नहीं है।
सचिव,
नगर सुधार न्यास,
अजमेर
क्रमांक/न्यास/लेखाशाखा/प.5/2003/9491 दिनांक: 11-7-13
प्रतिलिपि सूचनार्थ:
1. श्री एन.के. जैन जन संपर्क प्रभारी निवासी अजयमेरु नागरिक अधिकार एवं जन चेतना समिति, नाका मदार, अजमेर
सचिव,
नगर सुधार न्यास,
अजमेर

मुख्यमंत्री जी कृपया यहां ध्यान दीजिए
मामला यह है कि अजमेर नगर सुधार न्यास ने जो वेबसाइट एक करोड़ रुपये में अपैल 2010 में बनवाई, वह इसके निर्माण के समय से ही जानबूझ कर अधूरी बनाई गई है और वे सब जानकारियां, जो पारदर्शिता के लिए आवश्यक हैं, उन्हें इस वेबसाइट पर नहीं डाला गया और न ही अभी तक डाला जाता है। नीचे दिए पत्र और न्यास द्वारा दिए गए जवाब से यह स्पष्ट है कि किस तरह वेवसाइट के मैटर को यह कह कर निबटाया गया है कि इस तरह की सूचना देने के लिए न्यास में कोई प्रावधान नहीं है।
अजमेर नगर सुधार न्यास के भ्रष्टाचार कि किस्से सभी को मालूम हैं। दो चेयरमैन इस्तीफा देकर यहां से रुखसत हुए हैं। मुद्दतों से अनेक कर्मचारी अपनी सीटों पर डटे हुए हैं। लोगों के सैकड़ों पत्रों का जबाव न्यास नहीं देता। कोई इनकी कार्यवाही को चैक करने वाला नहीं है। पारदिर्शिता के लिए आज वेबसाइट की अनिवार्यता सभी विभागों में है, परन्तु यहां की न्यास को न जाने कौन से गॉडफादर का संरक्षण मिल जाता है कि नीचे के अधिकारियों को जनता की तकलीफों का जबाव भी देने की जरूरत नहीं पड़ती। और एकाएक अध्यक्ष को हटाने जैसे कदम उठ जाते हैं।
राज्य के मुख्यमंत्री जी को इस ओर ध्यान देना चाहिए और अजमेर में नगर सुधार न्यास के कारण अपनी छवि पर लग रहे दाग को धोना चाहिए।
अजयमेरु टाइम्स से साभार

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