ऐसी महिलाएं क्या फैलाएंगी कांग्रेस का संदेश?

saba khanएक ओर जहां प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्रीमती वसुंधरा मौजूदा कांग्रेस सरकार की खामियां गिना कर सत्ता में आना चाहती हैं, वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार की उपलब्धियों के दम पर फिर काबिज होना चाहते हैं। इसी सिलसिले में दोनों अपनी अपनी यात्राओं पर निकले हुए हैं। कांग्रेस सरकार की अपने कार्यकर्ताओं से भी यही उम्मीद है कि वे आम जनता को सरकारी की उपलब्धियों व योजनाओं के बारे में जानकारियां दें। इस मामले में स्थानीय महिला कांग्रेस तो फिसड्डी ही साबित होती नजर आ रही है।
बीते दिनों अखिल भारतीय महिला कांग्रेस कमेटी की सचिव एवं राजस्थान प्रभारी परमिंदर कौर अजमेर आई तो उन्होंने शहर महिला कांग्रेस की पदाधिकारियों से वार्तालाप की। उसमें यह तथ्य उजागर हो गया कि अधिकांश महिला पदाधिकारी पार्टी की रीति-नीति के बारे में नहीं जानती। महिला कांग्रेस की ऐसी दयनीय हालत पर अखबारों में खूब छीछालेदर हुई। मीडिया ने बाकायदा इस बात को रेखांकित किया कि कुछ पदाधिकारियों को तो इस बात की जानकारी भी नहीं थी कि उन्हें पार्टी में किस पद की जिम्मेदारी दी गई है। एक वार्ड अध्यक्ष का तो अपनी नियुक्ति की अवधि का ही पता नहीं था।
ऐसे में सवाल उठता है कि कांग्रेस का यह अग्रिम संगठन पार्टी के किस काम आएगा? जिन महिला नेत्रियों को पार्टी की रीति-नीति का पता नहीं वे क्या खा कर जनता को पार्टी का संदेश देंगी। ऐसी हालत देख कर तो यही लगता है कि यह संगठन केवल नाम मात्र का है। जहां तक शहर महिला कांग्रेस अध्यक्ष का सवाल है, बेशक वे सतत सक्रिय नजर आती हैं। गाहे-बगाहे जब बोलने का मौका मिलता है तो सधी हुई भाषा में बोलती हैं। सरकार व कांग्रेस संगठन का शायद ही कोई कार्यक्रम हो जिसमें वे नजर नहीं आती हों। अखबारों में भी इस कारण नजर आ जाती हैं कि उन्हें फोटोग्राफरों के एंगल का अच्छी तरह से पता है। अर्थात फुलटाइम पॉलिटिक्स कर रही हैं। अब तो अजमेर उत्तर सीट के लिए दावेदारी भी कर चुकी हैं, जो यह साबित करता है कि वे काफी महत्वाकांक्षी हैं ओर दूर तक चलने वाली हैं। उनका एक पहलु जरूर तारीफ-ए-काबिल है। वो यह कि वे पिछली अध्यक्षों की तरह हुड़दंग नहीं करतीं। और अध्यक्षों की तरह उन्हें रुतबा गालिब करते हुए भी नहीं देखा गया है। लगातार मुख्य धारा में ही रहती हैं, इसी कारण आम तौर पर विवादों से बची हुई हैं। मगर यदि उनकी टीम इतनी लचर है तो वह किस काम की। न कांग्रेस के लिए और न ही उनकी खुद की दावेदारी के लिए। जाहिर है उनके चयन में कहीं न कहीं गड़बड़ है। वरना उन्हें राजस्थान प्रभारी परमिंदर कौर के सामने शर्मिंदगी नहीं झेलनी पड़ती।
-तेजवानी गिरधर
7742067000

2 thoughts on “ऐसी महिलाएं क्या फैलाएंगी कांग्रेस का संदेश?”

  1. Dear Tejwani ,

    Your analysis is correct .Its bed luck of indian national congress that mostly mantri and organization don”t know the congress Principal and Policies .how can they make good relation with people and they have not any responsibility to congress party Only they make personal image in front of administration Or all comes in congress to make business and they come with approach,mostly all politician in ajmer are fake and they makes congress party reputation down .Only the baheti is the real congress leader in ajmer who works positively in Congress party

  2. ye prampra to upar se chal rahi hai aapke hi lekh me Ajmer DCC ke bare me likha hai. Jab DCC hi sust hai to mahil congress se kya shikayat. Ajmer me UIT Raj me sabse fissaddi hai abhi tak. No Niyaman No Patta. Bas chal raha hai.

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